गुलामी समझौता खत्म करोः बीएनपी
१० अगस्त २०१०![](https://static.dw.com/image/2487437_800.webp)
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया ने सरकार विरोधी रैली से पहले अपने समर्थकों से कहा कि जनता इस "गुलामी के समझौते" को स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा, "देश के हितों के विरुद्ध एक और गुलामी वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. देश के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे." खालिदा जिया ने कहा कि आवामी लीग ने 1971 में आजादी के बाद भी 25 साल का एक गुलामी समझौता किया था, इस बार भी उन्होंने देश के हितों के विरुद्ध जाकर यह समझौता किया है. खालिदा जिया ने इस समझौते को तुरंत खत्म करने की मांग की.
भारत ने 7 अगस्त को बांग्लादेश को एक अरब डॉलर का ऋण देने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारत की तरफ से किसी दूसरे देश को दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा ऋण है. यह रकम देश में बुनियाद विकास के ढांचे पर खर्च की जाएगी, जिसमें ज्यादातर संचार परियोजनाएं हैं. ढाका में यह समझौता भारत के एक्सिम बैंक और बांग्लादेश के आर्थिक संबंध विभाग के बीच हुआ. इस मौके पर भारत के वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी भी मौजूद थे. जनवरी में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते पर सहमति बनी.
भारत और बांग्लादेश के बीच 2001 से 2006 के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे. उस समय वहां इस्लामी रुझान वाली बीएनपी पार्टी की सरकार थी. तब भारत सरकार बांग्लादेश की सरकार पर भारत विरोधी तत्वों को पनाह देने का बराबर आरोप लगाती रही. लेकिन 2008 के आम चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद जब से शेख हसीना ने सत्ता संभाली है, दोनों पड़ोसियों के संबंध सुधर रहे हैं.
बीएनपी का कहना है कि सरकार ने भारत से जो ऋण समझौता किया है, उस पर ब्याज की दर किसी अन्य बहुराष्ट्रीय बैंक की ब्याज दर से सात गुनी ज्यादा है. उधर सत्ताधारी आवामी लीग ने बीएनपी की मांग को खारिज करते हुए ऋण समझौते का बचाव किया और विपक्ष पर गलत बातों को फैलाने का आरोप लगाया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह