ग्रीस ने क्या आर्थिक संकट से मुक्ति पा ली है?
१९ अप्रैल २०२४ग्रीस की अर्थव्यवस्था के इस साल करीब 3 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान है. यह दर संकट से पहले 2009 के विकास दर के बराबर और यूरोजोन के 0.8 फीसदी की दर से बहुत ज्यादा है.
ग्रीस में कर्ज लेने की दर इटली से नीचे चली गई है और संकट के दौरान बेलआउट दे कर डूबने से बचाए गए बैंक दशक भर बाद एक बार फिर निजी हाथों में जाने के लिए तैयार हैं. देश के बड़े निवेशक इसे स्थिति सामान्य होने का सबसे बड़ा संकेत मान रहे हैं. ग्रीक बैंकों के शेयर खरीदने वाली कंपनी रोबेको के एसेट मैनेजर विम हाइन पाल्स का कहना है, "(सरकार की भागीदारी) खत्म हो रही है, जो बड़ी निशानी है. ग्रीक अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है जो आगे और विकास का फायदा उठाएगी."
संकट से मजबूत वापसी की ओर
एक समय पूरे यूरोजोन को डुबोने का खतरा बनने वाले कर्ज संकट से ग्रीस मजबूती के साथ बाहर निकला है, कम से कम कागजों पर. अब देश के सामने नई समस्याएं हैं. यूरोजोन के जिन बड़े देशों ने उसकी अर्थव्यवस्था पर भारी सुधारों का बोझ डाला था अब वही ठहराव का सामना कर रहे हैं.
कई सालों तक अंतरराष्ट्रीय बाजार से दूर रहने के बाद 2023 में ग्रीस की क्रेडिट रेटिंग में सुधार हुआ और अब वह निवेश के नक्शे पर लौट आया है. पिछले महीने जब सरकार के बेलआउट फंड ने देश के सबसे बड़े फाइरिस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेची तो यह आठ गुना ओवरसब्सक्राइब हुई.
हालांकि चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं. घटती जन्मदर और कामगारों की कमी दीर्घकालीन संभावनाओं के लिए खतरा बन रही हैं. जंगल की आग और बाढ़ जैसी जलवायु से जुड़ी आपदाएं सरकार के आर्थिक संसाधनों पर बड़ा बोझ डाल रही हैं.
संकट में अब भी घिसट रहे आम लोगों का कहना है कि उन्हें कोई बड़ा फर्क नजर नहीं आ रहा है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था के उबरने के फायदे को सभी लोगों तक पहुंचने में समय लगेगा. लंबे समये के लिए विकास निश्चित करने के लिए देश को पर्यटन, निर्माण और सेवा जैसे आर्थिक चालकों से अलग भी कुछ करना होगा.
ग्रीक द्वीपों पर रहने वाले मूल निवासी क्यों चिंतित हैं?
पड़ोसियों का बोझ
2022 में ग्रीस में हुए 7.5 अरब के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आधा हिस्सा फ्रांस और जर्मनी जैसे उत्तर यूरोपीय देशों से आया. ये देश कमजोर विकास से जूझ रहे हैं. ग्रीस कृषि उपज, ईंधन, फार्मास्यूटिकल जैसी चीजों का निर्यात करता है. इनमें से दो तिहाई यूरोपीय संघ में आता है और पिछले साल यह 9 फीसदी गिर गया. 2023 में आर्थिक विकास की दर 2 प्रतिशत ही रह सकी इसके पीछे यही पड़ोसियों का पिछड़ना ही वजह थी.
इकोनॉमिक थिंक टैंक आईओबीई के प्रमुख निकोस वेटास का कहना है, "यूरोप में विकास की कम संभावना ने ग्रीस पर दो तरह से असर डाला. एक तो आयात पर दबाव बढ़ा और दूसरे कर्ज महंगा हो गया."
ग्रीस का संकट और समाधान
कई दशकों तक टैक्स से बचने और आय से ज्यादा खर्च ने 2009 में ग्रीस को अपने चंगुल में दबोच लिया. तब देश मंदी में चला गया और सरकार ने जब बताया कि उसके आर्थिक संसाधनों में बड़ा गड्ढा है तो पूरी दुनिया हैरान रह गई.
2015 तक ग्रीस ने यूरोजोन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 280 अरब यूरो के तीन बेलआउट पैकेज पर दस्तखत किए. सरकार खर्च में कटौतियों को लागू करने पर सहमत हुई और सार्वजनिक क्षेत्र में वेतन और पेंशन को घटाने के उपाय लागू किए. इसके नतीजे में सालों के लिए देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया.
ग्रीस के सबसे बड़े पोर्ट का मालिक चीन
2018 में ग्रीस बेलआउट से उबरा और अपने बैंकिंग सिस्टम के सुधार के लिए जरूरी कर्जों के लिए सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर निर्भर हो गया. 2022 में उसने आईएमएफ का कर्ज उसकी तय समय सीमा से दो साल पहले लौटा दिया.
देश में मोटे तौर पर शांति है. एथेंस के जिस सिनतागमा चौक पर 10 साल पहले प्रदर्शनकारियों ने कटौती के उपायों का विरोध करने के लिए दंगारोधी पुलिस पर पेट्रोल बम फेंका था वहां अब खट्टे संतरे के पेड़ों की छांव में बैठ कर गीत गाने वाले सैलानियों का दिल बहला रहे हैं. 2023 में ग्रीस की मशहूर प्राचीन धरोहर एक्रोपोलिस को देखने आने वालों की संख्या 38 लाख को पार कर गई. संकट के समय की तुलना में यह संख्या चार गुना ज्यादा है.
असमानता खत्म नहीं हुई
हालांकि ग्रीस के बहुत से लोगों की जीवनशैली में देश के आर्थिक संकट से उबरने के बावजूद कोई फर्क नहीं आया है. बेरोजगारी की दर अब भी 10 फीसदी से ऊपर है जो स्पेन के बाद यूरोपीय संघ में सबसे ज्यादा है. यूरोस्टैट के आंकड़े दिखाते हैं कि ग्रीस में क्रय शक्ति के आधार पर प्रति नागरिक जीडीपी संघ में सबसे नीचे के देशों में एक है. श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक औसत मासिक वेतन यहां 1,175 यूरो है जो 15 साल पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत कम है.
ग्रीस को ऐसे क्षेत्रों का विकास करने की जरूरत है जहां निवेश लंबे समय के लिए हो जैसे कि बुनियादी ढांचे के निर्माण की परियोजनाएं और उत्पादन.
इस हफ्ते मजदूर संघ ने आम हड़ताल का आह्वान किया था. इसके बाद देश में बस, ट्रेन, जहाज और टैक्सियां नहीं चलीं और सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतर कर ऊंचे वेतन की मांग में नारे बुलंद किए. अर्थव्यवस्था डूबने पर जिन लोगों का सब कुछ डूब गया था वे तो उससे उबर भी नहीं पाए हैं.
पेरिक्लिज फ्रिगानास ने 2009 में बैंक से कर्ज लेकर एथेंस में अपनी मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की दुकान का विस्तार किया था. अगले छह सालों में आर्थिक संकट ने उनका टर्नओवर 90 फीसदी तक घटा दिया. उन्होंने अपनी दुकान 2020 में बंद कर दी और हाल ही में वह अपार्टमें छोड़ने पर भी मजबूर हो गये जो कर्ज के लिए गिरवी रखा था. इस अपार्टमेंट में वह अपनी बेरोजगार बीवी और तीन बेटों के साथ रहते थे. 61 साल के फ्रिगानास कहते हैं, "संकट ने बहुत से लोगों को तोड़ दिया और उनमें से एक मैं था. चीजें केवल अमीरों के लिए बेहतर हुई हैं, बाकी सब नुकसान झेल रहे हैं."
एनआर/वीके (रॉयटर्स)