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ऐसे बनेंगे खिलौनों के शौकीन बच्चे टेक एक्सपर्ट

१४ अगस्त २०२०

रिमोट वाली कार चलाना या ड्रोन उड़ाना, बच्चों को ऐसे काम बड़े पसंद आते हैं. बर्लिन में कुछ इंजीनियर इसी दिलचस्पी का सहारा लेकर बच्चों को एयरोडायनैमिक्स, गणित और विज्ञान का प्रैक्टिकल करा रहे हैं.

Sommercamp der DroneMasters Academy in Berlin
तस्वीर: DroneMasters Academy

बर्लिन के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में तेज धूप के बावजूद कुछ बच्चे मैदान में डटे हैं और बेहद ध्यान से दो ट्रेनरों को सुन रहे हैं. ट्रेनर बेहद रोचक अंदाज में बच्चों को ड्रोन उड़ाने के गुर सिखा रहे हैं. बीच बीच में उन्हें मल्टीमीडिया फिल्म भी दिखाई जाती है और सवाल जवाब भी होते हैं. बच्चों को कई तरह के ड्रोनों और उन्हें सुरक्षित ढंग से उड़ाने के बारे में बताया जा रहा है.

यह सब कुछ एक समरकैंप के तहत हो रहा है. आज कैंप का चौथा दिन है. ये समर कैंप, बर्लिन की ड्रोनमास्टर्स जूनियर अकेडमी ने शुरू किया है. इसमें 10 से 15 साल के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं. इस दौरान बच्चों को हर तरह के ड्रोन उड़ाने का मौका भी मिलता है. धीरे धीरे बच्चे एविएशन और तकनीक में भी दिलचस्पी लेने लगते हैं.

ट्रेनर फिलिप हॉर्स्टमन बच्चों को थ्री-डी प्रिंटर के बारे में बता रहे हैंतस्वीर: DW/H. Graupner

खेल खेल में ट्रेनिंग

उन्हें पता चलता है कि ड्रोन कैसे डिजायन किया जाता है, उसे किस मैटीरियल से बनाया जाता है. वे जरूरी पार्ट्स को 3डी प्रिंटरों के जरिए बनाना सीखते हैं. साथ ही वे यह भी समझने लगते हैं कि ऐसी चीजों को बनाने या उड़ाने के लिए किस तरह के कानूनी नियम मानने होते हैं. एक ड्रोन डिजायन करने और तैयार करने के बाद उसमें कौन सी बैटरी लगाई जाए. रिमोट से भेजे जाने वाले सिग्नलों के जरिए ड्रोन को कैसे कलाबाजियां करना सिखाया जाए, प्रोग्रामिंग उन्हें यह सब भी सिखाती है.

मुख्य ट्रेनर ब्राको मे ट्रिंकवाल्ड ने डीडब्ल्यू को इस समर कैंप का उद्देश्य बताया, "हम ड्रोन रेसिंग के खेल के जरिए अपने प्रतिभागियों को समाज में होती डिजिटलीकरण की प्रक्रिया और नेचुरल साइंस के बारे में सिखाते हैं. ड्रोन को हवा में उड़ाने के लिए जो कुछ भी जरूरी है, गणित, भौतिक विज्ञान या और भी चीजें, हम उन्हें सिखाते हैं.”

टेस्ला फैन सिलास हाइनेकेन ने भी कैंप में भाग लिया हैतस्वीर: Peer Heineken

सैद्धांतिक ज्ञान का इस्तेमाल

ट्रिंकवाल्ड के साथी फिलिप हॉर्स्टमन बच्चों को सैद्धांतिक ज्ञान को प्रैक्टिकल में बदलना सिखाते हैं. फिलिप कहते हैं, "गणित सिर्फ संख्याओं से खेलने के बारे में नहीं है, आप इसकी मदद से ड्रोन के थर्स्ट, रोटेशन स्पीड और हवा में मैक्सिमम फ्लाइंग टाइम को कैलकुलेट कर सकते हैं.”

फिलिप कहते हैं कि समरकैंप का मकसद बच्चों को ड्रोन पायलट बनाना नहीं है, "हम तो युवाओं का ध्यान तकनीक की तरफ खींच रहे हैं, इसीलिए आप रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग और इनसे मिलती जुलती चीजों के बारे में भी बहुत कुछ सुनेंगे.” समरकैंप में हिस्सा लेने वाले कुछ बच्चे बड़े होकर ड्रोन फोटोग्राफर बनना चाहते हैं तो कुछ ड्रोनों को और बेहतर बनाकर नए सेक्टरों में ट्राय करना चाहते हैं.

रिपोर्ट: हार्डी ग्राउपनर/ओएसजे

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