गुजरात में दुनिया का सबसे पुराना शहर, जांच जारी
२ अगस्त २०१०समुद्र के नीचे शहरों की कहानी अक्सर उभरती रहती हैं, और उनके साथ शहरी सभ्यता के इतिहास के बारे में नए सिद्धांत भी उभरते हैं. इसी तरह गुजरात में खम्भात की खाड़ी में भारत की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ओशन टेक्नोलॉजी के समुद्र वैज्ञानिकों को समुद्रतल से 120 फ़ीट नीचे संरचनाएं मिली थी, जिनके बारे में कहा जाता रहा है कि वे पुरातात्विक अवशेष हैं.
ये लगभग पांच मील की लंबाई व दो मील की चौड़ाई में फैले हुए हैं, और कार्बन डेटिंग से पता चला है है कि वहां के मिट्टी के बरतन, मुर्तियां व हड्डियां लगभग साढ़े नौ हज़ार साल पुरानी हैं. अगर वाकई में ऐसा है तो यह दुनिया में इंसान और सभ्यताओं की कहानी को बदल देगा. अब तक प्राप्त सुमेरी सभ्यता के नगर पांच हज़ार साल पुराने माने जाते हैं.
यहां प्राचीन सभ्यता के अस्तित्व में विश्वास रखने वालों का कहना है कि यह शहर कभी समुद्र के किनारे हुआ करता था. साढ़े चार हज़ार साल पहली आई एक भयानक बाढ़ में यह इलाका समुद्र के नीचे डूब गया. दूसरी ओर, इन सिद्धांतों पर शक करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि ये प्राकृतिक बनावट हैं. साथ ही वे इनकी खोज के लिए अब तक इस्तेमाल किए गए सोनार इमेज तकनीक को भी संदेह की दृष्टि से देखते हैं. इन समुद्री भूतत्वविदों का कहना है कि समुद्र की गहराई में वास्तविक खोज के ज़रिये ही इस सिलसिले में ठोस व्याख्या संभव है
खम्भात की खाड़ी में ऐसी संरचनाओं की खोज कोई अकेली बात नहीं है. दुनिया में कई जगह समुद्र के नीचे ऐसी संरचनाओं का पता चला है. क्या वे मानव निर्मित शहर थे?
इस सिद्धांत के समर्थक बर्फ़ीले युग के बाद पृथ्वी पर आई भयानक बाढ़ों की ओर ध्यान दिलाते हैं, जिनकी वजह से समुद्रतल की ऊंचाई काफ़ी बढ़ गई और धरती का अच्छा-ख़ासा हिस्सा डूब गया. क्या उस समय शहर बने थे? इस सवाल का कोई वैज्ञानिक जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: ओ सिंह