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गिलानी ने ओसामा के लिए प्रार्थना का आयोजन किया

७ मई २०११

कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने आतंकवादी संगठन अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत पर एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया.

सैयद अली शाह गिलानी
सैयद अली शाह गिलानीतस्वीर: UNI

श्रीनगर के बटमालू इलाके में समारोह के दौरान गिलानी ने कहा, एक 'शहीद' के लिए प्रार्थना करना उनका धार्मिक कर्तव्य है. "धार्मिक नेताओं ने ओसामा की शहादत के बाद गुस्सा और नाराजगी जताई है, उनके शव को समुद्र में बहा दिया गया है. हम उनके प्रति (प्रार्थनाओं का आयोजन कर) अपनी धार्मिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं." गुरुवार को गिलानी ने लोगों से कहा था कि वे बिन लादेन के लिए प्रार्थना करें. शुक्रवार को उन्होंने सैंकड़ों लोगों के बीच ओसामा बिन लादेन के लिए प्रार्थना की. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कश्मीर के कई इलाकों में बिन लादेन के लिए लोगों ने प्रार्थना की.

मारा गया ओसामातस्वीर: picture-alliance/dpa

बटमालू में प्रार्थना के बाद गिलानी ने पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए विनती की और कहा कि वह एक परमाणु देश है जिसे दुनिया भर से खतरों का सामना करना पड़ रहा है. "पाकिस्तान विश्व में एकमात्र मुस्लिम देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं और आज हर तरफ से उसे खतरे का सामना करना पड़ रहा है. हर किसी को पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए मन्नत मांगनी चाहिए."

शुक्रवार के नमाज से एक घंटे पहले गिलानी को नजरबंदी से रिहा किया गया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच शांति तभी कायम हो सकती है जब कश्मीर को अपने फैसले खुद करने का मौका मिलेगा. "हमें शांति चाहिए लेकिन शांति तब तक नहीं मिल सकती जब तक उन देशों को आजाद नहीं किया जाता जो गुलामी में हैं...जब तक फलिस्तीन आजाद नहीं होता, जब तक चेचन्या अपने फैसले खुद नहीं करता, जब तक अंतरराष्ट्रीय बल इराक और अफगानिस्तान से हट नहीं जाते." हालांकि गिलानी ने यह भी कहा कि उनका संघर्ष शांतिपूर्ण रहेगा.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः आभा एम

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