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गर्भ में ही लग जाती है नशे की लत

२९ अगस्त २०११

गर्भावस्था में धूम्रपान करने से बच्चे की सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचता है. एक नए शोध के अनुसार यह नुकसान केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक भी होता है. ऐसे बच्चों में सिगरेट और नशे की लत लगने की संभावना ज्यादा होती है.

Schwangere Frauen zeigen im Schwangerenkurheim «Haus an der Sonne» der Arbeiterwohlfahrt (AWO) im brandenburgischen Bad Saarow (Oder-Spree) ihre Bäuche, aufgenommen am 18.06.2009. (Illustration zum Thema Schwangerschaft). Foto: Patrick Pleul +++(c) dpa - Report+++
तस्वीर: picture-alliance/ZB

फिनलैंड में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से नवजात शिशु के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. ये असर बच्चे के बड़े होने के बाद दिखते हैं. ऐसे बच्चे बड़े हो कर विषाद खत्म करने वाली दवाओं का सहारा लेने लगते हैं और ड्रग्स की ओर उनका झुकाव ज्यादा होता है.

तस्वीर: Fotolia/Couperfield

ज्यादा सिगरेट ज्यादा खतरा

तुर्कू यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के मिकाएल एक्ब्लाद द्वारा किया गया शोध अमेरिकन जर्नल ऑफ एपीडेमियोलोजी में प्रकाशित हुआ. इस शोध के लिए 1987 से 1989 के बीच पैदा हुए बच्चों के आंकड़े इकट्ठा किए गए. इन बच्चों की माओं से पूछा गया कि क्या वे गर्भावस्था के दौरान भी सिगरेट पीती थीं. इसके बाद इन आंकड़ों को 1994 से 2007 के बीच दी गए दवाओं की प्रिस्क्रिप्शन के रिकॉर्ड से मिलाया गया. इस दौरान इन बच्चों की उम्र पांच से बीस साल के बीच थी.

शोध में पाया गया कि हर 11 में से एक बच्चे को मनोचिकित्सक द्वारा दवाइयां लिखी गई थी. यह दवा किसी ना किसी डर के कारण या तनाव के कारण दी गई. इन एंटीडिप्रेसेंट्स दवाइयों में कई रसायन ऐसे भी होते हैं जो नशे के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐसा पाया गया कि इन बच्चों में इन नशीली चीजों की लत लगने की आशंका है. कुल बच्चों में 14 प्रतिशत ऐसे थे जिनकी माओं ने गर्भावस्था के दौरान प्रति दिन दस से अधिक सिगरेट पी थी, 11 प्रतिशत की माओं ने दस से कम और आठ प्रतिशत ने सिगरेट नहीं पी थी.

तस्वीर: picture alliance/abaca

सिगरेट से डिप्रेशन

हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है सिगरेट पीने से बच्चे के मानसिक विकास पर बुरे असर का असली कारण क्या है. ऐसा माना जा रहा है कि शायद सिगरेट में मौजूद निकोटीन शिशु के दिमाग के लिए हानिकारक होता है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि सिगरेट पीने के कारण मां के शरीर में उतना ऑक्सीजन नहीं जा पाता जितना जाना चाहिए और कम ऑक्सीजन के कारण बच्चे का दिमाग सही तरह से विकसित नहीं हो पाता. 

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में इस पर अन्य शोध कर रहे माइकल वाइत्समन कहते हैं, "यह बहुत जरूरी है और बहुत रोमांचक भी." वाइत्समन का कहना है कि यह एक नई और दिलचस्प बात है कि सिगरेट का डिप्रेशन से भी लेना देना होता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस से पहले सिगरेट को डिप्रेशन से जोड़ कर नहीं देखा गया. इस से पहले हुए शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि लोग अधिकतर सिगरेट तब पीते हैं जब वे उदास होते हैं. लेकिन सिगरेट पीने के कारण डिप्रेशन और ज्यादा बढ़ जाता है. हालांकि बच्चों पर इसके असर के बारे में पहली बार पता चला है.

तस्वीर: bilderbox

शोध में कामियां

इस शोध में कुछ कामियां भी हैं. शोध में इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि क्या इन बच्चों की माओं ने कभी डिप्रेशन वाली दवाएं ली थीं, या क्या उन्होंने गर्भावस्था के दौरान शराब या नशा किया था. साथ ही शोध में यह भी नहीं देखा गया है कि क्या बच्चों के पिता भी धूम्रपान करते थे. या क्या माता पिता में से किसी ने जन्म के बाद सिगरेट पीना जारी रखा, क्योंकि उस समय भी शिशु के दिमाग का विकास होता है.

रिपोर्ट: रॉयटर्स/ ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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