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ग्रीनलैंड में विशालकाय हिमखंड टूटा

९ अगस्त २०१०

ग्रीनलैंड में विशालकाय हिमखंड टूटा. उत्तरी ध्रुव के पास टूटे इस हिमखंड ने वैज्ञानिकों की चिंताए बढ़ाई. एक द्वीप के बराबर बड़ा यह हिमखंड तैरता हुआ कहां जाएगा, इसका पता किसी को नहीं लग पा रहा है.

तस्वीर: DW / Irene Quaile-Kersken

अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि टूटे हिमखंड का आकार 260 वर्गकिलोमीटर है. 1962 के बाद आर्कटिक से टूटा यह सबसे बड़ा हिमखंड हैं. फिलहाल हिमखंड कनाडा और ग्रीनलैंड के बीच तैर रहा है. आकार बड़ा होने की वजह से इसके गति बहुत धीमी है.

अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, ''हिमखंड में इतना पानी है कि अमेरिका को लगातार 120 साल तक पानी की सप्लाई हो सकती है.'' अब यह हिमखंड अपने रास्ते में पड़ने वाले सभी छोटे हिमखंडों को या तो तोड़ देगा या खुद में मिला लेगा. वैज्ञानिकों को डर है कि इससे कहीं ग्रीनलैंड और कनाडा के बीच समुद्री रास्ते पर बर्फीली दीवार न बन जाए.

पिघलती बर्फ, मरते ध्रुवीय भालूतस्वीर: AP

यह भी कहा जा रहा है कि हिमखंड समुद्री धाराओं को तोड़ देगा. समुद्री जल के तापमान में उतार चढ़ाव पैदा कर देगा. इसका असर अमेरिका, यूरोप, कनाडा, रूस, जापान और चीन के मौसम पर पड़ सकता है. दो साल के भीतर यह अटलांटिक महासागर तक भी पहुंच सकता है. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि अगर यह अटलांटिक तक पहुंच गया तब भी इसमें काफी बर्फ रहेगी.

इस घटना को जलवायु परिवर्तन से जोड़कर भी देखा जा रहा है. पर्यावरणविदों का कहना है कि आर्कटिक का तामपान 2000 साल बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ दशकों में आर्कटिक से बर्फ का नामो निशान मिट जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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