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क्रोएशिया को यूरोपीय संघ का हिस्सा बनाओ: पोप

४ जून २०११

पोप बेनेडिक्ट 16वें दो दिन की क्रोएशिया यात्रा पर हैं. बहुसंख्यक कैथलिक ईसाइयों वाले देश पहुंचने से पहले पोप ने कहा कि क्रोएशिया को जल्द ही यूरोपीय संघ का हिस्सा बन जाना चाहिए. देश में संदेह की भावना.

Pope Benedict XVI receives a bunch of flowers from a child after his arrival at the International airport of Zagreb in Croatia, 04 June 2011. The Pope is in Croatia for a two day pastoral visit. Foto: Michael Kappeler dpa +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पोप ने कहा कि क्रोएशिया का यूरोपीय संघ का हिस्सा बनना "तार्किक, उचित और आवश्यक" है. क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब जाते हुए विमान में पत्रकारों से बात करते समय पोप ने यह बात कही.

पोप का क्रोएशिया आना देश के भविष्य के लिए एक अच्छे संकेत के रूप में देखा जा रहा है. क्रोएशिया में वकील मारिया पेरिसिक कहता हैं, "उनके यहां आने से हमारा अपने धर्म में विश्वास और गहरा तो होगा ही, साथ ही इसका यहां की राजनीति पर भी असर पड़ेगा. यह क्रोएशिया के लिए अपनी पहचान पाने जैसा है. उनकी मौजूदगी हमें दुनिया भर के गिरजाघरों से जोड़ देगी."

संदेह की भावना भी

क्रोएशिया में यूरोपीय संघ का हिस्सा बनने के परिणामों को लेकर संदेह की भावना है. क्रोएशिया में राष्ट्रवादी ताकतें यूरोपीय देशों से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने क्रोएशिया को स्वतंत्रता पाने में सहयोग नहीं दिया. 44 लाख की आबादी वाले क्रोएशिया में 90 प्रतिशत आबादी कैथलिक ईसाइयों की है. ऐसे में संदेह धार्मिक मान्यतायों के लुप्त होने का भी है. जाग्रेब की यूनिवर्सिटी में धर्मशास्त्र के प्रोफेसर एंटन तमारुत कहते हैं, "कुछ कैथलिक ईसाइयों को डर है कि यूरोपीय लोगों के बड़े परिवार का हिस्सा बन जाने के बाद हम अपनी धार्मिक विरासत को खो देंगे."

विमान में पत्रकारों से बात करते हुए पोप बेनेडिक्ट 16वेंतस्वीर: picture-alliance/dpa

पारिवारिक मूल्यों पर उपदेश

पोप क्रोएशिया में ईसाई मान्यताओं पर बात करेंगे. पोप का मानना है कि अधिकतर यूरोपीय देश धर्मनिरपेक्ष होने के कारण ईसाई मान्यतायों से दूर होते जा रहे हैं. रविवार को पोप जाग्रेब में पारिवारिक मूल्यों पर बात करेंगे. क्रोएशिया के लोगों में पोप की यात्रा को लेकर ख़ासा उत्साह देखा जा रहा है. भारी संख्या में लोगों के पोप की इलक पाने उम्मीद कर रहे हैं.

45 वर्षीय इगोर टॉमलिएनोविक भी पोप का दीदार करने पहुंचे हैं. वह कहते हैं, "मैं बहुत खुश हूं और खुद को बहुद खुशनसीब समझता हूं." अध्यापक के तौर पर काम करने वाले टॉमलिएनोविक कहते हैं कि वह रविवार को परिवारों के लिए आयोजित किए जा रहे खास कार्यक्रम में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पहुंचेंगे.

हालांकि पोप के पहुंचने से पहले शुक्रवार शाम कुछ नास्तिक लोगों ने पादरियों द्वारा बच्चों के यौनशोषण के खिलाफ रैली निकाली. उन्होंने रैली में गर्भ निरोधन का भी समर्थन किया गया.

विरोध से दूर पोप के अपने कार्यक्रम हैं. पोप कार्डिनल एलॉयजिए स्टेपीनात्स की कब्र पर प्रार्थना करेंगे, जिन्हें कैथलिक चर्च द्वारा संत की उपाधि दी गई है. पिछले साल नवंबर में स्पेन जाने के बाद से यह पोप की पहली विदेश यात्रा है. 2005 में पोप बनने के बाद से वह अब तक 19 विदेश यात्राएं कर चुके हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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