खराब फील्डिंग ले डूबी: तेंदुलकर
१६ अप्रैल २०११![](https://static.dw.com/image/5496530_800.webp)
फॉर्म में चल रहे सचिन तेंदुलकर ने आईपीएल में अपना पहला शतक जड़ा. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन 1990 के दशक वाले तेंदुलकर जैसे नजर आए और उन्होंने 66 गेंदों में नाबाद सेंचुरी जड़ दी. अंबाति रायडू ने भी अच्छी लय बरकरार रखते हुए 53 रन मारे. इस तरह मुंबई ने दो विकेट खोकर 182 रन बनाए.
टी20 के लिहाज से 183 रन का लक्ष्य शानदार था. कोच्चि टस्कर केरल से जीत की उम्मीदें भी कम ही लगाई जा रही थीं. लेकिन मलिंगा, हरभजन सिंह और मुनाफ पटेल जैसे गेंदबाजों से सजी मुंबई इंडियंस कोच्चि का पहला विकेट गिराने के लिए ही तरस गई. मलिंगा, भज्जी, पोलार्ड और मुर्तजा की खूब धुनाई हुई.
कभी कभार चलने वाले ब्रैडम मैक्कुलम शुक्रवार को रंग में दिखे और अकेले मुंबई पर भारी पड़ गए. मैक्कुलम और कोच्चि के कप्तान महेला जयवर्धने के बीच पहले विकेट के लिए 128 की साझेदारी हुई. मलिंगा ने अंत में अपने दो ओवरों में दो विकेट गिराकर कोच्चि को कमजोर करने कोशिश जरूर की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. सलामी बल्लेबाजों के जाने के बाद रवींद्र जडेजा और ब्रैड हॉज ने आतिशी शॉट्स खेले और 19वें ओवर में जीत हासिल कर ली. मुंबई के गेंदबाजों में सिर्फ मुनाफ ही सफल रहे. उन्होंने तीन ओवर में 15 रन दिए, बाकी की खूब सुताई हुई.
सचिन के मुताबिक बेहतर फील्डिंग की वजह से कोच्चि की जीत हुई. उन्होंने कहा, ''बल्लेबाजी और गेंदबाजी में दोनों ही टीमें एक जैसी रहीं लेकिन कोच्चि की फील्डिंग बेहतर थी. उन्होंने कोई भी कैच नहीं छोड़ा. हमने ऐसे मौके गंवाए. अब जरूरत इस बात की है कि आगे हम ऐसी गलतियां न दोहराएं.''
सचिन के मुताबिक आखिरी दस ओवरों में हुई खराब फील्डिंग की वजह से मुंबई इंडियंस को पहली हार मिली. वहीं जीत से उत्साहित कोच्चि के कप्तान महेला जयवर्धने ने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, ''अब हर किसी को अहसास हो जाना चाहिए कि हम क्या क्या कर सकते हैं.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार