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गद्दाफी का मारा जाना ऐतिहासिकः बान

२० अक्टूबर २०११

लीबिया के पूर्व शासक मुअम्मर गद्दाफी की मौत की खबर के बाद दुनिया भर के नेताओं ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है और इस घटना को लीबिया के इतिहास के लिए बेहद अहम बताया है. पर कुछ देशों ने लंबे वक्त तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

तस्वीर: dapd

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने लीबिया के लोगों से अपील की कि उन्हें बदला लेने वाले कदम नहीं उठाने चाहिए और दोनों पक्षों को हथियार का रास्ता छोड़ देना चाहिए. बान ने इसे ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा, "निश्चित तौर पर यह दिन लीबिया की बदलाव की दिशा में बेहद अहम दिन है. लेकिन हमें समझना चाहिए कि यह सिर्फ शुरुआत का अंत है. लीबिया के लोगों के लिए आगे का रास्ता भी मुश्किल और चुनौती भरा है."

संयुक्त राष्ट्र ने इस बात का वादा किया है कि वह नए लीबिया के निर्माण में हर संभव मदद करेगा.

तस्वीर: picture alliance ZUMA Press

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया नई शुरुआत कर सकता है. मैर्केल ने कहा, "लीबिया के लोगों के लिए यह अहम दिन है. गद्दाफी ने अपने ही लोगों के खिलाफ जो खूनी खेल शुरू किया था, वह अंत पर पहुंच गया. अब ताजा राजनीति के लिए सड़क खुल गई है. जर्मनी ने राहत की सांस ली है और वह खुश है."

मैर्केल ने एक बयान जारी कर कहा, "लीबिया को अब जल्दी ही लोकतंत्र की दिशा में तेजी से कदम उठाने होंगे."

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इसे यादगार दिन बताया, "यह कर्नल गद्दाफी के सभी पीड़ितों के लिए एक यादगार दिन है. इसमें लॉकरबी बम कांड के पीड़ित भी शामिल हैं."

तस्वीर: picture alliance/dpa

उधर, फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने लीबिया के नए शासकों से राष्ट्र में शांति स्थापित करने की अपील की. उन्होंने कहा, "मुअम्मर गद्दाफी का जाना आठ महीने पुराने जंग में एक अहम कदम है, जो लीबिया के लोग लड़ रहे थे. वे 40 साल से भी ज्यादा से तानाशाही में जी रहे थे." सारकोजी ने कहा कि संघर्ष के पहले दिन से ही फ्रांस उन लोगों के साथ था, जो शासन के खिलाफ थे.

क्यूबा की मीडिया ने कर्नल गद्दाफी की मौत की खबर दी है लेकिन सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. सरकारी वेबसाइट क्यूबाडिबेट डॉट सीयू ने लिखा है कि लीबिया के एनटीए ने घोषणा की है कि गद्दाफी मारे गए हैं लेकिन नाटो ने इसकी पुष्टि नहीं की है. क्यूबा की सरकार लीबिया में नाटो कार्रवाई के सख्त खिलाफ थी और उसने अपने अधिकारियों को त्रिपोली से हटा लिया था.

उधर, वेटिकन सिटी ने लीबिया में शांति के लिए प्रार्थना की है.

रिपोर्टः एएफपी/डीपीए/एपी/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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