क्वात्रोकी के ख़िलाफ़ मुक़दमा बंद
३० सितम्बर २००९मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इटली के विवादास्पद व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोकी के खिलाफ सभी मामले बंद करना चाहती है क्योंकि उसके प्रत्यर्पण की सभी कोशिशें सुबूतों के अभाव में विफल रही हैं. क्वात्रोकी को गाँधी परिवार के बेहद नजदीकी लोगों में गिना जाता है और उस पर स्वीडन से बोफोर्स तोपों की खरीद में करोड़ों रुपये की दलाली खाने का आरोप है.
ये तोपें उस समय ख़रीदी गयी थीं जब राजीव गाँधी देश के प्रधानमंत्री थे. विपक्ष ने उनके खिलाफ तीखा अभियान चलाया था जिसके फलस्वरूप कांग्रेस 1989 का लोकसभा चुनाव हार गयी थी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से भारत के सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया कि सरकार ने 2004 के दिल्ली हाई कोर्ट के उस निर्णय की रोशनी में क्वात्रोकी के खिलाफ सभी मामले बंद करने का फैसला लिया है जिसमें अदालत ने कहा था कि बोफोर्स तोपों की खरीद में भ्रष्टाचार का मामला नहीं बनता.
सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिन्दर सिंह इससे सहमत नहीं. जोगिन्दर सिंह का कहना है कि क्वात्रोकी के खिलाफ काफ़ी सुबूत हैं और वह स्वयं स्विट्जरलैंड जाकर संबंधित दस्तावेज़ भारत लाये थे. बीजेपी ने इस मसले पर सरकार की तीखी आलोचना की है. पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीबीआई ने राजनीतिक दबाव के तहत क्वात्रोकी को बचाने की बार-बार कोशिश की है क्योंकि उसकी पहुँच बहुत बड़ी है.
लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अब समय आ गया है जब इस अध्याय को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने याद दिलाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भी क्वात्रोकी का मलेशिया से प्रत्यर्पण नहीं करवा पायी थी. इसी बीच केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि सरकार विपक्ष को खुश करने के लिए क्वात्रोकी पर मुक़दमे नहीं चला सकती.
रिपोर्ट: कुलदीप कुमार, नई दिल्ली
संपादन: महेश झा