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गजराज को क़ाबू करने के लिए नया यंत्र

२५ नवम्बर २००९

एक भारतीय फ़र्म ने हाथियों को काबू में रखने का यंत्र बनाने का दावा किया है. उनका कहना है कि इसके इस्तेमाल से हाथियों को मेले या धार्मिक समारोहों के दौरान बिदककर उत्पात मचाने से रोका जा सकेगा.

जर्मन चिड़ियाघर में खुशमिज़ाज़ हाथी बोंगीतस्वीर: AP

यंत्र का नाम है वॉयलेंट एलीफेंट कंट्रोल गियर. मुंबई की सैन्जों इंजीनियरिंग फ़र्म के प्रमुख ज़ाखरिया मैथ्यू का दावा है कि उनके वॉयलेंट एलीफेंट कंट्रोल गियर से उत्पात मचाते हाथी को फौरन काबू में कर लिया जाएगा.

मैथ्यू के वॉयलेंट एलीफेंट कंट्रोल गियर यानी हिंसक हाथी नियंत्रक गियर में छह से सात किलो का एक फा़इबर ग्लास से बना बॉक्स है. कहते हैं कि इस बॉक्स को हाथी के किसी एक पिछले पांव पर अगर लगा दिया जाए तो मामला चिंतामुक्त हो जाएगा. हाथी के हिंसक होते ही महावत को रिमोट कंट्रोल के ज़रिए बॉक्स का स्विच ऑन करना होगा और फिर देखते ही देखते हाथी के दोनों पांव नायलॉन की बेल्ट से जकड जाएंगे.

लेकिन भूक लगे तो तोड़ फोड़ मचना शुरू हो जाता है.तस्वीर: AP

सफलता का दावा करते हुए मैथ्यू कहते हैं, ''हाथी बहुत बुद्धिमान होता है. अगर उसे यह पता चल जाए कि अब वह हिल नहीं सकता तो वह ख़ुद को तेज़ी से गिरने भी नहीं देता. इस तरह हाथी के चोटिल होने का ख़तरा भी नहीं रहता है.''

सैन्ज़ो इंज़ीनियरिंग फर्म के प्रमुख मैथ्यू कहते हैं कि उनके उपकरण का केरल में सफलतापूर्वक परीक्षण भी हो चुका है. अब उन्हें उम्मीद है कि देश और दुनिया में हाथियों को पालने वाले इस उपकरण में दिलचस्पी लेंगे. वॉयलेंट एलीफेंट कंट्रोल गियर भारत में 25 हज़ार रुपये में और विदेशों में 540 डॉलर में मिलेगा.

भारत के ही कुछ राज्यों में पिछले साल पालतू हाथियों ने बौख़लाहट में एक विदेशी महिला समेत 12 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली थीं. मैथ्यू कहते हैं कि अक्सर लोग हाथी के बिगड़ते मूड को भांप नहीं पाते हैं और बेज़ुबान जानवर भी यह नहीं जता पाता है कि वह गुस्से में है. हालात बिगड़ने पर हाथी और इंसान दोनों के लिए ख़तरा पैदा हो जाता है. मैथ्यू के मुताबिक, ''लोग हाथियों को मारना नहीं चाहते हैं लेकिन अक़्सर दशहत के माहौल में वो हाथियों पर ज़रुरत से ज़्यादा ट्रैंक्विलाइज़र का इस्तेमाल कर देते हैं, जो हाथी के लिए ख़तरनाक साबित हो जाती है.''

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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