ग्रीन टी पीजिए, उम्र से पंजा लड़ाइए
७ फ़रवरी २०१२ग्रीन टी में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट रयासन उन कोशिकाओं को नष्ट होने से रोकते हैं, जो बीमारियों को रोकने में मददगार होती हैं. शोधकर्ताओं को ग्रीन टी के प्रभावों की जांच के दौरान हाई कोलेस्ट्रॉल और कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में मिश्रित परिणाम मिले.
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित नई रिपोर्ट में ग्रीन टी के फायदों के बारे में लिखा गया है. लेकिन इस चाय के फायदे कैसे और क्या हो रहे हैं इस बारे में और व्यापक रिसर्च किया जाएगा.
जापान की टोहोकू यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग के यासुटके टोमाटा और उनके साथियों ने 65 वर्ष और उससे अधिक के 14,000 ऐसे लोगों पर अध्ययन किया, जो ग्रीन टी पीते हैं. उन्होंने पाया कि ऐसे लोगों को नहाना, कपड़े पहनना जैसे रोजमर्रा के कामों में कम परेशानियों का सामना करना पड़ा. रिसर्च में यह भी पता चला कि हर दिन एक कप ग्रीन टी पीने वालों की तुलना में पांच कप ग्रीन टी पीने वाले ज्यादा चुस्त रहते हैं.
टोमाटो और उनके सहयोगियों ने रिपोर्ट में लिखा, "ग्रीन टी की खपत आंशिक शारीरिक अक्षमता को दूर करने वाले तत्वों से सीधे तौर पर जुड़ी है."
लेकिन रिसर्च में यह साबित नहीं हो रहा था कि क्या सिर्फ ग्रीन टी की वजह से ही लोगों की क्षमता में इजाफा होता है. यह भी देखा गया है कि ग्रीन टी पसंद करने वाले लोग अपने खान पान के प्रति भी सजग रहते हैं. मछली, सब्जी और फल को खाने में शामिल करने के साथ ही ऐसे लोगों में धूम्रपान का प्रतिशत भी कम रहता है. वे हार्ट अटैक के भी कम शिकार होते हैं और मानसिक रूप से भी तीक्ष्ण होते हैं. ये समाज और परिवार में भी अधिक सक्रिय रहते हैं.
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कैसे ग्रीन टी शारिरिक अक्षमता को दूर करने में सहायक होती है. टोमाटा और उनकी टीम ने यह भी पाया कि ग्रीन टी से उम्रदराज महिलाओं के पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत रहती हैं. ग्रीन टी और इसमें मौजूद तत्वों को कुछ हद तक सुरक्षित माना जाता है. इसमें शामिल कैफीन और विटामिन रक्त का थक्का जमाने में भी सहायक हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/जे व्यास
संपादन: ए जमाल