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गद्दाफी को चेतावनी, सैनिक कार्रवाई पर विचार

१९ मार्च २०११

अमेरिका ने लीबियाई तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी को अपनी जनता के खिलाफ युद्ध रोकने का अल्टिमेटम दिया है तो पेरिस में लीबिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बैठक हो रही है.

तस्वीर: AP/RTP TV

शनिवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के निमंत्रण पर पैरिस में एक बैठक हो रही है जिसमें जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल भी भाग लेंगी. इस बैठक में लीबिया पर उड़ान निषिद्ध क्षेत्र बनाने के संयुक्त राष्ट्र के फैसले को लागू करने के कदमों पर विचार होगा. बैठक में कई प्रमुख यूरोपीय देशों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों तथा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के अलावा अरब लीग के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे. जर्मनी भारत की ही तरह सुरक्षा परिषद में लीबिया प्रस्ताव पर मतदान में गैरहाजिर रहा था, लेकिन चांसलर मैर्केल ने अफगानिस्तान में एवेक्स उड़ानों में जर्मन हिस्सेदारी के साथ नाटो सहयोगियों पर बोझ कम करने की पेशकश की है.

गद्दाफी ने कहा है कि लीबिया में हिंसा को रोकने पर लक्षित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है. अरब टेलिविजन चैनल अल जजीरा ने यह खबर देते हुए कहा है कि यह टिप्पणी शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर विदेश मंत्री मूसा कूसा की प्रतिक्रिया के बाद आई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि गद्दाफी ने यह बयान कहां दिया.

तस्वीर: AP

खुला उपनिवेशवाद

अल जजीरा के अनुसार गद्दाफी ने कहा, "यह खुला उपनिवेशवाद है. इसका कोई औचित्य नहीं है. इसके भूमध्य सागर और यूरोप के लिए गंभीर नतीजे होंगे."

इस बीच अमेरिका ने गद्दाफी पर फौरी संघर्ष विराम की अंतरराष्ट्रीय मांगों को नहीं मानने का आरोप लगाया है तो फ्रांस के संयुक्त राष्ट्र दूत ने कहा है कि शनिवार को लीबिया पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठक के तुरंत बाद लीबिया के खिलाफ सैनिक कार्रवाई हो सकती है.

मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि गद्दाफी के सेनाएं तेजी से विपक्षी गढ़ बेनगाजी की ओर बढ़ रही हैं. अल जजीरा के अनुसार बेनगाजी से 50 किलोमीटर दूर अल मगरून और स्लक में विद्रोहियों और गद्दाफी के सैनिकों के बीच भारी लड़ाई हो रही है. विपक्षी नियंत्रण वाले मिसराता शहर के निवासियों ने कहा है कि शुक्रवार को उनके शहर पर भारी बमबारी हुई है. सरकार ने इसका खंडन किया है लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि गद्दाफी के सैनिक बेनगाजी की ओर बढ़ रहे हैं.

तस्वीर: AP

नतीजे भुगतने होंगे

इससे पहले वॉशिंगटन में एक भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गद्दाफी से बेंगाजी पर हमले से बाज आने को कहा. ओबामा ने लीबिया से अपनी टुकड़ियों को वापस करने और मानवीय सहायता की अनुमति देने की मांग करते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर उसे सैनिक परिणाम भुगतने होंगे.

ओबामा ने कहा, "गद्दाफी को अपने दमनकारी अभियानों को रोकने के लिए पर्याप्त चेतावनी मिली है, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी." राष्ट्रपति ने कहा कि हथियारों को चुप करा देश के सभी हिस्सों में पानी, बिजली और गैस की आपूर्ति फिर से शुरू होनी चाहिए. इन पर कोई समझौता नहीं हो सकता. सुरक्षा परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव के मुताबिक असैनिक नागरिकों की सुरक्षा के लिए पैदल सैनिकों की तैनाती के अलावा सारी सैनिक कार्रवाई संभव है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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