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गिलानी ने नकार दिया कश्मीर पैनल को

१३ अक्टूबर २०१०

कश्मीर मामले का हल खोजने के लिए भारत सरकार की ओर से नियुक्त किए गए मध्यस्थों के पैनल को हुर्रियत नेता गिलानी ने नकार दिया है. गिलानी ने इसे बेकार की कवायद बताया और कहा कि इससे कोई बातचीत नहीं करेंगे.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

भारत सरकार ने कश्मीर मुद्दे का यथाशीघ्र समाधान खोजने की दिशा में बुधवार को मध्यस्थता के लिए तीन वार्ताकारों की टीम बनाई है. जिसमें जाने माने पत्रकार दिलीप पडगांवकर, सूचना आयुक्त एमएम अंसारी और शिक्षाविद राधा कुमार शामिल हैं.

हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सरकार की पहल को सिरे से नकारते हुए इसे व्यर्थ की कवायद बताया है. श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में गिलानी ने कहा कि इस दल से तब तक बात नहीं की जाएगी जब तक कि भारत सरकार कश्मीर घाटी में सामान्य हालात बहाल करने के लिए इस साल अगस्त में घोषित किए गए पांच सूत्रीय एजेंडे को लागू नहीं करती है. इधर हुर्रियत की नरमपंथी इकाई का कहना है कि सरकार को इस काम के लिए संसद सदस्यों की मौजूदगी वाला पैनल गठित करना चाहिए. तभी यह उपयोगी साबित होगा.

इससे पहले नई दिल्ली में भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पैनल के गठन की घोषणा करते हुए ने बताया कि यह फैसला राज्य सरकार से सलाह मशविरे के बाद किया गया है. उन्होंने कहा कि पडगांवकर, अंसारी और प्रो. कुमार सामाजिक सरोकारों से जुड़े हैं और इनके लंबे समय के अनुभव का फायदा इस समस्या के समाधान को खोजने में जरूर मिलेगा.

तस्वीर: APImages

यह दल जल्द ही अपना काम करना शुरू कर देगा. प्रो. कुमार अभी देश से बाहर हैं और उनके स्वदेश लौटते ही ये लोग राज्य का दौरा कर अपने कामकाज की रूपरेखा तय करेंगे. इस दल में एक और वार्ताकार को भविष्य में नियुक्त किए जाने की गुंजाइश है. सरकार ने मध्यस्थ नियुक्त करने का यह फैसला 25 सितंबर को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के दौरान किया था.

यह टीम जम्मू कश्मीर की मुख्य धारा के सभी राजनीतिक दलों और अलगाववादियों से बातचीत कर सभी पक्षों की राय से समस्या का सर्वमान्य हल निकालने का प्रयास करेगी. इस दौरान राज्य के तीन हिस्सों जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के लोगों से भी बात की जाएगी.

इधर कश्मीर घाटी में सोपोर को छोड़ कर सभी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है. श्रीनगर से 52 किलोमीटर दूर सोपोर के शालीपुरा, अशपीर, इकबाल कालोनी, चंदखान और नहरपुरा में कर्फ्यू जारी रहेगा. मंगलवार को हुर्रियत नेता गिलानी के घर तक अलगाववादियों की पदयात्रा को निष्फल करने के लिए सोमवार की रात को कर्फ्यू लगाया गया था. गिलानी की तरफ से बुलाई गई हड़ताल और पदयात्रा के कारण घाटी में आम जनजीवन प्रभावित है.

रिपोर्ट: पीटीआई/निर्मल

संपादन: ओ सिंह

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