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गिग्स यानी मैनचेस्टर की जान

२९ नवम्बर २०१३

लाल जर्सी का रखवाला राएन गिग्स जैसा शायद दूसरा न हो. मैनचेस्टर यूनाइटेड का महान स्तंभ चुपचाप दो दशक से जिम्मेदारी निभा रहा है. गिग्स को आम लोग न जानते हों, लेकिन फुटबॉल की दुनिया 40 साल के बर्थडे ब्वाय को सलाम करती है.

तस्वीर: PAUL ELLIS/AFP/Getty Images

क्रिकेट में जिस वक्त सचिन तेंदुलकर ने कदम रखा, लगभग उसी वक्त गिग्स ने रेड डेविल की लाल जर्सी पहनी. साल था 1990. मैनेजर थे एलेक्स फर्गुसन. गिग्स इससे पहले पांच साल इसी मैनचेस्टर यूनाइटेड की जूनियर टीम से जुड़े थे. यानी 40 साल की उम्र में मैनयू के साथ उनका रिश्ता 32 साल का हो गया.

इस बीच सचिन तेंदुलकर रिटायर हो गए. सर फर्गुसन रिटायर हो गए. क्रिकेट भी बदल गया और फुटबॉल भी. अगर कुछ नहीं बदला, तो मैनचेस्टर यूनाइटेड की जर्सी और टीम में गिग्स की मौजूदगी. फर्गुसन की जगह टीम की कमान संभावले वाले डेविड मोयेस का कहना है, "सबसे बड़ी बात यह कि वह 40 के लगते नहीं, 40 साल वाले की तरह खेलते नहीं. वह एक महान खिलाड़ी हैं और उनके साथ काम करना बड़ी उपलब्धि है. लेकिन उन्हें टीम में खिलाड़ी के तौर पर रखना भी बड़ी बात है."

1991 में राएन गिग्सतस्वीर: Getty Images/David Cannon/Allsport

योग से मदद

सिर के कुछ बाल जरूर उड़ गए हैं. कलम के कुछ सफेद हो गए हैं, लेकिन फुटबॉल पर पकड़ ढीली नहीं पड़ी. अलबत्ता वेल्स के गिग्स ने ढलती उम्र के साथ खेल को भी ढाल लिया. किसी जमाने में तेज तर्रार विंगर अब धीरे धीरे डिफेंडर के रोल में आ गए हैं. बीच का कुछ अरसा मिडफील्डर के रूप में भी बीता. हालांकि विरोधी खेमे में पास मिलने पर उनकी तेजी आज भी देखी जा सकती है.

किसी उत्साही युवा खिलाड़ी की तरह गिग्स भी शुरुआती दिनों में चोट से पीड़ित रहे. मांसपेशियों में खिंचाव, आए दिन की बात होने लगी. लेकिन यहां उन्हें योग ने मदद दी. गिग्स का कहना है, "योग ने मेरी बहुत मदद की. इसकी वजह से मैं हर दिन ट्रेनिंग कर सकता हूं."

1994 में राएन गिग्सतस्वीर: Getty Images/Mike Cooper/Allsport

रिकॉर्डों के गिग्स

सीनियर और जूनियर टीमों को मिला दिया जाए, तो 1985 से अब तक वह मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए 953 मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उनके नाम 13 राष्ट्रीय लीग खिताब, दो चैंपियंस लीग खिताब, चार एफए कप और तीन लीग कप आ चुके हैं. सम्मान के नजरिए से वह ग्रेट ब्रिटेन में सबसे ज्यादा सुसज्जित खिलाड़ी हैं.

लेकिन इसके बावजूद वह वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए. गिग्स वेल्स का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा है. ग्रेट ब्रिटेन चार देशों का समूह है, जिसमें इंग्लैंड के अलावा वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड आते हैं. वर्ल्ड कप में इन देशों को अपने दम पर क्वालिफाई करना पड़ता है और वेल्स सिर्फ एक बार 1958 में विश्व कप के लिए चुना जा सका है. गिग्स जब से खेल रहे हैं, तब से उनकी राष्ट्रीय टीम कभी भी वर्ल्ड कप में नहीं पहुंच पाई और इसी वजह से फुटबॉल की दुनिया का बहुत बड़ा हिस्सा गिग्स से अनजान है.

2013 में राएन गिग्सतस्वीर: imago/Xinhua

गिग्स का सम्मान

वह इकलौते खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने करियर के दौरान हर साल प्रीमियम लीग खेली और हर साल गोल किये. वह बिना थके गेंद के साथ दौड़ने और गोल करने के मौके बनाने में माहिर माने जाते हैं. 2011 के सर्वे में उन्हें मैनचेस्टर यूनाइटेड का अब तक का महानतम खिलाड़ी चुना गया.

उनका मौजूदा करार जून में खत्म हो रहा है. हालांकि गिग्स साफ कर चुके हैं कि वह अपने फुटबॉल करियर में कोई नया अध्याय नहीं जोड़ना चाहते. यह भी कह चुके हैं कि उनका अभी रिटायर होने का विचार नहीं, "मैं कुछ और योगदान देना चाहता हूं. लेकिन वह सीजन के साथ अपने आप आएगा. अगर मैं 40 का हो रहा हूं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. जब मुझे लगेगा, तब मैं फौरन बस्ता बांध लूंगा. लेकिन अभी नहीं."

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी

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