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येरूशलम को लेकर अमेरिका का बड़ा वादा

२६ मई २०२१

अमेरिका ने गजा के पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त आर्थिक मदद देने का वादा किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकन ने यरूशलम में अमेरिकी उच्चायोग को फिर से खोलने की भी बात कही.

Palästina Ramallah | US Außenminister Blinken und Mahmud Abbas
तस्वीर: Alex Brandon/AP Photo/picture alliance

इस्लामिक संगठन हमास और इस्राएल के बीच युद्ध विराम को मजबूत और स्थायी बनाने के इरादे से मध्य पूर्व पहुंचे ब्लिंकन ने वेस्ट बैंक के शहर रमल्लाह में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बगल में खड़े होकर कहा कि अमेरिका इस साल इस्राएल के पड़ोसी को साढ़े सात करोड़ डॉलर यानी लगभग साढ़े पांच अरब रुपये देगा.

इसके अलावा करीब 40 करोड़ रुपये गजा में आपदा राहत के लिए और लगभग ढाई अरब रुपये गजा फलस्तीन स्थित संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी को दिए जाएंगे. ब्लिंकन ने कहा, "हम जानते हैं कि दोबारा हिंसा होने से रोकने के लिए हमें जो मौका मिला है उसका इस्तेमाल मूलभूत मुद्दों और चुनौतियों को हल करने के लिए करना है. और उसकी शुरुआत गजा में पैदा हुए गंभीर मानवीय संकट को हल करने से होती है.”

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी आर्थिक मदद का लाभ हमास को न पहुंचे. अमेरिका हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है, जिसकी गजा में मजबूत पकड़ है. ब्लिंकन ने कहा कि अगर मदद सही तरह से बंटी तो यह असल में हमास का प्रभाव कम कर सकती है जो, लोगों की "निराशा, दुख, परेशानी और अवसरों की कमी” से फलता-फूलता है.

युद्ध विराम के बाद लोग गजा के समुद्र-तट पर चले गएतस्वीर: Tania Kraemer/DW

येरूशलम को लेकर बड़ा वादा

अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत येरूशलम से की जहां उन्होंने इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्याममिन नेतनयाहू से मुलाकात की. ब्लिंकन की मौजूदगी में इस्राएली नेता ने मीडिया से कहा कि अगर हमास ने रॉकेट हमले फिर शुरू किए तो उसे "बहुत जोरदार जवाब” मिलेगा. ब्लिंकन ने कहा कि येरूशलम में अमेरिकी उच्चायोग को फिर से खोलना फलस्तीनी लोगों से संपर्क बढ़ाने और मदद पहुंचाने में अहम साबित होगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उच्चायोग कब खोला जाएगा.

ट्रंप सरकार ने 2019 में उच्चायोग को अमेरिकी दूतावास का हिस्सा बना दिया था. 2017 में इस्राएल ने अपनी राजधानी तेल अवीव से येरूशलम कर दी थी जिसके बाद अमेरिका ने भी येरूशलम में अपना दूतावास खोल लिया था. यह अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही नीति के उलट था और फलस्तीन ने इसका विरोध किया था. फलस्तीन पूर्वी येरूशलम को अपनी राजधानी बनाना चाहता है. लेकिन 1967 से ही पूरे येरूशलम पर इस्राएल का कब्जा है.

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की येरूशलम स्थित दूतावास को हटाने की कोई योजना नहीं है लेकिन वह फलस्तीनियों का भरोसा फिर से जीतने की कोशिश कर रहे हैं. अप्रैल में उन्होंने ट्रंप सरकार द्वारा बंद की गई फलस्तीन की अरबों रुपये की मदद फिर से शुरू की थी.

उत्तरी गजा पट्टी में युद्धविराम के बाद अपने टूटे हुए घरों के पास लौटे फलस्तीनीतस्वीर: Mohammed Salem/Reuters

दोनों पक्षों को चेतावनी

ब्लिंकन ने इस्राएल और फलस्तीनियों को ऐसे काम करने के खिलाफ भी चेतावनी दी जो तनाव बढ़ाएं और दो राष्ट्रों के सिद्धांत को कमजोर करें. अमेरिका दो राष्ट्र के सिद्धांत को लेकर आज भी प्रतिबद्ध है. ब्लिंकन ने जिन गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी दी उनमें फलस्तीनी इलाके में इस्राएल के बस्तियां बसाने, पूर्वी येरूशलम से फलस्तीनियों को निकाले जाने या फलस्तीन की ओर से उग्रवादी हिंसा शामिल थे.

इस्राएल और हमासे के बीच 11 दिन तक लड़ाई के बाद मिस्र की मध्यस्थता से बीते शुक्रवार ही युद्ध विराम हुआ है. 11 दिन की लड़ाई में गजा में 254 लोगों की मौत हुई और 1900 से ज्यादा घायल हुए. इस्राएल की ओर से 13 लोगों की मौत की सूचना है जबकि सैकड़ों लोग घायल बताए गए हैं.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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