हाल के सालों में दुनिया ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर तो कई जनमत संग्रह देखे लेकिन अब यूरोपीय देश आयरलैंड ने गर्भपात जैसे मसले पर जनमंत संग्रह कराने का फैसला किया गया है. इस साल मई में जनता इस पर अपना पक्ष रखेगी.
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क्या गर्भपात पर प्रतिबंध लगाना उचित है? या ऐसे कानून को हटाना बेहतर होगा? इन सवालों पर फैसला लेने के लिए अब आयरलैंड की सरकार ने मई में जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया है. . साथ ही यह मुद्दा इस देश में बेहद संवेदनशील भी है. लेकिन देश के युवा प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने इस पर जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया है. उन्होंने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि आयरलैंड के लोगों के लिए इस मुद्दे पर फैसला लेना आसान नहीं होगा.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वराडकर ने कहा, "यह एक ऐसा निर्णय होगा जहां हमें तय करना होगा कि क्या हम अपनी बहनों, अपने साथियों और अपने दोस्तों को अपराधी बनाना जारी रखना चाहते हैं या नहीं. इस जनमत संग्रह में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि क्या वह इस मुद्दे पर संवैधानिक प्रतिबंध को बनाए रखना चाहते हैं या इसे हटाने के लिए सहमत है और आयरलैंड की संसद को इसमें बदलाव की अनुमति देते हैं."
गर्भपात के चलते मरती हैं 47 हजार महिलायें
विश्व स्वास्थ्य संगठन और न्यूयॉर्क के गुटमेकर इंस्टीट्यूट के अध्ययन मुताबिक दुनिया में हर साल करीब 2.5 करोड़ गर्भपात सुरक्षित स्वास्थ्य प्रणाली से बाहर किये जा रहे हैं जिसके चलते हर साल 47,000 महिलाओं की मौत हो जाती है.
तस्वीर: DW/P. Samanta
असुरक्षित मामले
स्टडी मुताबिक हर साल दुनिया भर में करीब 5.5 करोड़ महिलाएं गर्भपात कराती हैं जिनमें से आधे से आधे मामले असुरक्षित गर्भपात से जुड़े होते हैं.
तस्वीर: DW/P. Samanta
कहां हैं मामले
साइंस पत्रिका द लेंसट में छपी रिसर्च मुताबिक, 97 फीसदी मामले अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के हैं जहां करीब 2.4 करोड़ महिलायें असुरक्षित गर्भपात से गुजरती हैं.
तस्वीर: Monique Rijkers
होती मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डाटा मुताबिक हर साल तकरीबन 47 हजार महिलायें असुरक्षित गर्भपात के चलते मर जाती हैं
तस्वीर: DW/P. Samanta
आर्थिक प्रभाव
स्टडी मुताबिक देश की कानून व्यवस्था और आर्थिक स्थिति का प्रभाव सीधे तौर पर वहां होने वाले गर्भपात मामलों पर नजर आता है. अमीर देशों में गर्भपात अधिक सुरक्षित तरीके से होते हैं.
तस्वीर: imago/CTK Photo
निर्देशों का पालन
विकसित देशों में हर दस में से नौ गर्भपात सुरक्षित होते हैं और इन देशों की गर्भपात प्रक्रिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का ध्यान रखा जाता है.
तस्वीर: Fotolia/Andres Rodriguez
असुरक्षित मामले
ऐसे देशों में जहां गर्भपात की अनुमति है वहां तकरीबन 90 फीसदी गर्भपात सुरक्षित हैं. वहीं जिन देशों में इसकी अनुमति नहीं है वहां महज 25 फीसदी गर्भपात ही सुरक्षित हैं.
असुरक्षित गर्भपात के सबसे अधिक मामले अफ्रीका में सामने आते हैं इसके बाद लैटिन अमेरिका का नंबर आता है. अफ्रीका को इस स्टडी में "लीस्ट सेफ" कहा गया है तो लैटिन अमेरिका को "लैस सेफ."
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तीन साल पहले आयरलैंड में समलैंगिक शादियों के मुद्दे पर भी जनमत संग्रह कराया गया था और लोगों ने इसका दिल खोल कर समर्थन किया था. कैथोलिक परंपराओं को मानने वाले इस देश में यह बड़ा बदलाव था. वराडकर ने कहा कि कैबिनेट ने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की औपचारिक अनुमति दे दी है. वराडकर देश के पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है जब यूरोप में गर्भधारण से जुड़े कड़े कानूनों के खिलाफ फैसला लिया जाए.
गर्भपात, आयरलैंड में हमेशा से ही गैरकानूनी रहा है. लेकिन 1983 में देश के संविधान में एक संशोधन किया गया जिसके तहत मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को ही "जिंदगी का अधिकार" दिया गया. तीन दशक बाद अब इस कानून में बदलाव की मांग उठ रही है. साल 2012 में एक भारतीय गर्भवती महिला की इसलिए मौत हो गई थी क्योंकि तमाम जोखिमों के बाद भी उसे गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई थी. इस जनमत संग्रह में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि क्या वह संसद को इस कानून में संशोधन की अनुमति देंगी. आयरलैंड के संविधान में जनमत संग्रह कराए बिना संशोधन नहीं किया जा सकता.
वराडकर ने कहा कि गर्भपात का विकल्प आयरलैंड में महिलाओं के लिए बेहद ही असुरक्षित, अनियंत्रित और गैरकानूनी है. फिलहाल हर साल हजारों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए आयरलैंड से बाहर जाना होता है. जो देश में रहती हैं वह गर्भपात के लिए ऑनलाइन एबॉर्शन पिल्स का इस्तेमाल करती हैं. वेराडकर ने कहा, "हम अपनी चिंताओं का निर्यात कर समाधानों का आयात नहीं कर सकते."
गर्भपातः एक वर्जित विषय
अर्जेंटीना में गर्भपात पर रोक है. फिर भी हर साल करीब पांच लाख महिलाएं गर्भपात को मजबूर होती हैं. वहां के तीन फोटोग्राफरों ने इस मुद्दे को उठाया.
तस्वीर: Lisa Franz, Guadalupe Gómez Verdi, Léa Meurice
चुप्पी
मोनिका कहती हैं, 'यह मेरा शरीर है.' इस प्रदर्शनी के जरिए तीनो फोटोग्राफर अर्जेंटीना में गर्भपात के खिलाफ अभियान शुरू करना चाहते हैं. वहां के समाज में यह विषय वर्जित है.
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कोई गाइडलाइन नहीं
23 साल की एलुने को इस संघ ने मदद की. वे कहती हैं, "मैं खुद तय करना चाहूंगी कि मैं कब मां बनू." हालांकि जब दवाइयों से किए जाने वाले गर्भपात सही तरीके से नहीं किए जाते, तो खतरनाक साबित होते हैं. डॉक्टर अक्सर इतनी गंभीर दवाओं को बिना किसी जानकारी के बेच देते हैं.
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जेल में गर्भपात
सोनिया सांचेज से जबरन देह व्यापार करवाया जाता है. उनके पांच गर्भपात करवाए गए, सभी जेल में. उन्हें अवैध देह व्यापार के आरोप में पकड़ा जाता. वह ऐसे लोगों के कारण गर्भवती होती, जो चकला चलाने वाली को बिना कंडोम के सेक्स के लिए ज्यादा पैसा देते. अब महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली सोनिया कहती हैं, 2012 में ऐसे गर्भपात को अनुमति दी गई, जो रेप के कारण हुआ हो या फिर जिससे महिला की जान को खतरा हो.
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निजी आजादी के लिए
मेरा शरीर मेरा है, यह दलील अर्जेंटीना में नहीं चलती. यहां गर्भपात पर रोक है. लेकिन फिर भी 27 साल की कैमिला की तरह यहां कई सौ महिलाएं गर्भपात करवाती हैं. उन्होंने अपनी पीठ पर यह टैटू बनवाया है, जिस पर लिखा है, लिबर्टाड यानी आजादी. यह तस्वीर 11 हफ्ते, 23 घंटे, 59 मिनट, अर्जेंटीना में अवैध गर्भपात नाम की प्रदर्शनी का हिस्सा है.
तस्वीर: Goméz Verdi, Franz, Meurice
नए साल पर
यह फोटो मारा की कहानी सुनाती है, जो 21 की उम्र में गर्भवती हो गई. उनके जीवनसाथी के परिवार ने धमकी दी कि अगर मारा ने बच्चा गिराया तो वे रिपोर्ट कर देंगे. उसका जीवनसाथी उसे छोड़ गया. 12 हफ्ते बाद उसने तय किया कि वह 2002 में नए साल की शाम अवैध क्लीनिक में गर्भपात करवाएगी.
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पुरुष भी दुखी
गर्भपात सिर्फ महिलाओं को ही परेशानी में डालता है, ऐसा नहीं है. फोटोग्राफर लीजा फ्रांस, गुआदालुप गोमेज वर्डी और लिया मेउरीस की तस्वीरें यहीं बताती हैं. 24 साल के पेद्रो ने उनकी मित्र की सहायता की थी, जब 2012 में उसने गर्भपात का फैसला लिया. वो कहते हैं, "हमें अपराधियों सा महसूस हुआ."
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घर में ही
कपड़ों के हैंगर, बुनाई की सलाई अंदर भोंक दी जाती है. सूचना की कमी, शिक्षा की कमी. विकल्प का मतलब महिलाओं के लिए है, गर्भपात के लिए घरेलू तरीके अपनाना. जो अक्सर जानलेवा साबित हो सकते हैं.
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हर साल 100 की मौत
अर्जेंटीना के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गर्भपात के कारण पैदा हुई जटिलताओं और रक्तस्त्राव के कारण हर साल 60 से 80 हजार महिलाएं अस्पताल में भर्ती होती हैं. इनमें से 100 अंदरूनी चोटों या गलत तरीके से किए गए गर्भपात के कारण मर जाती हैं. यह देश के गरीब इलाकों में सामान्य है.
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70 हजार रुपये में
अवैध गर्भपात का धंधा फल फूल रहा है. डॉक्टर इसके लिए कम से कम 10,000 पेसो यानी करीब 65 से 75 हजार रुपये की मांग करते हैं. गर्भपात को कानूनी बनाने के लिए अभियान चला रहे डॉक्टर कार्दोसो ने भी गर्भपात करवाए हैं. और उन्होंने मरीजों की आय के हिसाब से उनसे फीस ली.
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महिलाओं की उन्हीं को मदद
अर्जेंटीना का महिला संघ ला रेवुएल्टा मांग करता है, "टेक योर रोजरीस आउट ऑफ आर ओवरीज". कैथोलिक देश में यह एनजीओ गर्भपात को वैध करने की मांग कर रहा है. यह संघ महिलाओं को दवाओं का इस्तेमाल कर गर्भपात की सलाह देता है.
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