किसी को दूध से एलर्जी होती है, तो किसी को मेवे और बादाम से. कहीं ये एलर्जी बच्चों को भी ना हो जाए, इस डर से कई बार महिलाएं इनसे दूर भागने लगती हैं. पर अब ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है.
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एक नए शोध से पता चला है कि जो महिलाएं गर्भावस्था में मूंगफली, बादाम और मेवे खाती हैं उनके बच्चों को इससे होने वाली एलर्जी का खतरा कम होता है. अमेरिका में 8,200 बच्चों पर यह शोध किया गया. शोध में शामिल 140 बच्चों में मूंगफली, बादाम और मेवे आदि चीजों से एलर्जी पाई गई.
इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने इन बच्चों की मां आहार की जांच की. उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि इन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान और फौरन बाद क्या क्या खाया. नतीजों में देखा गया कि जिन महिलाओं ने बादाम, काजू, अखरोट का सेवन किया उनके बच्चे में इन चीजों से एलर्जी होने की संभावना बेहद कम है. हालांकि उन बच्चों को बादाम और मेवे से एलर्जी होने की ज्यादा संभावना है जिनकी मां ने गर्भावस्था के दौरान इनसे परहेज किया.
यह रिपोर्ट अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की बाल रोग की पत्रिका में छपी है. बॉस्टन में बच्चों के अस्पताल के एलर्जी और इम्यूनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ लेखक माइकल यंग के मुताबिक, "मान लिया जाए कि मां को मूंगफली, बादाम और मेवे से एलर्जी नहीं है. तो इसमें कोई कारण नहीं है कि गर्भवती महिलाएं इसका सेवन न करें.''
जीवनशैली है वीगन होना
पश्चिमी देशों में कुछ साल पहले तक माहौल कुछ ऐसा था कि अगर आप कहें कि आप मांस नहीं खाते, तो आपको हैरत भरी नजरों से देखा जाता. पर अब यहां शाकाहारी ही नहीं, वीगन लोगों की भी तादाद बढ़ती जा रही है.
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चलन में
वीगन यानी वे लोग जो जानवरों से लिया कुछ भी नहीं खाते. सिर्फ मीट या अंडा ही नहीं, वे दूध और दही से भी दूर रहते हैं. कुछ साल पहले तक पशु उत्पादों को पूरी तरह नकारने वाले लोगों को यूरोप में सिरफिरा समझा जाता था, पर अब यह चलन में है.
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सेक्सी विकल्प
वीगन लोकप्रियता की एक वजह यह है कि वह मेनस्ट्रीम होता जा रहा है. इसमें माइक टायसन और ग्विनेथ पैल्ट्रो जैसे सितारों के प्रचार का भी योगदान है. जर्मन शेफ अटिला हिल्डमन जाने माने वीगन हैं. उनकी वीगन कुक बुक की 3,00,000 प्रतियां बिक चुकी हैं.
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फिट भी, फिगर भी
'वीगन फॉर फिट' नाम की हिल्डमन की किताब जर्मनी की बेस्ट सेलर सूची में शामिल है. उन्होंने किताब में वीगन बन कर वजन कम करने के टिप्स दिए हैं. वीगन आंदोलन के तेजी से बढ़ने के साथ इन किताबों के लिए नया बाजार खुला है.
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औद्योगिक पशुपालन का विरोध
आहार के लिए जानवरों की जान लेना वीगन गलत समझते हैं. वे ना सिर्फ जानवरों को बचना चाहते हैं, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करना चाहते हैं. वीगन होना केवल स्वास्थ्य से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि यह एक जीवनशैली है. जर्मनी में करीब 6,00,000 वीगन हैं.
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शाकाहारी कबाब
सोया से बने कबाब, बिना दूध का चीज और कुत्ते बिल्लियों के लिए भी शाकाहारी चारा, बाजार में ये सब उपलब्ध है. कभी जर्मनी में शाकाहारी चीजें मिलना मुश्किल था, पर इस बीच वीगन खाना भी आसानी से मिल जाता है. देश भर में कई वीगन दुकानें और रेस्तरां खुल गए हैं.
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दुनिया भर में
सिर्फ जर्मनी में ही नहीं, यह चलन दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. खास तौर से ब्रिटेन और अमेरिका में वीगन लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके अलावा ब्राजील और बहुत से एशियाई देशों में बौद्ध संप्रदाय के लोगों में भी इसका चलन है.
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खुल रहे हैं वीगन रेस्तरां
सिर्फ नई दुकानें ही नहीं खुल रहीं, रेस्तरां में भी लजीज वीगन खाने का लुत्फ उठाया जा सकता है. इस बार म्यूनिख के मशहूर अक्टूबर फेस्ट में भी वीगन खाने की धूम रही. चिकन की जगह सोया से बने कबाब और यहां तक कि वीगन वाइन भी मेन्यू कार्ड का हिस्सा थे.
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कितना स्वस्थ?
क्या वीगन खाना आम खाने के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ विकल्प है, इस बारे में वैज्ञानिक अभी एकमत नहीं हो पाए हैं. इतना जरूर देखा गया है कि वीगन लोगों में डायबटीज टाइप टू होने की संभावना काफी कम है. वीगन की ही तरह जर्मनी में ऑर्गेनिक खाने का भी खूब चलन है.
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केक से दूर
वीगन खाने में कई तरह के विकल्प हैं. लेकिन केक या ब्रेड बटर के शौकीनों को वीगन से दूर ही रहना होगा.
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दरअसल डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को बादाम और मेवे से परहेज करने की सलाह देते हैं. उनकी चिंता होती थी कि पैदा होने वाले बच्चे को बादाम और मेवे से एलर्जी हो सकती है. महिलाएं इस बात को समझे बिना इन चीजों को खाने की उस सूची में शामिल कर लेती हैं जिनसे गर्भावस्था में दूर रहना चाहिए, जैसे पपीता इत्यादि.
हालांकि भारत और आसपास के देशों में बच्चों में मूंगफली या मेवे के कारण बीमार होने के मामले कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन अमेरिका में हाल के सालों में इनमें तिगुणा बढ़ोतरी हुई है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 1997 में एलर्जी वाले बच्चों की तादाद 0.40 फीसदी थी, जो बढ़कर 2010 में 1.40 फीसदी हो गई. शरीर में एलर्जी तब पैदा होती है जब वह किसी भी चीज को एक हानिकारक हमलावर के रूप में लेता है.
एलर्जी के लक्षण गंभीर और घातक भी हो सकते हैं, जैसे चकत्ते, सूजन, सांस लेने में तकलीफ और ब्ल्ड प्रेशर में तेजी से गिरावट. लेकिन 2008 में सिफारिशें बदल दी गईं. अमेरिकी बाल रोग अकादमी ने फैसला किया है कि महिलाओं को मूंगफली, बादाम और मेवे से परहेज करने की सलाह के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं है.