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ग्राउंड जीरो मस्जिद पर राजनीति गहराई

१६ अगस्त २०१०

न्यू यॉर्क में ग्राउंड जीरो के पास विशालकाय मस्जिद बनाने के मुद्दे पर विवाद तेज होता जा रहा है. राष्ट्रपति बराक ओबामा का समर्थन मिलने के बाद विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया लेकिन मस्जिद के समर्थक भी कम नहीं हैं.

तस्वीर: AP

यहां से कुछ ही दूर पर 9/11 के हमले में दो गगनचुंबी इमारतें राख हो गई थीं. ओबामा ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी के दौरान इस प्रस्ताव का सांकेतिक तौर पर स्वागत किया. इसे 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले की जगह से दो ब्लॉक की दूरी पर बनाने की योजना है.

लेकिन अगले ही दिन शनिवार को ओबामा को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि वह तो सिर्फ यह कह रहे थे कि मुसलमानों को अपना धर्म मानने और मस्जिद बनाने की स्वतंत्रता है. लेकिन इसकी जगह के बारे में उन्होंने टिप्पणी नहीं की.

रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों का कहना है कि जो जगह मस्जिद के लिए तय की गई है, वह संवेदनहीन फैसला है और इससे 9/11 के घाव एक बार फिर हरे हो सकते हैं. रविवार को रिपब्लिकन पार्टी के कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर ओबामा का विरोध किया. टेक्सास के रिपब्लिकन जॉन कॉर्लिन ने फॉक्स टीवी को इंटरव्यू में कहा, "यह धर्म की आजादी का सवाल नहीं है. हम भी हर किसी की धर्म की स्वतंत्रता के समर्थक हैं. लेकिन मुझे लगता है कि यह मूर्खता है कि ऐसी जगह मस्जिद बनाई जाए, जिसके पास में ही 3000 अमेरिकी नागरिकों ने आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवा दी."

ओबामा के बयान की आलोचनातस्वीर: AP

कॉर्लिन ने कहा, "मेरे विचार से यह बताता है कि वॉशिंगटन, व्हाइट हाउस, प्रशासन और स्वयं राष्ट्रपति अमेरिकीयों की मुख्यधारा से भटक गए हैं." न्यू यॉर्क की रिपब्लिकन कांग्रेस सदस्य पीटर किंग का कहना है कि राष्ट्रपति ओबामा ने साफ साफ संकेत दिया कि वह इसका समर्थन करते हैं और बाद में मुकर गए. सीएनएन के एक कार्यक्रम में किंग ने कहा, "अगर राष्ट्रपति इसके बारे में कहना चाह रहे थे, तो उन्हें खुल कर और साफ शब्दों में अपनी बात कहनी चाहिए. वह हर दिन अपना फैसला नहीं बदल सकते हैं."

ओबामा की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब नवंबर में अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने हैं. सर्वेक्षण बता रहे हैं कि ओबामा के डेमोक्रैट पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं है और रिपब्लिकन पार्टी को इसमें बड़ी कामयाबी मिल सकती है. इस तरह अमेरिकी संसद कांग्रेस में रिपब्लिकन का फिर से बोलबाला हो सकता है.

इससे पहले न्यू यॉर्क शहर की एजेंसी ने ग्राउंड जीरो के पास 13 मंजिली इमारत कारडोबा हाउस के निर्माण को हरी झंडी दे दी, जहां मीटिंग रूम, नमाज पढ़ने की जगह, ऑडिटोरियम और पूल बनाया जाएगा. 9/11 के आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के कुछ परिवार वालों ने इस योजना का विरोध किया. उन्होंने भावुक तौर पर अपील की थी कि यह उनके साथ धोखा होगा.

किंग का कहना है, "यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है." उन्होंने मुस्लिम नेताओं से अपील की कि उन्हें जगह के बारे में फिर से विचार करना चाहिए. दूसरी तरफ मस्जिद का समर्थन करने वालों का कहना है कि धार्मिक सहिष्णुता से ही धार्मिक कट्टरता का सबसे अच्छा जवाब दिया जा सकता है. न्यू यॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग भी मस्जिद बनाए जाने के पक्ष में हैं.

डेमोक्रैट पार्टी के जेराल्ड नाडलर कहते हैं, "हम पर अल कायदा ने हमला किया है. इस्लाम ने नहीं. सभी मुसलमानों ने हम पर हमला नहीं किया है. यहां तो कई मुस्लिम भी मारे गए."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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