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खुशकिस्मत हूं: सोनाक्षी

१४ फ़रवरी २०१३

सोनाक्षी सिन्हा ने सलमान खान, अक्षय कुमार और अजय देवगन जैसे अभिनेताओं के साथ काम कर करियर शुरू किया. बीते साल उनकी फिल्मों ने रिकार्ड कमाई की. डॉयचे वेले से बातचीत में खुद भी सोनाक्षी से माना कि वे खुशकिस्मत हैं.

तस्वीर: AP

सोनाक्षी अब छोटे नवाब यानी सैफ अली खान के साथ तिमांग्शु धुलिया की फिल्म बुलेट राजा में काम रही हैं. कोलकाता में इस फिल्म की शूटिंग चल रही है. इसी दौरान सोनाक्षी ने अपने करियर और अनुभव से जुड़े कुछ सवालों के जवाब दिए.

डॉयचे वेले: बुलेट राजा का अब तक का अनुभव कैसा रहा?

सोनाक्षी: बहुत बढ़िया. इसमें सैफ के साथ मेरी जोड़ी एक ताजगी का अहसास कराती है. मैं काफी अरसे से उनके साथ काम करना चाहती थी. इस फिल्म ने वह इच्छा पूरी कर दी. उम्मीद है यह जोड़ी दर्शकों को भी पसंद आएगी.

आपको करियर की शुरुआत में ही बड़े सितारों के साथ काम करने का मौका मिला. क्या आपको अपने पिता के अभिनेता होने का भी कुछ फायदा मिला ?

यह सही है कि मुझे पहली फिल्म में ही सलमान के साथ काम करने का मौका मिला. इसके लिए मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं. लेकिन उस फिल्म के लिए मेरा चयन सामान्य प्रक्रिया से ही हुआ. सिफारिश के आधार पर एकाध फिल्में भले मिल जाएं, आगे बढ़ने के लिए प्रतिभा जरूरी है.

कोलकाता में सोनाक्षीतस्वीर: DW/P. Tewari

आपने अब तक फिल्मों में पारपंरिक भारतीय युवती की भूमिका ही निभाई है. क्या एक ही इमेज में बंध कर रह जाने का खतरा नहीं है?

ऐसी कोई बात नहीं है. मैं यह सोचकर किसी फिल्म का चुनाव नहीं करतीं कि उसमें मुझे कैसे कपड़े पहनने होंगे. मैं किरदारों के आधार पर फिल्में हाथ में लेती हूं और दर्शक मेरी भूमिकाओं की प्रशंसा भी कर रहे हैं. इसके अलावा हर फिल्म में मेरा किरदरा अलग तरह का होता है. किसी फिल्म में शहरी युवती का किरदार निभाने का मौका मिले तो वह भी करूंगी. मैं किसी एक इमेज से बंध कर नहीं रहना चाहती.

करियर की शुरुआत में ही भारी कामयाबी मिलने के बाद क्या आप पर हर फिल्म में बेहतर करने का दबाव है?

दबाव जैसी कोई बात नहीं है. उल्टे इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और बेहतर अभिनय की प्रेरणा मिलती है. सही समय पर मिलने वाली बढ़िया भूमिकाओं ने मेरी कामयाबी में अहम भूमिका निभाई है.

तस्वीर: AP

आजकल रीमेक का दौर चल रहा है. आप इस पर क्या सोचती हैं ?

रीमेक में कोई बुराई नहीं है. इसका मकसद दूसरी भाषा की बेहतर फिल्मों को हिंदी में बनाना है ताकि वह दर्शकों के एक बड़े वर्ग तक पहुंच सकें. मैंने खुद दो रीमेक, राउडी राठौर और सन आफ सरदार में काम किया है. रीमेक दरअसल महान फिल्मों को दर्शकों के व्यापक वर्ग तक पहुंचाने का एक जरिया है.

अपने अब तक के सफर को कैसे देखती हैं?

मुझे अपनी कामयाबी पर गर्व है. यह सफर शानदार रहा है. मैंने सही समय पर करियर शुरू किया और मुझे बेहतरीन भूमिकाएं निभाने का मौका मिला.

भावी योजना? क्या शादी के बारे में सोचा है?

फिलहाल तो फिल्मों में काफी व्यस्त हूं. शादी जब भी होगी, आम भारतीय युवती की तरह सादगी से ही होगी.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

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