गुब्बारे पर जोखिम भरी सवारी की तैयारी
१० सितम्बर २०१०![](https://static.dw.com/image/4702896_800.webp)
बैलून की सवारी के शौकीन यूक्रेन के सर्गेई स्काल्को और जॉर्जिया के रेवाज उतुरगउर अगर कामयाब रहते है तो हॉटबैलून से कालासागर पार करने वाले ये जोड़ी पहली होगी. इन दोनों ने अगले साल जनवरी में इस खतरनाक यात्रा की तैयारी कर ली है. 900 किलोमीटर लंबी इस यात्रा की शुरूआत यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप से होगी और जॉर्जिया के बतूमी में इसे खत्म करने की योजना है.
स्काल्को का कहना है "हवाई यात्रा के लिहाज से यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं है और पहले भी बैलून से दुनिया नापने जैसे कारनामे किए जा चुके हैं लेकिन दुनिया के इस सबसे खतरनाक रास्ते से अब तक कोई नहीं गुजर पाया है. हमें इस मार्ग पर पड़ने वाले बर्फ से ढके समुद्र, साल भर विपरी दिशा में चलने वाली तेज हवाएं, यात्रा के पड़ाव पर मौजूद ऊंचे पहाड़ और जलवायवीय संघर्ष क्षेत्रों को पार करना होगा."
ये इलाका ऐसा है जहां हवाओं की दिशा बदलती रहती है. अगर वे कहीं भटक जाते हैं तो या तो वे किसी पहाड़ से जा टकराएंगे या फिर किसी विवादित इलाके में जा पहुंचेगे. अगर वे दक्षिणी हिस्से में भटक गए तो तुर्की के पोंटिक पहाड़ियों से जा टकराएंगे इसका मतलब उनके गुब्बारे के अति ठंडे पथरीले इलाके में गिरने का ख़तरा पैदा हो सकता है. चूंकी उनका गुब्बारा बहुत हाईटेक नहीं है इसलिए वो ज्यादा ऊंचे नहीं उड़ सकते. उनकी टीम के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ठंड में वे उड़े तो उन्हें कम दिक्कत होगी. क्योकि साइबेरिया की ठंडी हवा काले सागर की हवाओं का प्रभाव खत्म कर देती है.
इस जोखिम को उठाकर इतिहास रचने पर 3.5 लाख अमेरिकी डॉलर का खर्च आने का अनुमान है. इस यात्रा में 3.5 टन प्रोपेन गैस, खाना रसद, औजार और दोनों यात्रियों के भार को मिलाकर बैलून पर 5 टन वजन लदा होगा. इसे सफल बनाने के लिए 30 लोगों की टीम जी जान से जुटी है.
रिपोर्टः डीपीए/निर्मल
संपादनः आभा एम