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खर ने जगाई बेहतर रिश्तों की आस

२७ जुलाई २०११

भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों का कहना है कि उनके ऊपर रिश्तों को नया मोड़ देने की जिम्मेदारी है ताकि क्षेत्र में तनाव कम हो सके. दोनों दे्शों के बीच कई साल से लटकी वार्ता बहाल हुई.

कृष्णा और खर की मुलाकाततस्वीर: dapd

इस बातचीत से किसी को बड़ी कामयाबी की उम्मीद नहीं रही है, लेकिन दोनों देशो के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत इस बात का संकेत जरूर है कि वे संबंधों को सामान्य बनाने का इरादा रखते हैं. 79 वर्षीय भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और 34 वर्षीय पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने बुधवार को नई दिल्ली में मुलाकात की जिसमें भरोसा बढ़ाने वाले कदमों पर बात हुई. इसमें जम्मू कश्मीर में नियंत्रण के रेखा के आरपार व्यापार और आवाजाही में छूट देना भी शामिल है. पिछले साल दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत फेल हो गई थी.

हालांकि इस बातचीत से कश्मीर के विवादित मुद्दे और चरमपंथियों से निपटने के मामले पर मौजूद मतभेदों को दूर किए जाने की संभावना नहीं है. कृष्णा के साथ पाकिस्तानी की सबसे युवा और पहली महिला विदेश मंत्री खर ने कहा, "हम सकारात्मक सोच के साथ यहां आए हैं. हम समझते हैं कि दोनों देशों रिश्ते अतीत की बातों में नहीं उलझे रहने चाहिए."

अमन की आशा

अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को बेहतर करने के लिए अपनी कोशिशें बढ़ा दी हैं. पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने नई दिल्ली दौरे पर दोनों देशों से आग्रह किया कि मिल कर रिश्तों पर काम करें ताकि क्षेत्र को स्थिर किया जा सके. 1947 में आजादी मिलने के बाद दोनों देश तीन लड़ाई लड़ चुके हैं जिनमें से दो कश्मीर के मुद्दे पर हुई हैं.

पाकिस्तान की सबसे युवा विदेश मंत्रीतस्वीर: AP

बुधवार को भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की 2008 के मुंबई हमलों के बाद पहली सफल बातचीत हुई. 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों में 166 लोग मारे गए और इनके लिए पाकिस्तान स्थित चरमपंथी गुटों को जिम्मेदार माना जाता है.

पिछले दिनों भी मुंबई में तीन धमाके हुए जिनमें 24 लोगों की जान गई और 130 से ज्यादा घायल हो गए. लेकिन इसके लिए भारत ने पाकिस्तान पर आरोप नहीं लगाए. पुलिस ने धमाकों के संदिग्धों की पहचान कर ली है जो घरेलू चरमपंथी गुट इंडियन मुहाजिदीन से बताए जाते हैं.

अफगान एंगल

अमेरिका जल्द ही अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं हटाना चाहता है. ऐसे में वह भारत और पाकिस्तान सीमा पर शांति चाहता है ताकि अफगानिस्तान को स्थिर करने में उसे पाकिस्तान से मदद मिल सके. वैसे अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देश अपना दबदबा कायम रखना चाहते हैं जो रणनीतिक लिहाज से बहुत अहम माना जाता है.

कृष्णा ने कहा कि शांति सिर्फ दोनों देशों के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए और उससे भी परे पूरी दुनिया के लिए जरूरी है. दोनों देशों के बीच अच्छे माहौल में बातचीत हुई. हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी है कि क्या इन कोशिशों से आपसी अविश्वास दूर होगा और उन घरेलू मुद्दों से निपटा जा सकेगा जो प्रगति में बाधा बनते हैं.

पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर बातचीत को आगे बढ़ाने का इच्छुक है जबकि भारत का कहना है कि 2008 के मुंबई हमलों के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन राजनयिकों का कहना है कि बातचीत के लिए सबसे अच्छा है कि उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाए जिन पर कम विवाद है.

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ खरतस्वीर: AP

'मिल जाएगी मंजिल'

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि 'रिश्ते सही पटरी पर आगे' बढ़ रहे हैं जबकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बातचीत को सहयोग के 'नए अध्याय' का नाम दिया. कृष्णा ने कहा, "हमें कुछ दूरी तय करनी है, लेकिन खुले दिमाग और रचनात्मक सोच के साथ. मुझे विश्वास है कि हम दोस्ताना और सहयोगात्मक रिश्तों की अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं."

हालांकि खर मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचने के बाद तुरंत कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मिलीं जिससे बातचीत का माहौल पहले ही थोड़ा असहज हो गया. एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने कहा कि यह कोई अच्छा विचार नहीं था और इससे शांति की जारी प्रक्रिया में कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा.

खैर दोनों विदेश मंत्रियों ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को पूरे दक्षिण एशिया की शांति के लिए जरूरी बताया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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