सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों ने कतर से रिश्ते बहाल करने के लिए रखी शर्तों पर जवाब देने के लिए कतर को 48 घंटे का समय और दिया है. उनके मुताबिक यह मोहलत मामले में मध्यस्था कर रहे कुवैत के आग्रह पर दी गयी है.
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संबंध बहाली के लिए खाड़ी देशों की तरफ से रखी गयी मांगों पर जवाब देने की 10 दिन की समयसीमा रविवार को खत्म हो गयी. इस मामले में कुवैत मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है. उसके आग्रह पर इस मियाद को 48 घंटे और बढ़ा दिया गया है.
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगाते हुए 5 जून को उससे सभी राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे. इसके बाद कतर के लिए सभी हवाई और समुद्री रास्ते बंद कर दिये थे. चारों देशों ने अपने यहां रह रहे कतर के नागरिकों को अपने देश लौट जाने के भी आदेश दिये थे. वहीं कतर खाड़ी देशों के आरोपों से इनकार करता है.
सऊदी अरब के नेतृत्व में खाड़ी देशों ने 13 मांगों की सूची सामने रखी और इन्हें पूरा होने पर ही कतर से संबंध बहाल करने की बात कही. इन मांगों में समाचार चैनल अल-जजीरा को बंद करना, ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ना और तुर्की का सैन्य अड्डा बंद करने समेत कई मांगें शामिल हैं. एक साझा बयान में चारों देशो ने 10 दिन की इस समयसीमा को अब 5 जुलाई तक बढ़ा दिया है.
आखिर क्यों इतना खास है कतर
आबादी और क्षेत्रफल से हिसाब से कतर बहुत छोटा सा देश है. लेकिन उसकी वजह से पूरी अरब दनिया में हलचल मची है. सऊदी अरब समेत कई अरब देशों ने उससे संबंध तोड़ लिए. जानते हैं क्यों अहम है कतर.
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तेल और गैस
कतर कभी अरब दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक था. लेकिन वह इस क्षेत्र के सबसे अमीर देशों में शामिल है. इसकी वजह उसके यहां मिले तेल और गैस के बड़े भंडार.
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हिस्सेदारी
दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में कतर की हिस्सेदारी है. इनमें लंदन का नामी डिपार्टमेंटल स्टोर हैरड्स, लग्जरी उत्पाद बनाने वाली फ्रांस की कंपनी एलवीएमएच मोएत एनसी लुई वितौं और पैरी सां जर्मेन फुटबॉल क्लब भी शामिल है.
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राजनीतिक महत्वाकांक्षा
कतर ने जहां सूडान के दारफूर में शांति प्रयासों में मध्यस्थ की भूमिका अदा की, वहीं फलस्तीनी गुटों में भी वह बीच बचाव करता रहा है. अफगान तालिबान से शांतिवार्ता में भी कतर ही मध्यस्थ है.
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अल जजीरा
कतर की सरकार ने 1996 में अल जजीरा के नाम से एक टेलीविजन नेटवर्क बनाया जिसने अरब दुनिया में खबरों की कवरेज और प्रसारण के तौर तरीकों को ही बदल दिया. दुनिया के दूसरे हिस्सों में अल जजीरा ने अपनी जगह बनायी है.
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कतर एयरवेज
कतर की सरकारी एयरलाइंस कतर एयरवेज दुनिया की चुनिंदा एयरलाइंस में शुमार होती है. इसके बेड़े में 192 विमान हैं और यह दुनिया के 151 शहरों को जोड़ती है.
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वर्ल्ड कप
कतर में 2022 के फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन होगा. अरब दुनिया का वह पहला देश है जो इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है. हालांकि इस आयोजन के निर्माण कार्यों में विदेशी कामगारों के शोषण की खबरें भी लगातार मीडिया में रहती हैं.
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जनसंख्या
कतर अरब दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 11,437 वर्ग किलोमीटर है. कतर की आबादी लगभग 25 लाख है, जिनमें से 90 प्रतिशत विदेशी हैं.
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1971 में अलग देश
कतर 55 साल ब्रिटेन के संरक्षण में रहा है. 1971 में जब उसने संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया तो एक अलग देश के तौर पर वह अस्तित्व में आया.
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शाही परिवार
कतर में 19वीं सदी के मध्य से ही अल-थानी परिवार का शासन है. कतर के मौजूदा अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने 2013 में अपने पिता शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के गद्दी छोड़ने के बाद सत्ता संभाली.
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मतभेदों की खाई
सऊदी अरब समेत सात देशों ने कतर से रिश्ते तोड़ लिए हैं, जिससे पहले ही कई संकटों से जूझ रहे मध्य पू्र्व में एक नया विवाद शुरू हो गया है. कतर पर आतंकवादी गुटों का समर्थन करने के आरोप लग रहे हैं जिनसे वह इनकार करता है.
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इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सऊदी अरब के शाह सलमान से फोन पर बात की. कतर अमेरिका का नजदीकी सहयोगी है जबकि उससे रिश्ते तोड़ने वाले खाड़ी देशों से भी अमेरिका के घनिष्ठ संबंध हैं. कतर में अमेरिका का एक अहम सैन्य अड्डा है जहां 10 हजार सैनिक तैनात हैं. कतर की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार डॉनल्ड ट्रंप और कतर के अमीर के बीच आतंकवाद के मुद्दों पर बातचीत हुई.
चारों देशों ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने और सुन्नी देश ईरान से नजदीकियों के आरोप लगाते हुए संबंध तोड़े थे. कतर लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों को नकारता आया है. वैसे वह प्राकृतिक गैस के भंडार का काफी समुद्री हिस्सा ईरान के साथ साझा करता है.