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ग्रीस के हाथ यूरोप की कमान

३१ दिसम्बर २०१३

आर्थिक मुश्किलों में फंसा ग्रीस 2014 के पहले छह महीने के लिए यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभाल रहा है. मुश्किलों के बावजूद उसे संघ को नेतृत्व देना है, लेकिन नेताओं का कहना है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी.

तस्वीर: Louisa Gouliamaki/AFP/Getty Images

देश अभी भी गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बेरोजगारी दर 27 फीसदी है, टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं, सरकारी खर्च में कटौती हो रही है. सार्वजनिक खजाने पर अरबों यूरो का कर्ज है. हालात बहुत धीमी गति से सुधर रहे हैं. सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद कोंसटान्टिनोस काराग्कूनिस इस मानवीय त्रासदी बताते हैं, "हमें बहुत ही कठिन समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्रीक अध्यक्षता के सामने बहुत बड़ी चुनौती है."

यूरोपीय संघ का सबसे बदहाल सदस्यों में शामिल ग्रीस छह महीने के लिए संघ का अध्यक्ष बन रहा है. बारी बारी से अध्यक्षता का यह क्रम काफी समय पहले तय हो गया था. अध्यक्षता के दौरान ग्रीस की सरकार को सैकड़ों बैठकों की अध्यक्षता करनी होगी, जटिल वार्ताएं करने होंगी और एथेंस में सदस्यों की 13 मंत्रिस्तरीय बैठकों का आयोजन करना होगा.

एथेंस में गरीबीतस्वीर: picture alliance/Robert Geiss

तिकड़ी की मौजूदगी

बहुत से ग्रीसवासी यूरोपीय आयोग, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तिकड़ी द्वारा बजट के नियंत्रण को विदेशी कब्जे जैसा मानते हैं. तिकड़ी ने बजट पर हुई बहस में अध्यक्षता से जुड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पांच करोड़ यूरो की स्वीकृति दी है. यूरोपीय संसद में जर्मन सांसद योर्गो चात्सीमार्काकिस इसे बहुत कम मानते हैं. "ग्रीस सरकार को अगले छह महीने में इतने बजट से काम चलाना होगा जो मौजूदा अध्यक्ष के बजट से 40 फीसदी कम है." इसके लिए प्रबंधन और बैठकों में बचत करनी होगी.

चात्सीमार्काकिस का कहना है, "लेकिन ग्रीस को इस बीच बचत करने की आदत हो गई है और मेरी राय में वे इस बात का मानक तय कर सकते हैं कि किस तरह से आने वाले अध्यक्ष कम बजट में काम चला सकते हैं." ग्रीक सरकार स्थिति से निबटने को तैयार है. ग्रीस के यूरोप मंत्री दिमित्रिस कूर्कूलास ने तो यहां तक कह दिया है कि वे दी गई रकम से कम में ही काम चला लेंगे. ब्रसेल्स स्थित ग्रीक दूतावास के एक कर्मी का कहना है, "शेंपेन के बदले पानी, जैसा कि स्पार्टा में होता था."

प्रधानमंत्री समारासतस्वीर: picture alliance/AP Photo

विकास, आप्रवासन और चुनाव

ग्रीस भले ही छह महीने के लिए यूरोपीय संघ का अध्यक्ष बन रहा हो, उसकी अध्यक्षता सिर्फ साढ़े तीन महीने चलेगी. ईयू में ग्रीस के उप राजदूत आंद्रेयास पापास्ट्रावरोस के ऐसा मानने की वजह यह है कि मई के अंत में यूरोपीय संसद के चुनाव हो रहे हैं. इसलिए अप्रैल के आरंभ तक सारे बिलों पर बहस पूरी कर लेनी होगी. ग्रीस अपनी अध्यक्षता में खास तौर पर बैंक यूनियन, डाटा सुरक्षा कानून, आप्रवासन नीति और विकास नीति पर फैसलों को अंतिम रूप देना चाहता है. इसके अलावा इस दौरान अफ्रीकी नेताओं के एक शिखर भेंट की भी योजना है.

पापास्ट्रावरोस का कहना है कि यूरोपीय चुनाव और चुनाव प्रचार भी ग्रीस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, "यूरोप एक मोड़ पर खड़ा है क्योंकि यूरोपीय लोगों का यूरोपीय मूल्यों में भरोसा खत्म हो रहा है. ग्रीस यूरोप के भविष्य पर चल रही बहस में जोरदार योगदान देना चाहता है." ग्रीस सरकार को डर है कि यूरोपीय चुनाव का इस्तेमाल लोग विरोध जताने के लिए कर सकते हैं. वामपंथी विपक्षी नेता अलेक्सिस सिप्रास यूरोपीय संसद में जाना चाहते हैं और वे यूरोपीय आयोग के प्रमुख पद के लिए भी उम्मीदवार हैं.

विपक्षी नेता सिप्रासतस्वीर: DW/B. Riegert

अध्यक्षता से उम्मीदें

ग्रीस के प्रधानमंत्री गर्मियों से ही अपने संदेश पर अडिग हैं. उनका कहना है ग्रीस की हालत बेहतर हुई है. वे प्राथमिक फायदे की बात कह रहे हैं. सचमुच कर्ज पर ब्याज चुकाने के बाद बजट थोड़ा फायदे में है. करों में वृद्धि और टैक्स प्रशासन को चुस्त बनाए जाने के बाद सरकार की आमदनी उसके खर्च से ज्यादा हो गई है. प्रधानमंत्री अंटोनियो समारास ने पिछले यूरोपीय शिखर भेंट में गर्व से कहा था कि ग्रीस ने तिकड़ी की मांगों को पूरा किया है, "ग्रीस बजट में बुनियादी फायदे के साथ अच्छी शर्तों पर अध्यक्षता शुरू कर रहा है."

समारास ने नए साल पर अपने संदेश में कहा है कि अगले साल राहत कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ग्रीस कोई नई मदद नहीं लेगा. इसके साथ एथेंस अंतरराष्ट्रीय बाजार में वापस लौट सकेगा. लेकिन इस कदम के लिए तिकड़ी की हरी झंडी जरूरी है. ग्रीस की अध्यक्षता उम्मीदों की अध्यक्षता है. अधिक और बेहतर यूरोप की उम्मीद.

रिपोर्ट: बैर्न्ड रीगर्ट/एमजे

संपादन: ए जमाल

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