इंटरनेट ने उन्हें दुनिया भर में आसानी से अपनी कला दिखाने का विकल्प दिया है. हॉलैंड के थीमे टेरमाट भी इसके गवाह है. उनकी एक फिल्म आई पेंट यूटयूब के जरिये करो़ड़ों बार देखी गई.
विज्ञापन
तीन मिनट में करीब हजार तस्वीरें. अपनी शॉर्ट फिल्म आई पेंट पर हॉलैंड के थीमे टेरमाट ने तीन साल काम किया. फिल्म की शुरुआत बहुत ही साधारण सवाल से हुई. 29 साल के टेरमाट कहते हैं, "बहुत से लोग मुझसे पूछते थे कि तुम ये क्या करते हो? तुम्हारा पेशा क्या है? मैं बताने की कोशिश करता कि मैं पेंटर हूं. इससे मुझे ये आयडिया आया कि मैं एक फिल्म बनाऊं जो मेरे काम को दिखाए. इसी तरह इसकी शुरुआत हुई."
उन्होंने 2012 में अपनी फिल्म आई पेंट को नेट पर डाला. लाखों क्लिक के साथ फिल्म वायरल हो गई. टाइम लैप्स क्लिप, बहुत सारी तस्वीरों से बनाई गई. तस्वीरें उन्होंने रिमोट कंट्रोल की मदद से खींची. फिर सबको एक साथ जोड़ा. बिना किसी डिजिटल इफेक्ट के वे ऑप्टिकल इल्यूजन तैयार करने में कामयाब रहे. हर दिन औसत एक तस्वीर बनी.
इस बीच आई पेंट को करीब 10 करोड़ बार क्लिक किया गया है. ऐसी और कोई फिल्म अब तक नहीं बनी है. पेंटिंग करने फैसला भी उन्होंने अचानक खेल खेल में लिया, "छोटी उम्र में भी मैं ड्रॉइंग किया करता था. और जब मैं डिजायन स्कूल में था तो एक साथी ने कुछ पेंट करने की चुनौती दी. उसने कहा कि मैं बेहतर ड्रॉइंग कर सकता हूं लेकिन वह बेहतर पेंटर है. मैं चुनौती स्वीकार कर ली. यह पहला मौका था जब मैंने पेंटिंग की थी. मुझे फौरन पेंटिंग से प्यार हो गया. अगले दिन मैंने फिर एक पेंटिंग बनाई, उसके अगले दिन एक और. उसके बाद मैंने स्कूल छोड़ दिया और अपने माता पिता के पास चला गया, पेंटिंग और पेंटर का बिजनेस शुरू करने."
थीमे टेरमाट की गिनती आज नामी पेंटरों में होती है. उनकी तस्वीरें 368 यूरो से लेकर 7,500 यूरो तक में बिकती हैं. उनकी सरीयल तस्वीरें बहुत से डिटेल्स के साथ होती हैं. कुछ तस्वीरों पर तो वे महीनों लगाते हैं. तो कुछ तस्वीरें कुछ घंटों में पूरी हो जाती हैं. वह शब्दों के परे बसने वाले अहसास दुनिया सामने ले आते हैं, हर बार नई और अद्भुत तस्वीरों के जरिये.
(शरीर पर कपड़े नहीं कला का आवरण है)
बॉडी पेंटिंग के जबरदस्त नमूने
कला भी बदलती है और बेहद नए और हैरान करने वाले रूपों में सामने आती है. इन दिनों बॉडी पेंटिंग कला जगत को हैरान कर रही है. कुछ कलाकार तो भ्रम की इस कला में माहिर हो चुके हैं. एक नजर उनके काम पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E.S. Lesser
ऑक्टोपस या इंसान
पहली नजर में यह आठ भुजाओं वाला समुद्री जीव ऑक्टोपस लगता है. लेकिन जरा गौर से देखिये, ये इंसान हैं. ये बॉडी पेंटिंग एमा फे ने बनाई है. एमा की गिनती दिग्गज बॉडी पेंटिंग आर्टिस्टों में होती है.
तस्वीर: DW/M. Foster
सौर ऊर्जा का संदेश
जर्मन पेंटर योर्ग डुस्टरवाल्ड और उनके साथी फोटोग्राफर चिपोनिक स्कूपिन भी अपने काम के जरिये भ्रम पैदा करने में माहिर हैं. 2008 में जर्मन बॉडी पेंटिंग का खिताब जीतने वाले डुस्टरवाल्ड अपने काम को कैलेंडरों के जरिये भी पेश करते हैं.
तस्वीर: picture alliance/Geisler-Fotopress/Tschiponnique Skupin
कामुकता के पार
अपने कैलेंडर के लिए डुस्टरवाल्ड ने भ्रम भी रचा. लोहे के छोटे से कारखाने में उन्होंने एक निर्वस्त्र मॉडल को ऐसा पेंट किया किया कि वो भी लकड़ी का औजार सा लगने लगी. नग्न शरीर पर होने वाली बॉडी पेंटिंग की एक खूबसूरती यह भी है वो नग्नता या कामुकता को कहीं पीछे छोड़ देती है.
तस्वीर: picture alliance/Geisler-Fotopress/Tschiponnique Skupin
बढ़िया सा हुनर या बॉडी पेंटिंग
ये काम भी योर्ग डुस्टरवाल्ड का है. एक मॉडल को उन्होंने हूबहू लकड़ी जैसा बना दिया. बढ़ई के वर्कशॉप में तैयार की गई इस बॉडी पेंटिंग को देखकर ऐसा लगता है जैसे बढ़ई ने काठ की जबरदस्त मूर्ति बनाई हो.
तस्वीर: picture alliance/Geisler-Fotopress/Tschiponnique Skupin
कितनी खूबसूरत धरती
धरती की खूबसूरती भी शरीर पर समेटी जा सकती है. इतालवी कलाकार फिलिपो लोको ने थाइलैंड में यह बॉडी पेंटिंग पेश की. इस पेंटिंग में उन्होंने पृथ्वी पर मौजूद जीवन की सुंदरता को दिखाया.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/R. Yongrit
क्या कर रहा है इंसान
जीवन की खूबसूरती दिखाने के बाद फिलिपो ने इंसानी हरकतों की ओर भी ध्यान दिलाया. इस बार उन्होंने पृथ्वी पर मौजूद जीवन के ऊपर प्लास्टिक की बोतलें रख दी. फिलिपो दिखाना चाहते थे कि कैसे प्लास्टिक सुंदरता को दबा रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/R. Yongrit
भीतर का झंझावात
ऑस्ट्रिया में जून-जुलाई में होने वाले वर्ल्ड बॉडी पेंटिंग फेस्टिवल में इस साल एक कलाकार ने इंसान के भीतर जारी कसमकस को इस अंदाज में पेश किया. एक तरफ प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने वाले शांत इंसान है तो दूसरी तरफ अपनी दुनिया में उलझा बेचैन इंसान.
तस्वीर: Getty Images/J. Hetfleisch
जबरदस्त भ्रम
अंगूर के बागान के बीच बॉडी पेंटिंग का एक जबरदस्त नमूना. गौर से देखने के बावजूद पता नहीं चलता कि यह मूर्ति है या असली इंसान या फिर सिर्फ एक तस्वीर.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/G. Eggenberger
ऐसे होती है बॉडी पेंटिंग
अमेरिकी शहर अटलांटा में हुई चैंपियनशिप में भाग लेने इटली के पेंटर जोहानेस स्टोएटर भी पहुंचे. उन्होंने मॉडल जोन लियोनार्दो के शरीर के ऊपरी हिस्से को पेंट करना शुरू किया है. आखिरकार बॉडी पेंटिंग कैसी बनी, देखने के लिए अगली तस्वीर पर जाएं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E.S. Lesser
शहर में खोया इंसान
पेंटिंग पूरी करने के बाद जोहानेस स्टोएटर ने मॉडल लियोनार्दो को एक खास जगह पर खड़ा किया. इस तरह उन्होंने शहरी जिंदगी में फंसे इंसान और उसके सपनों को खूबसूरती से सामने रख दिया.