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गलत धारणाओं के कारण बिकता है पानी

८ जून २०११

अमेरिका में गरीब और अल्पसंख्यक बाकी लोगों की तुलना में मिनरल वॉटर की बोतलों पर अधिक खर्चा करते हैं. जानकार कहते हैं कि लोगों में गलत धारणा है कि बोतल का पानी नल के पानी से अधिक पौष्टिक होता है.

Klar ergiesst sich das Wasser am 30.01.2003 in ein Glas: Auf die Berliner kommt noch in diesem Jahr eine Erhöhung der Wasserpreise zu. Die Wirtschaftsverwaltung will von den Berliner Wasserbetrieben (BWB) eine Konzessionsabgabe erheben, die dem Land 68 Millionen Euro Einnahmen bringen soll. In einem Entwurf der Wirtschaftsverwaltung ist von einer Erhöhung von 32 Cent pro Kubikmeter die Rede, berichtete der SFB-Hörfunk. Der Preis für Trinkwasser würde damit um rund 18 Prozent auf 2,23 Euro steigen. Pro Kopf wären das bei einem jährlichen Wasserverbrauch von rund 45 Kubikmetern knapp 15 Euro. Künftig könnten noch weitere Preiserhöhungen auf die Wasser- Verbraucher zukommen, weil die privaten Investoren eine bessere Verzinsung ihres Eigenkapitals fordern, hieß es.
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका के विसकॉन्सन के एक अस्पताल में यह सर्वेक्षण किया गया. इस अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में 632 माता पिता से यह पूछा गया कि वह अपने बच्चों को कौन सा पानी पिलाते हैं. नतीजों से पता चला कि अश्वेत और अल्पसंख्यक लोग अन्य की तुलना में तीन गुणा अधिक मिनरल वॉटर का इस्तेमाल करते हैं.

यह नतीजे हैरान करने वाले इसलिए हैं क्योंकि यह वे लोग हैं जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है. इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 25 प्रतिशत अश्वेत लोग अपने बच्चों को केवल मिनरल वॉटर ही पिलाते हैं, जबकि ऐसा करने वाले श्वेत लोगों की संख्या केवल आठ प्रतिशत ही है. सर्वेक्षण करने वाले मार्क गोरलिक कहते हैं, "यह वह लोग हैं जिनके पास सुविधाएं बेहद कम हैं. मैं लोगों से यह अनुरोध करना चाहूंगा कि वह अपना पैसा बचाएं और नल का पानी पिएं."

तस्वीर: dpa

कितने मिनेरल हैं मिनेरल वॉटर में?

विकसित देशों में नल का पानी पीने लायक होता है. यहां भारत या अन्य एशियाई देशों की तरह पानी को अलग से फिल्टर नहीं करना पड़ता. इसके बाद भी कई लोग समझते हैं कि बाजार से पानी खरीदना सेहत के लिए बेहतर है. क्या यह धारणा वाकई में सही है? गोरलिक बताते हैं, "अधिकतर पैक्ड बोतलों में केवल फिल्टर किया हुआ नल का पानी होता है. इनमें कोई अलग पोषक तत्व नहीं होते. इनका कोई खास फायदा तो नहीं होता, पर इनसे कुछ नुकसान जरूर हो सकता है."

गोरलिक बताते हैं कि नल के पानी में फ्लोराइड होता है जो बच्चों के दांत मजबूत रखने में मददगार साबित होता है. पैक्ड बोतलों में यह नहीं होता. इस से पहले भी गोरलिक ने एक सर्वेक्षण किया था जिसमें उन्होंने पाया था कि पैक्ड पानी पीने वाले बच्चों में पेट खराब होने और दस्त लगने का खतरा बाकी बच्चों की तुलना में कई गुणा अधिक बना रहता है.

अमेरिका में हर साल 37 अरब लीटर पानी बिकता है. डॉक्टरों का मानना है कि लोगों में गलत धारणाएं है और पानी पैक करने वाली कम्पनियां इनका फायदा उठा रही हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

सम्पादन: एस गौड़

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