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क्रिकेट विश्वकप के दौरान भिखारी मुक्त ढाका

२६ जनवरी २०११

कॉमनवेल्थ के खेलों के दौरान दिल्ली के अनुभवों को अब विश्वकप के खेलों में भी परखा जाएगा. ढाका में खेलों के आयोजन के दौरान सड़कों से भिखारियों को हटाने के बारे में सोचा जा रहा है.

भिखारी नहीं दिखेंगे.तस्वीर: picture-alliance/ dpa

विदेश से आने वाले मेहमानों के सामने मेजबान शहर की सजी-संवरी तस्वीर पेश करने के लिए दिल्ली में भिखारियों को विशेष शिविरों में बंद रखा गया था या उन्हें शहर के बाहर खदेड़ दिया गया था. अब यही नुस्खा ढाका में भी अपनाया जा रहा है. विश्वकप के दौरान वहां शहर की सड़कों से भिखारियों और खोमचे वालों को हटा लिया जाएगा.

बांगलादेश की गृहमंत्री सहारा खातून ने आज बुधवार को कहा कि उनका मंत्रालय पुलिस विभाग और नगर के अधिकारियों को हिदायत देगा कि वे विश्वकप सुरक्षा समिति द्वारा इस सिलसिले में दी गई सलाहों को मान कर चलें. उन्होंने कहा कि यह काफी संभव है कि उस दौर के लिए शहर के भिखारियों को समाज कल्याण मंत्रालय के शिविरों में भेज दिया जाए.

गृहमंत्री खातून ने साथ ही प्रस्ताव दिया है कि ढाका में 17 फरवरी को सार्वजनिक छुट्टी का दिन घोषत कया जाए. उस दिन बांगलादेश की राजधानी में विश्वकप का उद्घाटन समारोह होगा. साथ ही वे ढाका में होने वाले अन्य मैचों के दिन भी छुट्टी की घोषणा के बारे में सोच रहे हैं. भारत और श्रीलंका के साथ बांगलादेश भी विश्वकप के मेजबान देशों में शामिल है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भट्टाचार्य

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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