गोवा में आज भी अवैध रूप से हो रही है बुलफाइट
१० फ़रवरी २०२१व्हाट्सऐप मैसेज के माध्यम से लोगों को यह बताया जा रहा है कि गोवा के सिरिडाओ बीच के पास 'रॉकी' और 'टायसन' के बीच जबरदस्त मुकाबला होने जा रहा है. यह संदेश किसी मुक्केबाजी मैच के लिए आमंत्रण का नहीं है. अधिक से अधिक लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश है कि आइए और दो सांड़ों की अवैध फाइट को देखने का लुत्फ उठाइए.
यह बुलफाइट गोवा के तटीय क्षेत्रों में अभी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. हाल के दिनों में दो अलग-अलग बुलफाइट मुकाबलो में दो सांड़ों की मौत हो गई. इस बुलफाइट को स्थानीय लोग 'धीरियो' पुकारते हैं. बहरहाल, इस बुलफाइट में दो सांड़ों की मौत से गोवा के गौरक्षकों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की भृकुटि तन गई. वे अब चाहते हैं कि राज्य सरकार ऐसे मुकाबलों पर रोक लगाए. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर 1996 से ही प्रतिबंध लगा दिया था.
गौ-वंश रक्षा अभियान के अध्यक्ष हनुमंत परब के मुताबिक प्रतिबंध के बावजूद गोवा के गांवों में बुलफाइट आम है, "हमने कई शिकायतें दर्ज की हैं लेकिन पुलिस अक्सर इन पर कोई ध्यान नहीं देती है." गौ-वंश रक्षा अभियान एक एनजीओ है जो गोवा में आवारा और परित्यक्त मवेशियों की देखभाल करता है.
बुलफाइट में दो विशेष रूप से पाले हुए सांड़ शामिल होते हैं जिनकी काया बिल्कुल तंदरुस्त और सींग एकदम नुकीले होते हैं. दोनों अपना सिर आपस में टकराते हैं और जब तक कि कोई रिंग से दूर नहीं होता तब तक हार-जीत का फैसला नहीं होता. रिंग से बाहर जाने वाले सांड़ को पराजित मान लिया जाता है.
बुलफाइट में भाग लेने वाले सांड़ कभी-कभी एक विशिष्ट रंग के कपड़े पहनते हैं जैसे कि मुक्केबाज पहनते हैं. चूंकि इस तरह की बुलफाइट अवैध होती हैं, इसलिए इन्हें देखने के लिए बहुत ही कम समय के अंतराल पर (अधिकतम एक घंटा पहले) सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों व निजी समूहों को सूचित किया जाता है.
निमंत्रण के अलावा, सांड़ के मालिक अक्सर ऐसे प्रतिबंधित समूहों को अपने साड़ों से लड़ने की चुनौती देते हैं और उन्हें ललकारते हैं. फुटबॉल के अलावा बहुत कम ही ऐसे खेल हैं जो इस तरह का जोश जगाते हैं, कौतुहल पैदा करते हैं जैसा कि बुलफाइटिंग करता है. इस खेल में सट्टेबाजी भी खुलकर होती है.
उत्तरी गोवा के सियोलिम गांव के एक सांड़ मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर कोई सांड़ बहुत लोकप्रिय हो जाता है और उसके नाम कई जीत दर्ज होती हैं, तो उस सांड़ का मालिक जीतने पर एक ही मुकाबले में 1 से 5 लाख रुपये तक कमा सकता है.
आईएएनएस
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