गुजरात में पटेल आरक्षण की मांग ने हिंसक रूप लिया. केंद्र सरकार ने 5,000 अर्द्धसैनिक बल गुजरात भेजे. मंगलवार देर रात गुजरात के कई इलाकों में हिंसा हुई. तीन लोगों की मौत हुई.
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात इस वक्त तनाव में है. राज्य के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र अहमदाबाद समेत सूरत, मेहसाणा, विषनगर और उन्झा में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां मांगी है. बुधवार सुबह एक पुलिस अधिकारी ने हालात की जानकारी देते हुए कहा कि, "स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है."
हिंसा हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी और लाठीचार्ज के बाद भड़की. हालांकि पटेल को मंगलवार शाम ही रिहा भी कर दिया गया. पुलिस के मुताबिक उपद्रवियों ने 50 से ज्यादा वाहनों को फूंक दिया. राज्य के गृह मंत्री रजनी पटेल के पैतृक मकान को भी आग लगा दी गई. सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है. हार्दिक पटेल पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किये जाने की मांग कर रहे हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा, "मैंने जीएमजीसी मैदान पर रैली के बाद आमरण अनशन कर रहे लोगों के आस पास जमा भीड़ पर पुलिस लाठीचार्च की रिपोर्ट मांगी है." अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा ने लाठीचार्च करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पटेल अनामत अंदोलन समिति के एक सदस्य ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया, "गुस्सा पुलिस के खिलाफ था." आंदोलन समिति ने बुधवार को गुजरात बंद की अपील भी की है.
ऐहतियात के तौर पर राज्य में सारे स्कूल और बाजार बंद कर दिए गए हैं. गुजरात के कई इलाकों में सार्वजनिक बस सेवा भी बंद कर दी गई है. मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित किया गया है.
भारत में फिलहाल अनुसूचित जाति के लिए 15 फीसदी आरक्षण है. अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. कुल मिलाकर 49.5 फीसदी आरक्षण है. आरक्षण के जरिए वंचित वर्ग को समाज के मुख्यधारा में लाने का कल्पना थी. लेकिन बीते तीन दशकों में आरक्षण वोट बैंक की राजनीतिक हथियार बन गया. क्रीमी लेयर और पीढ़ी दर पीढ़ी आरक्षण जैसी समस्याएं हल नहीं हो रही हैं.
6.3 करोड़ की आबादी वाले गुजरात में 20 फीसदी पटेल हैं. इनमें से ज्यादातर कृषि और लघु उद्योगों से जुड़े हैं. हार्दिक पटेल का कहना है कि कृषि की बदहाली और महंगाई की वजह से हालात मुश्किल होते जा रहे हैं. आरक्षण के जरिए वो पढ़ाई लिखाई और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं.
ओएसजे/एमजे (पीटीआई)
खुद को खोजता भारत
सड़कों पर गायों के साथ बीएमडब्ल्यू की शानदार कारें घूमती हैं. कहीं गरीबी से जूझ रहे लोग, तो कहीं अपने घरों पर हेलीपैड बनाते रईस हैं. भारत अव्यवस्थित है विरोधाभासों से भरे भारत का भविष्य कैसा रहेगा.
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शून्य से शुरुआत
शून्य का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट ने चौथी सदी में ही बता दिया था कि दिन और रात की लंबाई पृथ्वी के घूमने से तय होती है. अब 2014 में तकनीकी तौर पर सक्षम भारत चांद पर अपना पहला अंतरिक्ष यान पहुंचा देगा.
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माला फेरत जुग गया...
...फिरा न मन का फेर. आधुनिक तकनीक और सुपरपावर बनने का ख्वाब देखता भारत आज भी अंधविश्वास, जातिवाद और सांप्रदायिकता के विवादों में फंसा हुआ है.
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कदम कदम बढ़ाए जा
1990 की दशक में भारत में विकास की रफ्तार आसमान छूने लगी. मल्टीनेशनल कंपनियों ने भारत में पढ़े लिखे युवा का फायदा उठाया और सस्ते दामों में कॉल सेंटर खुलने लगे. विकास दर 8-9 प्रतिशत तक पहुंच गई.
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पलटी जनता
सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर आखिर उतर ही आए. 2012 दिसंबर में 23 साल की एक महिला के बलात्कार ने जनता को हिला दिया. महिलाओं का अपमान और उनकी सुरक्षा में कमी, इसके खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हुए. नई दिल्ली में पिछले साल बलात्कार के 585 मामले दर्ज किए गए.
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कोई नहीं करोड़पति
भारत में विकास ने नौकरियां पैदा की हैं, पढ़े लिखे पेशेवरों की किस्मत खुली है और जीवन स्तर बेहतर हो गया है. लेकिन अब भी 25 प्रतिशत लोग पढ़ लिख नहीं सकते. करीब 35 प्रतिशत महिलाएं अनपढ़ हैं और गरीबी अनौपचारिक आंकड़ों के मुताबिक 30 प्रतिशत है.
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सोने की चिड़िया
ऐश्वर्य और समृद्धता की राह पर चलते भारत में आज भी बच्चों को पूरा खाना नहीं मिलता. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक तीन साल से कम उम्र के बच्चों में से 46 प्रतिशत अपनी उम्र के हिसाब से छोटे दिखते हैं.
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कैसे जाएगा मुसाफिर
भारत में अच्छी सड़कें ज्यादातर राजधानी दिल्ली या राज्यों की राजधानी में मिलेंगीं. सरकार का कहना है कि विदेशी निवेश को बढ़ाने से मूलभूत संरचना की कमी को खत्म किया जा सकेगा.
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दुश्मन अपने देश में
देश के भीतर महिलाओं को सुरक्षा न दे पाने वाली सरकार देश की बाहरी सुरक्षा के लिए बजट बढ़ा रही है. कुछ ही सालों में भारत ग्रेट ब्रिटेन से ज्यादा पैसे हथियारों में लगाएगा. लेकिन भारत के रक्षक खुद झुंझला रहे हैं- एक पायलट का कहना है कि मिग 21 उड़ाना संविधान में जीवन के अधिकार के खिलाफ है.
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दिया जले जान जले
संरचना में कमी, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था ने आम जनता की जिंदगी को आजाब बना दिया है. बढ़ते विकास ने भारत की ऊर्जा जरूरतों को तो बढ़ाया है, लेकिन गैर जिम्मेदाराना व्यवहार ने भी जरूरी सेवाओं में अडंगा डाला है.
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भोगी से लड़े योगी
सड़कें हों, सरकारी दफ्तर हों या राशन- भारत में भ्रष्टाचार आम जिंदगी का हिस्सा बन गया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन और लोकपाल की मांग लेकिन कुछ ही हद तक सफल हो पाया है.
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खोटा पैसा
अर्थशास्त्री 1990 से पहले भारत के विकास दर को अकसर „हिंदू विकास दर“ कहते थे, यानी जब विकास 3.5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होता था और अर्थव्यवस्था भी किस्मत की मारी लगती थी. अब हालत कुछ अलग नहीं, विकास दर 6 प्रतिशत से कम है और चंद्रयान की तरह महंगाई भी चांद पहुंचती दिख रही है.
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मुंह फेरते भगवान
उत्तराखंड में बाढ़ के बारे में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का कहना है कि यह पहाड़ी इलाकों में अंधाधुंध निर्माण की वजह से हुआ है. हिमालय पर तीर्थ करने पहुंचे हजारों यात्रियों में से इस आपदा में करीब पांच हजार लोग मारे गए.
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आओ सपनों में खो जाएं
भारत का भविष्य कैसा होगा, कहना मुश्किल है. लेकिन सुंदर सपने बुनने में कम से कम बॉलीवुड पीछे नहीं. आल्प्स की पहाड़ियों में नाचते फिल्मी सितारे रोजमर्रां की जानलेवा सच्चाई को भूलने में मदद करते हैं.