ख़्वाब ही बना रह सकता है आईआईटी
१९ अक्टूबर २००९आईआईटी के स्तर का हवाला देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ''अभी 12वीं में 60 फीसदी अंक लाने वाले छात्र आईआईटी-जेईई की परीक्षा दे सकते हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.''
सिब्बल के मुताबिक 2011 से आईआईटी की परीक्षा वही छात्र दे सकेंगे, जिनके 12वीं में नंबर इससे कहीं बहुत ज़्यादा होंगे. इसके साथ ही सरकार ने आईआईटी के निदेशकों की एक समिति भी बना दी है. ये समिति नई परीक्षा प्रणाली की समीक्षा करेगी और नए नियम तय करेगी.
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि ये कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि छात्र 12वीं की परीक्षा को गंभीरता से लें और इसके साथ कुकुरमुत्तों की तरह उग आए कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाया जा सके.
कपिल सिब्बल इससे पहले भी विवादास्पद नियमों की चर्चा कर चुके हैं. ऐसे ही एक कदम में उन्होंने कहा था कि दसवीं की बोर्ड परीक्षा को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए जिस पर ख़ासा बवाल हुआ था.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल