पर्यटकों के लिए प्रोग्राम में ग्रीनलैंड की अद्भुत प्रकृति में कई घंटों की ट्रैकिंग भी शामिल है. इस ग्रुप में बिना कुछ बोले और खाए पिए, हर कोई अपने अंदर झांकता है, शांति और एकाग्रता के साथ.
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औद्योगिक पश्चिमी देशों के लोग आध्यात्मिक अनुभवों के लिए सदियों से दुनिया भर की सैर करते रहे हैं. तिब्बत लंबे समय से उनका लोकप्रिय लक्ष्य रहा है. बीटल्स ने 1960 के दशक में गोवा का दौरा कर भारत को लोकप्रिय बनाया और स्टीव जॉब्स तथा मार्क जकरबर्ग की कहानी भी सबको पता है. अब जलवायु परिवर्तन के युग में ग्रीनलैंड पर्यटकों का लोकप्रिय ठिकाना बन रहा है.
अंगांगगक अंगककोरसुआक ओझा हैं. वह सैलानियों को प्रकृति में पसरी शांति के बीच उन्हें अपने आप से रूबरू कराने में मदद करते हैं. वह बताते हैं, "ज्यादातर लोग प्रकृति से नाता खो चुके हैं. आपको और हमें फिर से चलना सीखना होगा, विचारों के जरिए और खासकर भावनाओं के जरिए. लेकिन चूंकि हम इंसान हैं, हमारी सोच हम पर बहुत हावी रहती है."
लोगसुनना हीनहींचाहते
सैलानियों के कार्यक्रम में बर्फीले इलाकों की सैर भी शामिल है. ग्रीनलैंड का 82 प्रतिशत हिस्सा बर्फ से ढका है. लेकिन ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से बर्फ की चादर लगातार सिमट रही है. यह एक ऐसा मुद्दा है जो अंगांगगक के लिए अत्यंत संवेदनशील है. वे दशकों से संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
प्राचीन भारतीय योग के ग्लोबल स्वरूप
प्राचीन काल में भारत से शुरु हुए योग ने बीते दशकों में दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है. भारत की पहल और उसे मिले 175 देशों के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया.
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योग की शुरुआत भारत में पूर्व-वैदिक काल में हुई मानी जाती है. योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका गया और अब तो लगभग पूरा विश्व ही इससे परिचित है.
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आधुनिक काल में भारत से बाहर योग का प्रचार करने में योग गुरु बीकेएस आयंगर का नाम प्रमुखता से आता है. इस योगदान के लिए पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित आयंगर का 2014 में 96 साल की उम्र में निधन हुआ.
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योग का सबसे नया बाजार बना है केन्या. यहां पिछले कुछ सालों में कई सारे 'योगा स्टूडियो' खुले हैं. तस्वीर में दिख रही मोजेज मुकुल्वे म्बाजा अफ्रीका योग प्रोजेक्ट में ट्रेनिंग पाने वाली नैरोबी का पहली योग शिक्षिका बनीं.
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अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाने के सिलसिले में योग 'योगा' बन गया. आज यह तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. योगाभ्यास में सांसों के अनुशासन से ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करने में मदद मिलती है.
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विश्व में प्रसिद्धि पाने के बाद करीब एक दशक पहले ही भारत में योग पुनर्जीवित हुआ और खूब लोकप्रियता पाने लगा. इससे कई तरह की बीमारियों को दूर करने के दावे भी सामने आते रहते हैं.
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जर्मनी में कार्मिक योग, ऊंचाई पर योग और कई तरह के थेरेपी वाले योग प्रचलित हैं. राजधानी बर्लिन में योग शिक्षिका दास्निया एक खास तरह का शिबारी योग सिखाती हैं. यह 16वीं सदी में जापानी समुराई योद्धाओं में प्रचलित एक बंधन कला और योग का मिश्रण हैं.
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जर्मनी के प्रेडोएल में हर साल एक खास तरह के स्पिरिचुअल हीलिंग कार्यक्रम का आयोजन होता है. पावर ऑफ लाइफ नाम के इस उत्सव में संगीत कार्यक्रमों, पर्यावरण जागरुकता के साथ साथ योग और ताई ची जैसी प्राचीन विधाओं का भी प्रदर्शन होता है.
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जर्मनी समेत दुनिया के कई देशों में योग का एक स्वरूप 'लाफ्टर योगा' काफी लोकप्रिय है. सेहत, प्रसन्नता और विश्व शांति बढ़ाने में हंसी की अपनी एक खास भूमिका होती है. फ्रैंकफर्ट में हर बुधवार मिलकर लाफ्टर योगा करने वाले इस समूह जैसे और क्लब भी हैं.
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अंगांगगक अंगककोरसुआक कहते हैं, "हम इंसान किसी टीनएजर जैसे हैं. कल की परवाह नहीं करते, सिर्फ आज की सोचते हैं. मुझे यह सोचकर दुख होता है कि लोग सुनना ही नहीं चाहते. वे सुनते ही नहीं हैं. लेकिन यहां आ कर शायद वे सुनने लगेंगे. और अगर वे अब सुनना शुरू कर दें, तो उनमें बदलाव आएगा. हालांकि अब बहुत देर भी हो चुकी है. यह बर्फ पिघल जाएगी, आपके जीवन के दौरान ही. प्रलय की शुरुआत हो चुकी है. ऐसा प्रलय जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते." इस टूर में हिस्सा ले रहे बहुत से लोगों के लिए पिघलती बर्फ से सामना जिंदगी की भावनात्मक घड़ियों में एक है. यह उन्हें सोचने को मजबूर कर रही है.
आध्यात्म के नाम पर कारोबार?
ईको थेरैपिस्ट शैनिन डॉकरे ने अपना अनुभव बयान करते हुए कहा, "मैं तो रोने को हो उठी. जब बर्फ टूटती है और अलग होती है, तो आप उसकी आवाज सुन सकते हैं. यह जंग की तरह है, तूफान जैसा, बल्कि उससे भी ज्यादा जोरदार, और करिश्माई. मैंने उसे महसूस किया है." वहीं एक अन्य सैलानी मिरांडा स्टॉकमंस जो एक एनर्जी थेरैपिस्ट है, बताती हैं, "मेरे लिए यह अहम बात है कि हमें पता हो कि धरती से किस तरह पेश आना है. हम उससे क्या ले रहे हैं और हमें जितना चाहिए उससे ज्यादा ले रहे हैं. यह जितना ही स्पष्ट होगा, लोग उतनी ही सावधानी और सम्मान के साथ पेश आएंगे.".
10 भारतीय चीजें जिनसे दुनिया को है प्यार
भारत दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. लोकतांत्रिक भारत तेज आर्थिक विकास की राह पर है. अर्थव्यवस्था में दिलचस्पी के अलावा उसे ताज महल, बॉलीवुड और योग के लिए जाना जाता है.
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विविध संस्कृति
विदेशियों में भारत की विविध और रंगीन संस्कृति के बारे में जानने की काफी जिज्ञासा रहती है. यहां के नृत्य, पारंपरिक पोशाकें, गहने और त्योहार हमेशा उनका ध्यान खींचते हैं. भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जर्मनी के कई शहरों में धूमधाम से रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है.
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आईटी
सूचना प्रौद्योगिकी या आईटी के क्षेत्र में सारी दुनिया में भारत के इंजीनियरों ने अपना लोहा मनवाया है. दुनिया के लगभग हर देश में भारतीय आईटी कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. भारत के इंजीनियर पूरे विश्व में इतना फैल गए हैं कि विदेशों में हर भारतीय पेशेवर को पहले आईटी इंजीनियर ही समझ लिया जाता है.
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ताज महल
शाहजहां द्वारा निर्मित मोहब्बत की यह नायाब निशानी आज भी विदेशियों के बीच सबसे लोकप्रिय भारतीय पर्यटन स्थल है. शायद विदेशों में रहने वाले कुछ ही भारतीय या प्रवासी भारतीय होंगे जिससे किसी विदेशी ने ताज महल का जिक्र ना किया हो.
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रॉयल बंगाल टाइगर
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय बाघों की दहाड़ पूरे विश्व में गूंजती है. दुनिया भर से पर्यटक इस शाही जानवर की एक झलक पाने के लिए भारत जाते हैं. दुनिया भर के करीब 60 प्रतिशत जंगली बाघ भारत में पाए जाते हैं.
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भव्य शादियां
भारत की शादियां अपनी भव्यता के कारण "द बिग फैट इंडियन वेडिंग" के नाम से मशहूर हैं. लंबे चौड़े रिवाजों और मेहमानों की भीड़ के कारण भारतीय शादियां हमेशा से पश्चिमी देशों में आकर्षण का केंद्र रही हैं. पश्चिमी देशों की शादियों में तड़क-भड़क कम होती है और उनमें कुछ खास रिश्तेदार व मित्र ही आमंत्रित होते हैं.
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मसालेदार जायके
सादा भोजन करने वाले विदेशियों को भारत के मसालेदार व्यंजन काफी पसंद आते हैं. आप विश्व के लगभग हर बड़े शहर में कोई ना कोई भारतीय रेस्तरां जरूर पाएंगे. भारतीय व्यंजनों की लोकप्रियता का अनुमान इससे भी लगा सकते हैं कि मात्र 3 लाख आबादी वाले जर्मनी के बॉन शहर में 7 दक्षिण एशियाई रेस्तरां हैं.
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बॉलीवुड
कई देशों में आज बॉलीवुड भारत की पहचान बन चुका है. तड़क-भड़क और मनोरंजन से भरपूर बॉलीवुड संगीत एवं नृत्य की दीवानगी पश्चिमी देशों में लगातार बढ़ रही है. और शायद इसी वजह से शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान की फिल्में विदेशों में भी करोड़ों का कारोबार करती हैं.
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क्रिकेट फीवर
भारतवासियों की क्रिकेट के लिए दीवानगी जगजाहिर है. जर्मनी में फुटबॉल बहुत लोकप्रिय है और लोग क्रिकेट को समझ नहीं पाते हैं लेकिन उन्हें भी पता है कि भारत में लोग क्रिकेट को धर्म और खिलाड़ियों को भगवान मानते हैं.
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योग
भारत की विश्व को एक महत्वपूर्ण देन है योग. विगत कुछ सालों में विदेशों में इस प्राचीन जीवन पद्धति की लोकप्रियता और भी बढ़ी हैं. 21 जून को पूरे विश्व ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. मेग रायन, मडोना और रिकी मार्टिन जैसी मशहूर हस्तियां नियमित योग करती हैं.
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चाय
दुनिया भर में भारतीय चाय चाव से पी जाती है. उसकी लोकप्रियता का हिसाब आप इससे लगा सकते हैं कि भारत विश्व के सबसे बड़े चाय निर्यातकों में से एक है. खासकर दार्जिलिंग चाय की गिनती दुनिया के सबसे लोकप्रिय चायों में होती है.
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कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस तरह के टूर पैसा ऐंठने से ज्यादा कुछ भी नहीं. एक ऐसी एडवेंचरस ट्रिप जिसमें खूब पैसा खर्च होता है. यानि आध्यात्म के नाम पर कारोबार. लेकिन ओझा और ग्रुप के सदस्य इसे सही नहीं मानते. अंगांगगक अंगककोरसुआक इसके खिलाफ कहते हैं, "मैं यहां लोगों की जेबों से पैसा ऐंठने नहीं आया हूं. लेकिन यहां आने में खर्च तो होता ही है. यहां कैंप बनाने पर खर्च होता है. यह खर्च तो उठाना ही होगा."
आधी रात में भी यहां सूरज चमकता है. कई घंटों की ट्रैकिंग के बाद पहाड़ की चोटी पर चढ़ना आसान नहीं. लेकिन कोई भी ना नहीं कहता. जब मध्यरात्रि का सूरज और पूर्णिमा का चांद आमने सामने होते हैं, तो एक रस्म होती है, जिसे कोई भूल नहीं पाता. पृष्ठभूमि में वह ग्लेशियर रहता है, जो दुनिया के मौसम के लिए बेहद अहम है.