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गर्मी से मारे जापान ने बनाई एसी के साथ जैकेट

२२ जुलाई २०११

मार्च में फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र में खराबी आने के बाद जापान को बिजली की कमी से जूझना पड़ रहा है. गर्मी से निजात पाने के लिए जापान में एयरकंडीशंड जैकेट बिक रही हैं.

बिजली की कटौती को दर्शाता ईरानी कार्टून.
बिजली की कटौतीतस्वीर: Jamal Rahmati

गर्मी के मौसम में बिजली की कटौती ने जापान के लोगों को परेशान किया हुआ है. लेकिन जापान के लोगों को नई नई तकनीक के लिए जाना जाता है. इस समस्या का भी हल वहां के लोगों ने निकाल लिया है. कुचोफुकू नाम की कंपनी ने एयरकंडीशंड जैकेट तैयार किए हैं. मजेदार बात यह है कि जापानी भाषा में कुचोफुकू का मतलब होता है हवादार कपड़े.

जापान में ये जैकेट हाथों हाथ बिक रहे हैं. मांग इतनी ज्यादा है कि कंपनी के लिए उसे पूरा करना भी मुश्किल पड़ रहा है. इस जैकेट में दो पंखे लगे हुए हैं. दोनों को अलग अलग स्पीड पर चलाया जा सकता है. ये पंखे बैटरी से चलते हैं. हवा इतनी तेज कि जैकेट के कॉलर और कफ तक आराम से पहुंच पाती है. इस जैकेट से आप पसीना तो सुखा ही सकते हैं, साथ ही तरोताजा भी महसूस करते हैं. एक जैकेट का दाम 11 हजार येन यानी करीब छह हजार रुपये है.

मजदूरी करने वाले 33 वर्षीय रेयो इगारशी ने भी यह जैकेट खरीदी है. वह बताते हैं, "मैं बहुत गर्म जगह पर काम करता हूं और मुझे पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने पड़ते हैं. इसलिए मैं यहां यह जैकेट खरीदने आया हूं ताकि गर्मी से बच सकूं... आम तौर पर गर्मी लगने पर लोग कम कपड़े पहनते हैं, लेकिन कुचोफोकू तो ऐसा है कि ज्यादा गर्मी में और भी ज्यादा कपड़े."

एयरकंडीशंड तकिए और कालीन

कुचोफुकू जैकेट्स को जापान की करीब एक हजार कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं. कंपनियां की इमारतों में लगे एयरकंडीशन तो अब काम नहीं कर रहे, लेकिन लोगों की ये एयरकंडीशंड जैकेट्स उन्हें गर्मी से दूर रखने का काम बखूबी करती हैं. जैकेट्स के अलावा यह कंपनी एयरकंडीशंड तकिए और कालीन भी बनाती हैं. इनमें पंखे तो नहीं लगे होते, लेकिन एक खास तरह की तकनीक हवा को फैलाने का काम करती है. यह कंपनी 2004 से इस तरह की चीजें बना रही है. अब तक इसे फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन साइटों से ऑर्डर मिला करते थे, लेकिन अब दफ्तर जाने वाले लोग और घर पर रहने वाली महिलाओं में भी इनकी मांग बढ़ गई है.

दो दशक पहले

कुचोफुकू कंपनी के अध्यक्ष हिरोशी इचिगाया को यह अनोखा आइडिया आज से दो दशक पहले 1990 में आया. तब वे सोनी कंपनी में एयरकंडीशन बनाने का काम किया करते थे. इचिगाया बताते हैं, "मैंने सोचा कि हमें पूरे कमरे को ठंडा करने की क्या जरूरत है, बस उसमें बैठे लोगों को ही अगर गर्मी से निजाद मिल जाए तो उतना ही काफी है." हाल ही में इन्हें सरकार की ओर से पांच लाख जैकेट्स का ऑर्डर आया, जो उन्हें ठुकराना पड़ा क्योंकि उनके पास इतनी सारी जैकेट्स बनाने की क्षमता नहीं है. इस साल वे 40 हजार जैकेट्स और अन्य चीजें बेच चुके हैं. इचिगाया उम्मीद करते हैं कि साल के अंत तक वो इस संख्या को 80 हजार तक पहुंचा पाएंगे.

फुकुशीमा संयंत्र के खराब होने के बाद से सरकार ने आदेश दिए हैं कि टोक्यो और तोहोकू में कंपनियां बिजली की कटौती से बचने के लिए खपत में 15 प्रतिशत की कमी लाएं. इसलिए वहां गर्मी के मौसम में भी एसी बंद पड़े हैं.

रिपोर्ट: एएफपी/ ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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