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ग्रीक अर्थव्यवस्था में बिग बैंग

२० जुलाई २०१५

ग्रीस के बैंक तीन हफ्ते तक बंद रहने के बाद खुल गए हैं. प्रधानमंत्री सिप्रास स्थिति के सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया जर्मनी के नेतृत्व में हुई ग्रीक डील के फायदे नुकसान पर बहस में लगा है.

Greece Athen
तस्वीर: Reuters/A. Konstantinidis

तीन हफ्ते तक बैंकों के बंद रहने का नतीजा कारोबार के न चलने और बेरोजगारी के रूप में सामने आया है. बीबीसी का कहना है कि बढ़ती बेरोजगारी के बीच एक तिहाई लोग गरीबी के खतरे में हैं.

टीवी चैनल सीएनबीसी बैंकों के खुलने में खंडित अर्थव्यवस्था के लिए आशा की किरण देख रहा है. लोग किसी तरह कुछ भी बेचकर जिंदगी चलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन असली सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि ग्रीस के उद्योग कितने प्रतिस्पर्धी हो पाते हैं.

यूरोप की सफल अर्थव्यवस्थाओं और कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ता अंतर प्रतिभा पलायन को बढ़ावा दे रहा है. सरकारों और उद्योग को सलाह देने वाले विशेषज्ञ सोनी का कहना है कि संकटग्रस्त देशों से प्रतिभा पलायन का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.

आर्थिक पत्रकार होल्गर चेपित्स की आशंका है कि पिछले हफ्ते हुए ग्रीक समझौते के अमल में बहुत सारे जोखिम हैं. चेपित्स ने कर्ज लेने की सरकारों की आदत पर किताब लिखी है.

रूसी टेलिविजन चैनल आरटी ने इस ओर ध्यान दिलाया है कि सिर्फ दो प्रतिशत जर्मन ग्रीस और यूरोपीय संघ के बीच हुई डील को सकारात्मक मानते हैं.

अंतरराष्ट्रीय पत्रिका टाइम्स का कहना है कि जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने ग्रीस के कर्ज में आंशिक माफी की संभावना से इंकार किया है और कहा है कि करेंसी यूनियन में 30-40 प्रतिशत कर्ज माफी जैसा कुछ नहीं होता.

बिजनेस इनसाइडर के एक ब्लॉग के अनुसार अंगेला मैर्केल जितना ही बोल रही हैं कि 'हेयरकट' नहीं होगा, उतना ही ग्रीस का यूरोजोन से बाहर निकलना संभव दिखता है.

आर्थिक पत्रिका द इकॉनॉमिस्ट का कहना है कि ग्रीस और यूरोप की डील ने एक संकट को रोक दिया है लेकिन दूसरे को तेज कर दिया है.

जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्थिति को ग्रीस के लिए बिग बैंग की तरह बताया है. कारोबार करने के तरीके में बदलाव देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद कर सकता है.

न्यूजवीक ने चेतावनी दी है कि आर्थिक संकट की वजह से ग्रीस में आत्महत्या और अवसाद की घटनाएं बढ़ गई हैं.

यूरोप द्वारा ग्रीस की वामपंथी सरकार की मांगों को ठुकराए जाने और आखिरकारक अपनी पसंद की डील किए जाने के बाद ग्रीस के लिए एक नए काल की शुरुआत हुई है. धन जुटाने के लिए कर बढ़ाने जैसे नए कदम अर्थव्यवस्था को बचा पाएंगे, सबकी यही उम्मीद है.

एमजे/आईबी

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