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ख़ौफ और दहशत का नाम है सूनामी

२४ दिसम्बर २००९

प्राकृतिक आपदाओं में सूनामी तबाही का दूसरा सबसे बड़ा नाम है. 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सूनामी लहर ने भारत सहित दुनिया कई देशों में भारी तबाही मचाई. इस आपदा में ढाई लाख से भी ज़्यादा लोगों की जान गई.

तस्वीर: AP

पांच साल पहले सूनामी में हुई जान माल की भारी तबाही की वजह से 26 दिसम्बर की तारीख कई लोगों के लिए सबसे बदनसीब बन गई है. इस त्रासदी ने इतिहास के पन्नों पर ऐसा खौफ पैदा किया कि सूनामी का नाम सुनते ही लोगों में दहशत फैल जाती है. 2004 में भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया में हिन्द महासागर में उठी लहर की वजह से कई शहरों में सूनामी का कहर बरपा था.

सूनामी का सबसे ज़्यादा असर इंडोनेशिया, दक्षिण भारत और श्रीलंका में पड़ा. 2004 में सुनामी से 13 प्रभावित देशों में भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बंगलादेश हैं.भारत में सूनामी की वजह से 730.000 लोग विस्थापित हुए. इस विपदा से निपटने और पुर्ननिर्माण के लिए सरकारी सहायता और निजी दान के रूप में 13.6 अरब डॉलर खर्च किए गए.

तस्वीर: AP

हिंद महासागर में 9.15 की तीव्रता वाले भूकंप ने सूनामी लहर पैदा की जिससे भारत और इंडोनेशिया सहित कई देशों में लाखों लोग मारे गए. पांच साल बाद संयुक्त राष्ट्र ने एशिया में सबसे अधिक तबाही के शिकार देशों के सरकारों को चेतावनी दी है आपदा और जोखिम से निपटने के देश अपने विकास फंड का दसवां हिस्सा बचाकर रखें.

दिसम्बर 2004 में सुमात्रा द्वीप के तट के पर आए ज़बरदस्त भूकंप से सूनामी की शुरुआत हुई, जिससे सबसे ज़्यादा इंडोनेशिया प्रभावित हुआ. सबसे ज़्यादा लोग सुमात्रा द्वीप पर मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए. समुद्र से आती सूनामी लहरों से अपनी जान बचाने के लिए लाखों मछुआरे दूर भागे लेकिन पलक झपकते ही तेज़ लहरों ने लोगों को मौत की आगोश में ले लिया.

भारत में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल सहित अंडमान निकोबार द्वीप समूह में आई सूनामी की वजह से हज़ारों लोग मारे गए. तमिलनाडु में कड्डलोर ज़िला बुरी तरह प्रभावित हुआ और पड़ोसी राज्य पांडिचेरी में भी तबाही हुई.

क्या है सूनामी

सूनामी एक जापानी शब्द है, जिसका मतलब है बंदरगाह के पास की लहर. दरअसल ये बहुत लंबी यानी सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली लहरें होती हैं. समुद्र के भीतर अचानक जब बड़ी तेज़ हलचल होने लगती है तो उसमें उफान उठता है जिससे लंबी और बहुत ऊंची लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है जो ज़बरदस्त आवेग के साथ आगे बढ़ती है.

इन्ही लहरों के रेले को सूनामी कहते हैं. सूनामी लहरों के पीछे वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा असरदार कारण है, भूकंप. इसके अलावा ज़मीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, विस्फोट और कभी कभी उल्कापात के असर से सूनामी लहरें उठती हैं.

रिपोर्टः सरिता झा

संपादनः ए जमाल

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