अनजानी जगहों पर टॉयलेट खोजना बड़ी चुनौती होती है. भारत में गूगल की मदद से जल्द ही साफ टॉयलेट का पता लगाया जा सकेगा.
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तेज प्रेशर बनने के बाद टॉयलेट का न मिलना, हर व्यक्ति कभी न कभी इस अनुभव से गुजर चुका है. लेकिन भारत में यह चुनौती कहीं ज्यादा गंभीर हो जाती है. अक्सर जो टॉयलेट मिलते हैं वो इतने गंदे होते हैं ही कि वहां घुसते ही जी मचलने लगता है. महिलाओं के लिए तो वहां जाना बीमारी को न्योता देने जैसा होता है. उन्हें इंफेक्शन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. यही वजह है कि साफ टॉयलेटों के अभाव में लोग अक्सर खुले में ही हल्के हो लेते हैं और बाद में इन जगहों से संक्रामक बीमारियां फैलती हैं.
इस समस्या से निपटने के लिए शहरी विकास मंत्रालय इंटरनेट दिग्गज गूगल से साझेदारी कर रहा है. इस साझेदारी के चलते लोग, स्मार्टफोन पर अपने आस पास मौजूद साफ टॉयलेट का पता कर सकेंगे. तकनीक गूगल मैप्स के जरिये काम करेगी. गूगल मैप्स में "toilet," "lavatory" या "स्वच्छ" व "सुलभ" टाइप करते ही मैप आस पास मौजूद टॉयलेटों की लोकेशन दिखाएगा.
(ऐसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर)
ऐसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर
इंटरनेट का चेहरा बदलने के बाद अब गूगल हमारी आम जिंदगी भी बदलने जा रहा है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचई इसका एलान भी कर चुके हैं. कैसा होगा हमारा गूगल फ्यूचर.
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गूगल एसिस्टेंट
ये फोन में छुपा एक स्मार्ट सहायक होगा. शुरुआत में एप्पल से पिछड़ने के बावजूद गूगल का दावा है उसका एसिस्टेंट एप्पल के सिरी से ज्यादा स्मार्ट होगा. आपके एक निर्देश पर फोन खुद बात करके टैक्सी या एंबुलेंस को बुला लेगा. जटिल से जटिल सवालों का भी ये एसिस्टेंट आपको पढ़कर ऑडियो उत्तर देगा.
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हमसाया सा एसिस्टेंट?
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की मदद से गूगल एसिस्टेंट आपके व्यवहार पर नजर रखेगा. यह आपकी भाषा और लिखने के तरीके को भी याद करेगा. धीरे धीरे एसिस्टेंट आपको इतना करीब से जानने लगेगा कि वह हर चीज में मदद करने लगेगा.
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दुनिया देखने का नया अंदाज
सुंदर पिचई के मुताबिक आप न्यूयॉर्क में कहीं खड़े हो जाइये, एक फोटो लीजिए और गूगल एसिस्टेंट से पूछिये कि यह ईमारत किसने डिजायन की. सहायक तुरंत आपको सटीक जानकारी मुहैया करा देगा. आप फोटो लेकर पेड़ पौधों या अथाह चीजों के नाम खोज सकते हैं और उनकी जानकारी भी पा सकते हैं.
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कम होगी टेंशन
फिलहाल गूगल मैप्स मंजिल तक तो पहुंचा देता है, लेकिन खाली पार्किंग की जानकारी नहीं दे पाता. भविष्य में गूगल एसिस्टेंट और मैप साथ में काम करेंगे और गाड़ी पार्क करने की जगह भी बताएंगे. साथ ही फ्लाइट, सिनेमा, स्टेडियम, ट्रेन या किसी इवेंट की बुकिंग का भी ख्याल फोन रखेगा.
एंड्रॉयड एन
स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में फिलहाल गूगल के एंड्रॉयड और एप्पल के आईओएस का ही दबदबा है. इस कड़े मुकाबले में आगे निकलने के लिए गूगल ने एंड्रॉयड एन पेश किया है. इसमें मोबाइल स्क्रीन पर एक साथ दो ऐप चलाए जा सकते हैं. फिलहाल एक बार में एक ही ऐप इस्तेमाल किया जा सकता है.
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इनस्टेंट ऐप
अभी नया ऐप इनस्टॉल करने के लिए डाउनलोड पूरा होने का इंतजार किया जाता है. कभी कभार इसमें बहुत समय लगता है. इनस्टेंट ऐप इस झंझट से निजात दिलाएगा. डाउनलोड शुरू होते ही आप ऐप के कई फीचर्स इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं.
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डेड्रीम
गूगल ने अपनी आभासी दुनिया को डेड्रीम नाम दिया है. एप्पल, फेसबुक या सैमसंग के उलट गूगल की आभासी दुनिया में किसी भी स्मार्टफोन से दाखिल हुआ जा सकेगा.
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ऑलओ
ऑलओ के जरिये गूगल फेसबुक की मैसेजिंग सर्विस व्हॉट्सऐप को टक्कर देना चाहता है. ऑलओ गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर होगा. जैसे किसी दोस्त ने मुस्कुराती हुई तस्वीर भेजी तो यह "बहुत सुंदर फोटो" जैसा संदेश तैयार कर लेगा. मैसेजिंग बॉक्स के अहम संदेश भी याद दिलाएगा.
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ऑल इन वन
अलग अलग ब्रांड के टीवी, स्मार्टफोन या कंप्यूटर को फिलहाल एक दूसरे से कनेक्ट करना आसान नहीं होता. किसी में कुछ इनस्टॉल करना पड़ता है, किसी में कुछ. सुंदर पिचई ने एलान किया है कि गूगल इस दीवार को गिरा देगा. अलग अलग मशीनों को आपस में कनेक्ट करना आसान कर देगा. गूगल ने अपना होम थिएटर भी लाएगा.
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कब होगा ऐसा
गूगल के मुताबिक 2016 के अंत से यह नई चीजें बाजार में आने लगेंगी. ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल एसिस्टेंस नेक्सस फोन के नए वर्जन के साथ आएंगे.
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मैप मॉल, अस्पतालों और पेट्रोल पंपों में मौजूद टॉयलेट भी दिखाएगा. मंत्रालय और गूगल को आम लोगों यानि यूजर्स के सहयोग की भी जरूरत है. दोनों चाहते हैं कि लोग नतीजों के बारे में अपने सुझाव दें. मसलन टॉयलेट कितना साफ था या फिर कहीं वह बंद तो नहीं था.
उम्मीद है कि नवंबर अंत तक यह पालयट प्रोजेक्ट दिल्ली में शुरू हो जाएगा. शहरी विकास मंत्रालय को उम्मीद है कि दूसरे शहरों के लोग भी अपने यहां मौजूद टॉयलेटों की जानकारी देंगे ताकि योजना का प्रसार हो सके.
इंटरनेट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी गूगल साफ कर चुकी है कि वह भारत पर फोकस करेगी. गूगल फिलहाल भारत के 19 रेलवे स्टेशनों में मुफ्त वाईफाई सुविधा दे रहा है. 2016 के अंत तक कंपनी 100 रेलवे स्टेशनों में वाईफाई सर्विस देना चाहती है. गूगल को लोगों का डाटा चाहिए और लोगों को सुविधाएं. भारत में डाटा सिक्योरिटी को लेकर लोग काफी लचीले हैं, लिहाजा दिग्गज इंटरनेट कंपनियां देश को एक चमकीले तारे की तरह देख रही हैं.
(ऐप दुनिया के टॉप 10 डाउनलोड)
ऐप दुनिया के टॉप 10 डाउनलोड
स्मार्टफोन के ऐप मार्केट में हजारों ऐप मौजूद हैं. लेकिन इसके बावजूद कुछ ही ऐसे ऐप होते हैं जो पूरी दुनिया पर छा जाते हैं. देखिये टॉप 10 ऐप्स.
10. गूगल स्ट्रीट व्यू
गूगल स्ट्रीट व्यू एक अलग ऐप है. हालांकि स्ट्रीट व्यू टेक्नोलॉजी को गूगल मैप्स और गूगल अर्थ में भी देखा जा सकता है. इसके जरिये दुनिया के बड़े हिस्से का असल नजारा देखा जाता है. 2007 में लॉन्च हुए इस ऐप ने नेवीगेशन को नई ऊंचाई दी.
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9. एंग्री बर्ड्स
बिना किसी विवाद के यह आईफोन गेम हिस्ट्री का सबसे लोकप्रिय खेल है. यह मुफ्त है.
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8. स्काईप
वीडियो चैट और ऑडियो चैट के सैकड़ों ऐप हैं, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का स्काईप अब भी सबसे भरोसेमंद ऐप माना जाता है. स्काईप को कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन या टेबलेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
7. ट्विटर
फेसबुक को अगर सोशल मीडिया का राजा कहा जाए, तो ट्विटर को रानी कहना पड़ेगा. लोगों को फॉलो करना, दुनिया भर पर नजर रखना और फटाफट ताजा हाल जानना, ये खूबियां ट्विटर को मशहूर करती है.
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6. व्हाट्सऐप
इसे कौन नहीं जानता. यह दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मैसेजिंग ऐप है. पूरे विश्व में 80 करोड़ लोग व्हाट्सऐप इस्तेमाल करते हैं. किशोरों से लेकर बुजुर्ग तक व्हाट्सऐप पर मैसेज, वीडियो और फोटो शेयर करते हैं. ग्रुप चैट भी व्हाट्सऐप को लोकप्रिय बनाता है.
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5. यूट्यूब
ऐप स्टोर तक आने की यूट्यूब की कहानी बड़ी दिलचस्प है. एप्पल ने यूट्यूब को आईफोन से हटाया, इसके बाद 2012 में यूट्यूब का ऐप आया. तीन साल के भीतर ही यह पांचवां सबसे ज्यादा डाउनलोडेड ऐप बन गया.
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4. गूगल सर्च
ओके गूगल पर क्लिक कीजिए और जानकारी सामने. स्मार्टफोन के भीतर दाखिल हुए गूगल सर्च ने रेस्तरां, पेट्रोल पंप, अस्पताल, ट्रैफिक जाम और मौसम दिखाकर जिंदगी बेहद आसान की है.
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3. जीमेल
ईमेल के लिए 50 करोड़ लोग जीमेल पर भरोसा करते हैं. यह आधुनिक समय की सबसे मशहूर ईमेल सर्विस है. इसके ऐप में गूगल की दूसरी सेवाएं भी हैं.
सवा सात अरब आबादी वाली दुनिया के एक अरब से ज्यादा लोग फेसबुक पर हैं. और यह संख्या बढ़ती जा रही है. कंप्यूटर से शुरू हुआ फेसबुक, स्मार्टफोन के जरिए कहीं से भी स्टेटस अपडेट, फोटो शेयर या शेयर का मौका दे रहा है.
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1. क्रोम ब्राउजर
इंटरनेट एक्सप्लोरर, मोजिला फायरफॉक्स, सफारी जैसे ब्राउजरों को पीछे छोड़ते हुए गूगल का क्रोम नंबर एक पर बना हुआ है. इस बेहद तेज इंटरनेट ब्राउजर को आसान और बेहतरीन यूं ही नहीं आंका जाता है. यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया ऐप है