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खतरे का घर बांग्लादेशी फैक्ट्रियां

१५ मार्च २०१४

ढांचे की समस्या है, सुरक्षा की समस्या है. बांग्लादेश में कपड़ों की फैक्ट्रियों में समस्या ही समस्या है. शुरुआती 10 जांच रिपोर्टों के बाद ये बात सामने आई. पिछले साल बांग्लादेशी फैक्ट्री हादसे में 1100 मजदूर मारे गए थे.

तस्वीर: JEWEL SAMAD/AFP/Getty Images

पश्चिमी देशों की कपड़ा कंपनियों ने रिपोर्ट तैयार की है. इसमें बताया गया है कि इन इमारतों में बिजली और ढांचागत बदलाव की जरूरत है. एचएंडएम, जारा और वालमार्ट जैसी कंपनियों के लिए कपड़े यहां तैयार होते हैं. ज्यादातर इमारतों में बाहर निकलने और आग बुझने के इंतजाम नहीं हैं. इमारतों में जरूरत से ज्यादा लोग रह रहे हैं. कई जगह छज्जों में दरार है, खराब मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है और जगह जगह बिजली की नंगी तारें दिखती हैं.

पिछले साल हुआ जबरदस्त हादसातस्वीर: Reuters

नवंबर और दिसंबर में इन इमारतों की जांच हुई. इसके बाद दो कंपनियों की फैक्ट्रियां बंद कर दी गईं. हालांकि फैक्ट्रियां बंद करने से बांग्लादेश में नाराजगी है. वाणिज्य मंत्री तूफैल अहमद का कहना है, "फैक्ट्रियां बंद करने से देश में सामाजिक और आर्थिक समस्या पैदा हो सकती है." रिपोर्ट में कपड़ा बनाने वाली कंपनियों से कहा गया है कि वे तीन से छह महीने के भीतर इन कमियों को दूर करें. हालांकि इन जगहों पर पश्चिमी देशों की बड़ी कंपनियों के कपड़े तैयार होते हैं और सालाना 20 अरब डॉलर का राजस्व बनता है लेकिन बांग्लादेश के लोगों को इस बात में शक है कि इतने कम समय में यह काम पूरा हो पाएगा.

बांग्लादेश गारमेंट मैनुफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर संघ के उपाध्यक्ष नसीरुद्दीन अहमद चौधरी का कहना है, "हम लोग इंस्पेक्टरों की सलाह पर नजर रखे हुए हैं." इसी संघ के दूसरे सदस्य शहीदुल्लाह अजीम का कहना है कि रिपोर्ट में बताई गई कुछ बातों पर तो फौरन अमल किया जा सकता है लेकिन सुरक्षा से जुड़ी कुछ बातों को पूरा करने में लंबा वक्त लगेगा.

हालांकि इन चिंताओं के बावजूद अंतरराष्ट्रीय इंस्पेक्टरों का कहना है कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि बदलाव हो जाएंगे. अंतरराष्ट्रीय संस्था के एलन रॉबर्ट्स का कहना है कि सुरक्षा से जुड़े कुछ बदलाव पूरे भी कर लिए गए हैं. उनका कहना है कि लोगों और उत्पादकों को यह बताने की जरूरत है कि इन समस्याओं को हल किया जा सकता है.

बुरी हालत में काम करते लोगतस्वीर: picture-alliance/dpa

पिछले साल अप्रैल में बांग्लादेश की एक कपड़ा फैक्ट्री राना प्लाजा हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें 1100 लोग मारे गए थे. इसके बाद कई फैक्ट्रियों में आग भी लगी. बांग्लादेश में करीब 40 लाख लोग कपड़ा कारखानों में काम करते हैं. अप्रैल के हादसे के बाद पश्चिमी कंपनियों ने कहा कि वे स्थिति में सुधार के लिए मदद कर सकते हैं. यहां ज्यादातर सस्ते कपड़े बनते हैं.

सुधार के लिए जो टीम बनी है, उसमें बांग्लादेशी तकनीशियनों के अलावा पश्चिमी इंजीनियर शामिल हैं. 38 लोगों की यह टीम बांग्लादेश में हर महीने करीब 250 फैक्ट्रियों की जांच करना चाहती है. इनमें आग से बचाव के तरीकों, बिजली उपकरण और ढांचागत चीजों पर नजर रखी जाएगी.

एजेए/एएम (डीपीए)

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