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ग्राउंड जीरो साफ करने वालों को मुआवजा

२० नवम्बर २०१०

न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद 10,000 मजदूरों ने इलाके से जहरीला मलबा निकाला था. सरकारी वकीलों के मुताबिक अब न्यूयॉर्क शहर प्रशासन उन्हें 62.5 करोड़ डॉलर यानी 28 अरब रुपये का मुआवजा दे रहा है.

9/11तस्वीर: AP

समझौते के मुताबिक उन लोगों को भी मुआवजा दिया जाएगा जिन्हें अभी तो कोई बीमारी नहीं है लेकिन भविष्य में परेशानी हो सकती है. ऐसे लोगों को 3,250 डॉलर देने की योजना है. गंभीर रूप से बीमार लोगों को दस लाख डॉलर तक की राशि दी जा रही है. कई मामलों में मजदूरों की मौत भी हुई है. मारे गए लोगों के परिवारों को 15 लाख डॉलर की रकम दी जाएगी. मजदूरों ने न्यूयॉर्क में 62 करोड़ 50 लाख रुपए के फंड को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए.

न्यू यॉर्क शहर के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कहा कि समझौता न्यायपूर्ण है और "उन लोगों के लिए हैं जिन्होंने इस शहर की उस वक्त मदद की जब हमें इनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. 11 सितंबर 2001 में न्यूयॉर्क के ट्विन टावर के ढहने के बाद इलाके में धुआं, राख और मलबा जम गया था. उसकी सफाई करने वाले मजदूरों ने फिर अदालत में मामले दर्ज किए जिनमें उन्होंने सफाई के दौरान धुएं और जहरीले मलबे से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों के लिए मुआवजे की मांग की थी. मजदूरों का कहना है कि ठेकेदारों ने उन्हें सुरक्षा के लिए जरूरी कपड़े नहीं दिए थे. हमलों के लगभग एक हफ्ते बाद तक इलाके से धुआं निकलता रहा. मजदूरों को हुई बीमारियों में दमे जैसी शिकायतें शामिल हैं.

2001 के हमलों में अल कायदा के आतंकवादियों ने दो हवाई जहाजों को अगवा किया था और उन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावरों में घुसा दिया था. लगभग 3,000 लोग मारे गए. आतंकवादियों ने उस दिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन में भी विमान से हमला किया. चौथा विमान पेनसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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