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क्रिकेट धर्म पर भारी फुटबॉल फीवर

१२ जून २०१२

भारत और पाकिस्तान में क्रिकेट को धर्म का दर्जा हासिल है और क्रिकेट के बडे़ खिलाड़ी को भगवान का. पर इन दिनों यूएफा यूरो 2012 की वजह से पैदा हुए फुटबॉल फीवर ने पूरे उप महाद्वीप को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.

तस्वीर: Reuters

जेंटलमैन्स गेम कहे जाने वाले क्रिकेट के लिए लोगों की आस्था पीछे छूट गई है. ताकत और ट्रिक का खेल फुटबॉल अपना रंग जमाने लगा है. भारत, पाकिस्तान, बंग्लादेश में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनका फुटबॉल के प्रति झुकाव बढ़ा है. भारत और जर्मनी के खेल परिदृश्य पर नजर रखने वाली अनुराधा चौधरी कहती हैं, "फुटबॉल मैंचो के सीधे प्रसारण से इसका काफी प्रचार हुआ है. फुटबॉल के साथ मनोरंजन भी जुड़ा हुआ है. इसीलिए इसका तेजी से विस्तार हो रहा है."

दिल जीतने वाले 90 मिनट

कराची की एक विज्ञापन एजेंसी में काम करने वाले उमर जावेद भी मानते है कि आज के युवाओं को 90 मिनट का खेल ज्यादा लुभाता है. क्रिकेट कई बार बहुत लंबा और बोरिंग हो जाता है. पाकिस्तान में इस समय फुटबॉल के उतने प्रशंसक हैं जितने पहले कभी नहीं थे. डॉयचे वेले से बातचीत में जावेद का कहते हैं, "मैं इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. मैंने अपने टेरेस में एक बड़ा एलसीडी स्क्रीन लगाया और दोस्तों को मैच देखने के लिए बुलाया है."

कुछ यही हाल भारत का भी है. मुंबई में रहने वाले शरद ने तो अपने कैफे का नाम ही ब्रिटेन के फुटबॉल कप के नाम पर मैनचेस्टर यूनाइटेड रख लिया है. उनका कहना है, "हमने फुटबॉल के आकार का मेनू कार्ड बनाया है. खिलाड़ियों के नाम की जर्सी और टी शर्ट भी हम बेच रहे हैं. यूरो कप का लुत्फ उठाने के लिए हम विशेष तरह की कॉफी और ड़्रिंक भी तैयार कर रहे हैं."

तस्वीर: DW

मेसी से रोनाल्डो तक

मुंबई के स्कोर बार के मालिक कहते हैं कि उन्होने यूरोकप के लिए अलग से बड़े-बड़े टीवी स्क्रीन लगाए हैं. कुछ फुटबॉल प्रेमियों के लिए खिलाड़ी उनकी टीम से बढ़कर हैं. मुंबई की रहने वाली जेविथा रमन पुर्तगाल के स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को काफी पसंद करती हैं. दिव्या प्रसाद भी फुटबॉल देखना पसंद करती हैं लेकिन उनकी शर्त है कि मैदान में बर्सिलोना के लियोनेल मेसी, खावी हर्नांदेज, आंद्रियास इनिएस्टा और ग्रेरार्ड पीक जैसे खिलाड़ी होने चाहिए. इन खिलाड़ियों को ध्यान में ही रखकर वह कहती हैं कि स्पेन इस बार की सबसे बढ़िया टीम है.

दूसरे खिलाड़ी जो भारतीय उपमहाद्वीप में काफी लोकप्रिय हैं उनमें इंग्लैंड के वेन रूनी, जर्मनी के बास्टियान श्वाइनश्टाइगर और नीदरलैंड्स के वेस्ले स्नाइडर प्रमुख हैं. मुंबई की एक एक्सपोर्ट फर्म में काम करने वाले आर गणेश कहते हैं कि वह यूएफा यूरो 2012 सिर्फ रोनाल्डो का खेल देखने के लिए देखते हैं. वह बताते हैं, "रोनाल्डो के खेल में बहुत सारी खूबियां हैं. वह खेल को किसी भी वक्त बदल सकता है. मेरी दूसरी पसंद इंग्लैंज का रूनी है. मैं रूनी को उसके आक्रामक खेल के लिए पसंद करता हूं. लंबे लंबे पास देने की उनकी काबिलियत भी बेजोड़ है."

तस्वीर: DW

स्पेन से उम्मीदें

जहां तक बात राष्ट्रीय टीमों की है स्पेन को लेकर लोग सबसे ज्यादा उत्साहित हैं. लोगों का कहना है कि स्पेन के जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है. कुछ दूसरे लोग जर्मनी और नीदरलैंड्स को बराबरी का दावेदार मानते हैं. फ्रांस, पोलैंड और यूक्रेन की टीमें भी उलटफेर करने का माद्दा रखती हैं.

इस्लामाबाद की रहने वाली जकारिया जुबैर का कहना है कि इस बार फिर स्पेन जीतेगा. ऐसा मानने की वजह भी है. स्पेन की टीम रियाल मैड्रिड और एफसी बार्सिलोना के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों से मिलकर बनी है.

रिपोर्ट: तनुश्री शर्मा संधू / विश्वदीपक

संपादन: ईशा भाटिया

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