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गांधी से बड़े तेंदुलकर, नोकिया सबसे ऊपर

२० जनवरी २०११

भारत में लोग सबसे ज्यादा भरोसा किस नाम पर करते हैं. सचिन, नोकिया, गांधी, टाटा, सैमसंग जैसे कई जानेमाने नाम इस दौड़ में शामिल हुए. एक सर्वेक्षण में पता लगाया कि भारत में सबसे भरोसेमंद ब्रैंड नेम कौन सा है.

तस्वीर: UNI

नोकिया ने यो किया

तस्वीर: AP

इस दौड़ में अव्वल रही फिनलैंड की मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनी नोकिया. नोकिया के नाम पर लोग सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. दूसरे नंबर पर भारत की अपनी कंपनी टाटा का नाम आता है.

आगे देखें: टॉप 10 में कौन कौन

टॉप 10 में कौन कौन

तस्वीर: AP

यह सर्वेक्षण द ब्रैंड ट्रस्ट रिपोर्ट, इंडिया स्टडी 2011 नाम से किया गया. इसके मुताबिक लोगों के भरोसे के लिहाज से जापान की कंपनी सोनी का नाम तीसरे नंबर पर है. उसके बाद कोरियाई कंपनियों एलजी और सैमसंग का नंबर आता है. टॉप टेन में शामिल अन्य नामों में रिलायंस, मारुति, एलआईसी, एयरटेल और टाइटन शामिल हैं.

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सचिन बनाम गांधी

तस्वीर: AP

यह सर्वेक्षण ट्रस्ट रिसर्च अडवाइजरी (टीआरए) ने कराया. इसमें हस्तियों के नामों को भी ब्रैंड के तौर पर शामिल किया गया. लेकिन इस सर्वेक्षण का दिलचस्प नतीजा महात्मा गांधी और सचिन तेंदुलकर के बीच हुए मुकाबले में निकला. तेंदुलकर ने ब्रैंड नेम के तौर पर गांधी को पीछे छोड़ दिया. पूरी सूची में सचिन को 59वां नंबर मिला. हो सकता है ब्रैंड के तौर पर लोगों का भरोसा उन पर उतना नहीं हैं लेकिन फिर भी लोग गांधी से ज्यादा भरोसा सचिन के नाम पर करते हैं. महात्मा गांधी को 232वां नंबर मिला.

आगे देखें: आउट हुए अमिताभ

आउट हुए अमिताभ

तस्वीर: AP

आमिर खान सचिन और गांधी दोनों से पीछे 242वें नंबर पर रहे. यह खबर बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को शायद ज्यादा पसंद न आए क्योंकि उनका नाम तो इस सूची में है ही नहीं. सर्वेक्षण के मुताबिक लोगों ने उन्हें टॉप 300 में भी शामिल नहीं किया है.

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कोला पर क्या बोला

तस्वीर: AP

सर्वेक्षण में कुछ दिलचस्प नतीजे देखने को मिले. मसलन सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनी पेप्सी ने अपनी कट्टर प्रतिद्वन्द्वी कोका कोला को काफी पीछे छोड़ दिया. पेप्सी 36वें नंबर पर रही जबकि कोका कोला को 60वां नंबर मिला.

आगे देखें: सच में किसका भरोसा

भारतीयों का भरोसा कैसे

तस्वीर: Museum für Völkerkunde Hamburg

इस सर्वेक्षण में 16 हजार ब्रैंड्स के नामों को शामिल किया गया. इसके लिए देश के नौ बड़े शहरों के 2310 लोगों से बातचीत की गई. टीआरए के सीईओ एन चंद्रमौली का कहना है कि यह सर्वेक्षण ब्रैंड नेम पर लोगों के भरोसे पर आधारित है. चंद्रमौली ने बताया कि इस सर्वे में चार महीने का वक्त लगा और उनके कार्यकर्ताओं ने लोगों के बीच 10 हजार घंटे खर्च करके यह जानकारी जुटाई है. इस जानकारी के आधार पर टॉप 300 ब्रैंड की एक लिस्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट की कीमत 4350 रुपये है.

लेकिन क्या इससे वाकई पता चलता है कि भारत के लोग किस नाम पर भरोसा करते हैं?

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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