1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्रिकेट पर फिर फिक्सिंग का काला साया

अनवर जे अशरफ (संपादनः ए कुमार)२४ मई २०१०

कोई दस साल पहले दिल्ली पुलिस ने पहली बार क्रिकेट में एक नए खेल का खुलासा किया था. ऐसा खेल जिसका शक तो सालों से था लेकिन पहली बार सबूत सामने आया. मैच फिक्सिंग. नए आरोपों के साथ यह गडबड़ घोटाला फिर चर्चा में है.

फंदे में कामरान अकमलतस्वीर: AP

मैच फिक्सिंग के मामले यूं तो दुनिया भर के क्रिकेट में छाए रहे लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाया हमेशा अपने खेल से चौंकाने वाली टीम पाकिस्तान ने. पाकिस्तान क्रिकेट कब किस मैच में कौन सा नतीजा दे देगी, इसका अनुमान लगाना नामुमकिन है. यह टीम कभी 1992 का वर्ल्ड कप जीत भी सकती है, तो कभी सिर्फ 175 रन का पीछा करते हुए सिडनी टेस्ट हार भी सकती है.

अकमल का आरोपों से इनकारतस्वीर: AP

हाल के दिनों के तूफानी बल्लेबाज और शानदार विकेटकीपर बन कर उभरे कामरान अकमल बुरी तरह फंस चुके हैं. क्रिकेट बोर्ड को भी उन पर एतबार नहीं रहा और साथी खिलाड़ियों को भी. अकमल जैसे होनहार विकेटकीपर ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन कैच छोड़े और एक पक्का रन आउट गंवा दिया, उन पर शक लाजिमी भी है. हालांकि अकमल खुद इस बात से इनकार करते हैं. वह कहते हैं, "जो मुझे कहना था जांच समिति के सामने कह दिया है. मेरा ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर है और मैं इन चक्करों में नहीं पड़ता हूं. लेकिन जो इल्जाम लग रहे हैं, उन पर अफसोस होता है."

पाकिस्तान क्रिकेट पर मैच फिक्सिंग ऐसा अभिशाप है, जिससे यह कभी उबर नहीं पाया. कभी इसने महान गेंदबाज वसीम अकरम को अपनी चपेट में ले लिया तो कभी तेज तर्रार बल्लेबाज सलीम मलिक ऐसा फंसे कि जीवन भर क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लग गया. मलिक के साथ अता उर रहमान पर भी 2000 में आजीवन पाबंदी लगी, जो तब उठी, जब दोनों क्रिकेटरों का करियर वैसे ही खत्म हो जाना था.

अकरम के दामन पर भी लगे फिक्सिंग के दागतस्वीर: AP

क्रिकेट के महान कप्तानों में शामिल हैन्सी क्रोन्ये और मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट जीवन भी फिक्सिंग के आरोपों के बीच खत्म हो गया लेकिन पाकिस्तान का क्रिकेट कभी मैच फिक्सिंग विवाद से उबर नहीं पाया. दरअसल टीम ऐसे हैरानी भरे नतीजे देती आई है कि जिस पर सहसा विश्वास ही नहीं होता. तभी तो पिछले साल की वर्ल्ड टी 20 चैंपियन टीम जब चैंपियन्स ट्रॉफी में न्यूजीलैंड से हार गई, तो कप्तान यूनुस खान पर फिक्सिंग के आरोप मढ़ दिए गए. फिर जब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी धरती पर पाकिस्तान का तीनों तरह की क्रिकेट में सूपड़ा साफ कर दिया, तो टीम फिर इस विवाद में घसीट ली गई. इसी दौरान शाहिद अफरीदी गेंद चबाते हुए कैमरे पर पकड़ लिए गए तो कामरान कैच छोड़ते हुए. पर कामरान फिक्सिंग के सबूत मांगते हैं.

पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन पर पीसीबी की बैठक का कुछ दिन पहले एक वीडियो लीक हुआ जिसमें सभी अधिकारियों ने कामरान अकमल के मैच फिक्सिंग में शामिल होने का शक जताया है. लेकिन अकमल को यह बात नागवार गुजरी है और उन्होंने धमकी दी है कि अगर पूर्व कोच आकिब जावेद और इंतिखाब आलम ने उनसे माफी नहीं मांगी तो वह उनके खिलाफ मुकदमा ठोंक देंगे.

फिक्सिंग के आरोपों की भेंट चढ़ा अजहरूद्दीन का करियरतस्वीर: UNI

मैच फिक्सिंग पर नकेल कसने के साथ ही सट्टेबाजों ने भी धंधे में नया ट्विस्ट दे दिया. अब मैच के नतीजे फिक्स करने की जगह वे स्पॉट फिक्सिंग करने लगे. पूरी टीम को साथ नहीं मिला पाए, तो कोई बात नहीं. एक दो खिलाड़ी को मिला लो, तो भी चलेगा. सट्टा लगने लगा है कि किसी एक ओवर में कितनी नो बॉल होंगी या कितनी वाइड बॉल. किसी गेंदबाज के लिए ऐसा सौदा करना मुश्किल नहीं. हाल ही में पाकिस्तान के स्पिनर दानिश कनेरिया भी इंग्लैंड में पकड़े गए और पुलिस ने उनसे फिक्सिंग पर पूछताछ की.

सबसे बड़ी मुश्किल फिक्सिंग को साबित करने की है. कोई भी क्रिकेटर इसे मान नहीं सकता और क्रिकेट बोर्ड अपना दामन बचाने के चक्कर में उन्हें क्लीन चिट दे देता है. दूसरी मुश्किल खुद उन खिलाड़ियों की है, जो इस दलदल में पांव धर देते हैं. माफिया सरगनाओं से मिलीभगत रखने वाले खतरनाक सट्टेबाज उनके लिए शीशे के इस घर में आने के दरवाजे तो खुले रखते हैं, लेकिन इससे बाहर नहीं जाने देते.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें