जर्मन फुटबॉल अधिकारियों ने तय किया है कि वह फ्री किक के लिए गायब हो जाने वाले उजले स्प्रे का ही इस्तेमाल करेंगे. 2014 के वर्ल्ड कप में इस स्प्रे का पहली बार इस्तेमाल हुआ था.
विज्ञापन
इस स्प्रे का इस्तेमाल फ्री किक के दौरान खिलाड़ियों को तय जगहों से भटकने से रोकने के लिए किया जाएगा. सोमवार को जर्मन फुटबॉल लीग (डीएफएल) ने एक बैठक के बाद घोषणा की कि इस स्प्रे का बुंडेसलीगा के पहले और दूसरे दोनों डिवीजन में जल्द ही इस्तेमाल शुरू किया जाएगा.
ब्राजील में 2014 वर्ल्ड के दौरान इस्तेमाल हुए इस स्प्रे को सस्ता और प्रभावी तरीका पाया गया, जिससे फ्री किक लगाते समय डिफेंसिव खिलाड़ी बॉल के नौ मीटर के दायरे में नहीं आए. डीएफएल ने स्प्रे के इस्तेमाल का फैसला पूरे बहुमत से किया. स्प्रे करने के दो मिनट बाद यह गायब हो जाता है. डीएफएल ने कहा, "ब्राजील में हुए अनुभवों के बाद लीग के बोर्ड ने तय किया है कि गायब होने वाले इस स्प्रे को बुंडेसलीगा और इसके दूसरे डिवीजन में भी जल्द ही इस्तेमाल किया जाएगा."
जर्मन फुटबॉल संघ (डीएफबी) के साथ सारी बातें तय होने के बाद स्प्रे को बुंडेसलीगा के आने वाले सीजन में 22 अगस्त से इस्तेमाल किया जा सकेगा. जर्मन लीग के दूसरे डिवीजन के मैच शुरू हो चुके हैं. लीग के मुताबिक, "डीएफबी लटके हुए मामलों पर फैसला लेकर इसके इस्तेमाल की तारीख तय करेगा.
इस स्प्रे को सबसे पहले साल 2000 में इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद इसे अब इंग्लिश, फ्रेंच और स्पेनी लीग में भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
फुटबॉल के ड्रामेबाज
फुटबॉल के कुछ बड़े खिलाड़ी, ड्रामेबाजी में भी अव्वल होते हैं. विरोधी टीमों को उनके ड्रामेबाजी के हुनर से भी निपटना पड़ता है. तस्वीरों में वर्ल्ड कप के टॉप-7 ड्रामेबाज.
तस्वीर: Reuters
आर्यन रोबेन
नीदरलैंड्स के स्टार स्ट्राइकर आर्यन रोबेन, जितने मशहूर अपने खेल के लिए हैं, उतनी ही शोहरत उन्होंने ड्रामेबाजी में भी हासिल की है. मैच के दौरान उन्हें विपक्षी खिलाड़ी ने अगर छू भी दिया तो रोबेन चीखते हुए गिर पड़ते हैं और पेनल्टी मांगने लगते हैं. मेक्सिको के खिलाफ उन्हें ऐसे ही पेनल्टी मिली.
तस्वीर: Reuters
लुईस सुआरेस
सुआरेस को लोग अब उरुग्वे के स्टार स्ट्राइकर के साथ साथ स्टार बाइटर यानी काटने वाला भी कह रहे हैं. विपक्षी खिलाड़ियों को दांत गड़ाने वाले सुआरेस ऐसा दिखावा करते हैं जैसे विपक्षी टीम मैदान पर उनका शोषण कर रही हो.
तस्वीर: JAVIER SORIANO/AFP/Getty Images
डियागो कोस्टा
स्पेन के स्ट्राकर डियागो कोस्टा, हुनर के बजाए ड्रामे से खेल को ज्यादा प्रभावित करते हैं. वो बिना किसी के छुए भी गिर पड़ते हैं और पेनल्टी, पेनल्टी कहने लगते हैं. ड्रामे की ही बदौलत वो नीदरलैंड्स के खिलाफ एक पेनल्टी पाने में सफल हुए.
तस्वीर: Reuters
थोमास मुलर
जर्मनी के स्टार स्ट्राइकर भी हाल के बरसों में मैदान पर बहुत ड्रामा करने लगे हैं. हल्की सी छुअन छुआई में मुलर भी चीख उठते हैं. उनके ड्रामे से तंग आकर पुर्तगाल के पेपे ने म्यूलर से सिर लड़ा दिया, नतीजा हुआ रेड कार्ड.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मारियो बालोटेली
खुद फाउल करना लेकिन ऐसा दिखाना जैसे गलती सामने वाले खिलाड़ी ने की हो, इस कला में बिजली जैसी रफ्तार वाले इटली के स्टार स्ट्राइकर मारियो बालोटेली काफी आगे हैं. तस्वीर में नौ नंबर की जर्सी पहने बालोटेली.
तस्वीर: Reuters
टिम कुर्ल
हॉलैंड के गोलकीपर टिम कुर्ल पेनाल्टी जैसे मौकों पर साइकोटेरर का सहारा लेते हैं. वो विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को लगातार बरगलाते हैं. कोस्टा रिका के खिलाफ कुर्ल लगातार कहते रहे, "मुझे पता है, तुम कहां मारोगे."
तस्वीर: picture-alliance/dpa
नेमार
ब्राजील के नेमार जूनियर भी मैदान पर जरूरत से ज्यादा नाटक करते हैं. यही वजह रही कि कोलंबिया के खिलाफ जब नेमार को गंभीर चोट लगी तो रेफरी ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया.