गूगल पर साइबर हमले की जांच की मांग
२१ जनवरी २०१०
क्लिंटन ने चीन से कहा है कि साइबर हमलों की जांच होनी चाहिए और इसके नतीजे पारदर्शी होने चाहिए. क्लिंटन ने कड़े शब्दों में कहा कि हैकिंग की कोशिश करने वाले लोगों को सज़ा दी जानी चाहिए क्योंकि ऐसे लोग या देश अर्थव्यवस्था, सरकार और सभ्य समाज के लिए ख़तरा हैं.
चीन, उत्तर कोरिया, ट्यूनीशिया और उज़बेकिस्तान का नाम लेते हुए विदेश मंत्री क्लिंटन ने कहा कि ये देश लोगों तक सूचना के सभी पहलुओं को नहीं पहुंचने देते, इंटरनेट पर सेंसरशिप लागू करते हैं. क्लिंटन के मुताबिक़ विएतनाम में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का लोग अब इस्तेमाल ही नहीं कर पा रहे हैं.
क्लिंटन ने कहा कि नई तकनीक अपने आप तो आज़ादी और विकास के का पक्ष नहीं ले सकती लेकिन अमेरिका कर सकता है. क्लिंटन ने अमेरिका को एक ऐसी इंटरनेट दुनिया के पक्ष में बताया जिसमें हर व्यक्ति को ज्ञान अर्जित करने और विचार व्यक्त करने के लिए बराबरी का अधिकार है.
"कुछ देशों ने ऐसे अवरोध खड़े किए हैं जिनकी वजह से लोगों तक सही सूचना नहीं पहुंच पा रही हैं. सर्च इंजन के नतीजों से उन्होंने कई नाम, शब्द और वाक्यांश ही हटा दिए हैं. उन्होंने उन लोगों की प्राइवेसी यानी निजता का हनन किया है जो अंहिसक तरीक़े से किसी राजनीतिक सोच में यक़ीन रखते हैं."
क्लिंटन ने घोषणा की है कि अमेरिका ऐसी तकनीक का विकास कर रहा है जिससे सेंसरशिप के बावजूद लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. उन्होंने अमेरिकी कंपनियों से मांग की कि राजनीतिक रूप से प्रेरित सेंसरशिप का विरोध किया जाना चाहिए और यह अमेरिका के नेशनल ब्रांड का हिस्सा होना चाहिए.
इंटरनेट की दुनिया में आज़ादी के मुद्दे पर जारी तनाव को चीन ने हल्का करने की कोशिश की है. चीन का कहना है कि गूगल के चीन छोड़ कर जाने की धमकी को अमेरिका और चीन के रिश्तों से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए.
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर गूगल को चीन में कोई परेशानी है तो इन दिक्कतों को चीन के क़ानून के दायरे में सुलझाया जा सकता है. चीन की सरकार मदद के लिए तत्पर है. "फ़िलहाल इस मामले को चीन अमेरिका रिश्तों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए."
गूगल ने सेंसरशिप और हैकिंग के आरोप लगाए थे और चीन में अपना काम काज समेटने की धमकी दी थी. कंप्युटर के क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों गूगल, माइक्रोसॉफ़्ट, याहू, सिस्को पर अमेरिकी कांग्रेस और अन्य हलकों से आरोप लगते रहे हैं कि ये चीन को सेंसरशिप प्रक्रिया में मदद कर रही हैं. लेकिन साइबर हमलों के बाद गूगल ने अब अपने सर्च इंजन के चीनी वर्ज़न पर सेंसरशिप लगाने से इनकार कर दिया है.
एक अन्य घटनाक्रम में माइक्रोसॉफ़्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर-6 के लिए एक पैच जारी किया है जिससे साइबर हमले से सुरक्षा में मदद मिलेगी. माना जा रहा है कि इसी इंटरनेट एक्सप्लोरर- 6 में इसी कमी के चलते गूगल और अन्य कंपनियों को निशाना बनाना आसान हो गया था. इसके बाद जर्मनी ने इंटरनेट एक्सप्लोरर-6 का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एम गोपालकृष्णन