2012 से आना हरनांडेस अपने परिवार के साथ अलदेया दे जूसो में इस बिना खिड़की के घर में रहती है. बाहर से अजीब, लेकिन घुसते ही आश्चर्य होता है, भरपूर रोशनी और खुलापन.
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आना हरनांडेस का घर बाहर से अजीब लगता है लेकिन घुसते ही आश्चर्य होता है. एक बंद इमारत में भरपूर रोशनी और खुलापन. इसका राज छिपा है घर के आर्किटेक्चर में. आना हरनांडेस बताती हैं कि ये घर शीशे की दीवारों के साथ बना है इसलिए यह दोगुना बड़ा दिखता है.
घर में शीशे के कई फ्रंट हैं जिन्हें खोला जा सकता है और इस दीवार को खोलते ही घर से गार्डन में पहुंच जाते हैं. यह घर छोटी सी जमीन पर बना है. सिर्फ 350 वर्गमीटर जमीन. जगह बढ़ाने के लिए यहां दो मंजिल बनाई गई हैं. एक जमीन के नीचे भी है. यहां निजता को काफी महत्व दिया जाता है, इसीलिए घर में कोई खिड़की नहीं है.
तस्वीरों में: ऐसी जगहों पर घर बसाएंगे आप?
ऐसी जगहों पर घर बसाएंगे आप?
चार दीवारों से घिरे घर से आगे भी लोगों ने अपने ठिकाने ऐसी अनोखी जगहों पर बसाए हैं जो सुनने में रहने लायक जगह तो नहीं लगते. देखिए ऐसी असामान्य लोकेशंस पर क्यों और कैसे बसे लोग.
तस्वीर: Carlo Carossio
सीमेंट फैक्ट्री
"ला फाब्रिका" - स्पैनिश आर्किटेक्ट रिकार्डो बोफिल ने अपने इस विला को यही नाम दिया है. यह इमारत पहले एक सीमेंट फैक्ट्री हुआ करती थी, जो बाद में बेकार उपेक्षित सी पड़ी थी. पिछले 30 सालों से भी ज्यादा समय से बोफिल अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपने बनाए इस विला में रहते हैं. 5,000 वर्ग फीट से भी अधिक क्षेत्र में फैले इस विला में कई दफ्तर, एक लाइब्रेरी, एक शोरूम और कई सारे लिविंग रूम हैं.
तस्वीर: RICARDO BOFILL TALLER DE ARQUITECTURA
बंकर
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान तमाम जर्मन शहरों में बंकर बनाए गए थे. लेकिन हवाई हमलों से बचने के लिए जर्मन शहर हैम्बर्ग में सबसे ज्यादा बंकर थे. युद्ध खत्म होने तक वहां करीब 1,000 ऐसे बंकर थे, जिनका कोई काम नहीं रहा लेकिन जिन्हें तोड़ा जाना भी कोई आसान काम नहीं था. तभी कुछ आर्किटेक्ट्स ने इन बंकरों की एक मीटर तक चौड़ी दीवारों को रहने लायक घरों में बदलने का मुश्किल काम किया.
तस्वीर: Imago/ecomedia/R. Fishman
सिस्टर्न
जी हां, वही सिस्टर्न जहां पानी जमा किया जाता था. स्पेन के तटीय इलाके में स्थित कैनेरी द्वीप में बना यह सिस्टर्न एक समय खूब काम आता था. बाद में जब द्वीप पर स्थित गांव के घर घर में हर समय पानी आने लगा तो यहां पानी इकट्ठा करके रखने की जरूरत नहीं रही. तबसे बेकार पड़े इस सिस्टर्न को अभी कुछ ही साल पहले एक स्थानीय दंपति ओडा और यायो फोंटेस डि लियोन ने एक आरामदायक अपार्टमेंट की शक्ल दे दी.
तस्वीर: Rural Villas
एयरप्लेन हैंगर
ईंटें केवल सामने ही लगी हैं. जर्मन शहर उत्से में स्थित एक एयरप्लेन हैंगर को बदल कर अंदर एक आरामदायक 140 वर्ग मीटर का घर बसा दिया गया है. हां, बारिश होने पर इसकी धातु की प्लेटों की बनी छत पर शोर तो बहुत होता है, लेकिन बाकी समय शांति रहती है. 1990 के दशक में जब ब्रिटिश सेना इस इलाके को छोड़ कर गई तब यहां के तमाम हैंगरों को ऐसे ही दूसरे कामों में लाया गया.
तस्वीर: Glenn Garriock
चर्च
जब चर्च के पास खर्च के लिए धन ना हो तो वह क्या करे, इमारत किराये पर दे दे. लंदन में ऐसा करना खासा फायदेमंद होता है क्योंकि लंदन में प्रॉपर्टी के दाम काफी ऊंचे हैं. बहुत पॉश माने जाने वाले नॉटिंग हिल के पास स्थित इस वेस्टबॉर्न ग्रोव चर्च की दूसरी मंजिल एक लक्जरी अपार्टमेंट के रूप में बदली जा चुकी है. इससे होने वाली कमाई चर्च के काम आती है.
तस्वीर: Carlo Carossio
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आना हरनांडेस कहती हैं, "यहां आते ही हर कोई कहता है, अरे घर में कोई खिड़की नहीं है, ये तो बड़ा तिलस्मी है. लेकिन सच्चाई यह है कि आर्किटेक्ट ने नीचे के दीवार शीशे में बनाने का प्रस्ताव दिया तो हम दंग रह गए. हमने सोचा कि वाह, यह तो कमाल का आइडिया है. वैसे शुरू में हम निश्चित नहीं थे लेकिन बाद में वैसा ही किया क्योंकि ऊपर के सभी कमरे छोटे आंगन में खुलते हैं. इससे हमें निजता मिलती है जो छोटी खिड़कियां हमें नहीं देतीं."
ड़कियों का राज घर के अंदर 170 वर्गमीटर में छिपी है. यहीं वे खिड़कियां हैं जो बाहर से दिखाई नहीं देतीं. हर कमरे के साथ एक बालकनी है. अंदर की ओर खुलने वाली बालकनियां अलग अलग आकार की हैं. लेकिन उनमें एक समानता है, वे सफेद रंग में रंगी हैं ताकि रोशनी को परावर्तित करें. अंदर की बालकनी स्पेनी और पुर्तगीज वास्तुकला में बहुत आम है. ये सामयिक आर्किटेक्चर की एक स्थापित परंपरा है. हरनांडेस कहती हैं, "मैं समझती हूं कि यह दक्षिणी यूरोप के आर्किटेक्चर में बहुत आम है. वह हमें रोशनी देती है और गर्मी से बचाती है. इन बाल्कनियों के जरिये हमें अतिरिक्त जगह मिलती है. यहां गर्मियां ठंडी होती हैं और जाड़े धूप के कारण गर्म."
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छोटे मगर खूब काम के घर
पर्यावरण संरक्षण की कोशिशों में एक कदम ऐसे घर बनाना भी हो सकता है, जो उसे नुकसान ना पहुंचाएं. यूरोप के कई हिस्सों में लोग नए नए आइडिया लगाकर ऐसे घर बना रहे हैं जिनका क्षेत्रफल और कार्बन फुटप्रिंट दोनों ही कम हों.
तस्वीर: Colourbox
हॉबिट हाउस
घास की चादर में लिपटा और प्रकृति में ही घुला मिला दिखने वाला यह छोटा सा घर. धरती और पास के जंगल से लाई गई चीजों से ही इस घर को बनाने में केवल चार महीने लगे. इसके फर्श, दीवारें, और छत को तिनकों को जोड़ कर बनी परत की मदद से विद्युतरोधी बनाया गया है. पहाड़ी क्षेत्र में बनाने के कारण यह दूर से एक छोटी सी पहाड़ी जैसा ही दिखता है.
तस्वीर: cc-by-nc-sa/Simon & Jasmine Dale
हाउसबोट
नाव की सैर में तो ज्यादातर लोगों को आनंद आता है लेकिन रात को पानी की लहरों के बीच डोलती ऐसी ही नाव में सोना कितने लोग पसंद करेंगे. हाल के सालों में यूरोप की नहरों में माल लादने वाली चौड़ी पेंदे वाली नावों पर बने घरों में रहने का चलन आया है. यह कई अलग अलग आकारों, डिजाइनों और कीमतों में उपलब्ध हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/JOKER
सर्कस गाड़ी
यात्रा के शौकीन लोगों ने कहीं ना कहीं शायद सर्कस के तंबू कनातों जैसे आशियाने में रात गुजारी होगी. आजकल कई लोग सर्कस की गाड़ियों को ही अपना घर बना रहे हैं. इस वैकल्पिक व्यवस्था में आप प्रकृति के करीब भी रह सकते हैं और ईंट और कंक्रीट से ना बने होने के कारण इन्हें एक जगह से दूसरी जगह भी ले जा सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
कंटेनर
जर्मन राजधानी बर्लिन में जब घरों की मांग बेतहाशा बढ़ी तो एक स्थानीय गृह निर्माण विशेषज्ञ ने एक अनोखा आइडिया सुझाया. उन्होंने छात्रों के लिए एक ऐसा पूरा गांव बसाने का फैसला किया जो पुराने कंटेनरों से बना हो. यह ट्रेंडी गांव बर्लिन के हरे भरे इलाके में बसाया गया है और इसे "इंडस्ट्रियल कूल" का उदाहरण माना जाता है.
तस्वीर: Jorg Duske
होमबॉक्स
घरों का यह छरहरा अवतार है- होमबॉक्स. इनकी पतली और लंबी बनावट इसे काफी शालीन लुक देती है. खर्च बचाते हुए घर की बाहरी सतह को लकड़ी के प्राकृतिक रूप में ही रखा गया है. इसका आकार किसी औसत शिपिंग कंटेनर जितना ही है, फर्क बस इतना है कि वह जमीन पर पड़ा ना होकर खड़ा है. इस अनोखे तीन मंजिले घर में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
ट्री हाउस
धातु, लकड़ी या कई दूसरे पदार्थों से बने ट्री हाउस भी ईको फ्रेंडली घरों के बाजार का हिस्सा हैं. हाल के सालों में यूरोप में इनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है और जंगलों में कई नए हॉस्टल और हॉलीडे होम बने हैं. घूमने जाने वाले लोग इन ट्री हाउस में रहकर जंगल में पक्षियों की तरह नजारे देखने का आनंद लेते हैं.
तस्वीर: Andreas Wenning
लॉफ्ट क्यूब
जर्मन डिजाइनरों की यह पेशकश किसी मौजूदा बिल्डिंग के ऊपर, समुद्र के किनारे, मैदानों या फिर किसी भी खाली जगह में रखी जा सकती है. ये ईकोफ्रेंडली घर छोटे, हल्के और बेहद स्टाइलिश हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बगीचे में छाया
परंपरागत रूप से बड़े बड़े बगीचों में लोग थोड़ी छाया का इंतजाम करके छोटे कमरे तो बनाते ही आए हैं. हाल के सालों में यह कई तरह के डिजाइन और आकार में बनने लगे हैं और कई लोग कम बजट और कम जगह में इसे अपना ईकोफ्रेंडली घर बना रहे हैं.
तस्वीर: Colourbox
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साधारण सा ये मकान एक ऐसे इलाके में है जहां आम तौर पर बंगले हैं. आना का परिवार मकान बनने के बाद यहां खुद रह रहा है. लेकिन उन्हें अक्सर दूसरों को बताना पड़ता है कि यह रहने का मकान है, कोई स्कूल या स्विमिंग हॉल नहीं है. जाहिर है, उन्हें अपना घर बेहद पसंद है. यह सचमुच उनके लिए सपनों का घर है, भले ही समझने के लिए दोबारा देखना पड़े. और जब समझ आए तो दिखता है कि सपाट दीवारों के पीछे कितना आराम छुपा है.