ग्रीस में वामपंथी सीरिजा पार्टी की जीत के बाद पूरे देश में लोग जश्न मना रहे हैं जबकि यूरोपीय नेता इस खेल में लग गए हैं कि बचत और कटौतियों का विरोध करने वाली ग्रीस की नई सरकार की क्या नीति होगी और उससे कैसे निबटा जाएगा.
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ग्रीस के लोगों में जोरदार उत्साह है. सीरिजा पार्टी के दसियों हजार समर्थक और सदस्य 40 वर्षीय स्टार नेता अलेक्सिस सिप्रास के नेतृत्व में हुई जीत की खबर आने के बाद रात भर जश्न मनाते रहे. राजधानी और सारे देश में वे पार्टी का झंडा और अपनी मांगों का बैनर लेकर घूमते रहे. समर्थकों में ऐसे लोग भी शामिल थे जो परंपरागत रूप से वामपंथियों के समर्थक नहीं रहे हैं. 52 वर्षीय शिक्षक वासोस कापारोस ने कहा, "हमारे लिए मामला साफ था. कंजरवेटिव पार्टी की सरकार ने हमें कोने में धकेल दिया था. अब हमने उन्हें जवाब दे दिया है."
कापारोस के चार बच्चों में तीन बेरोजगार हैं और एक बेटा देश छोड़कर नीदरलैंड चला गया है. पिछले चार सालों में उनकी आय लगभग आधी हो गई है, "मैं वामपंथी नहीं था. इन लोगों ने मुझे बना दिया." 76 वर्षीय डॉक्टर स्पाइरोस कारास भी खुश हैं. वे परंपरागत वामपंथी परिवार से आते हैं. उनके कई परिवार वालों को 1947-49 के ग्रीस के गृहयुद्ध के दौरान देशनिकाला देकर माक्रोनिसोस द्वीप पर भेज दिया गया था. साम्यवाद का अपना पुराना सपना उन्होंने छोड़ दिया था, लेकिन अब कहते हैं, "अब नई दवा बह रही है. जनता बर्दाश्त न करने लायक बचत के विरोध में उठ खड़ी हुई है.
ग्रीस की बहुमत जनता सिप्रास के समर्थन में है, लेकिन यह अब तक की सरकार की नीतियों की प्रतिक्रिया लगती है. लेकिन सारी उम्मीदों के बावजूद लोग हकीकत के धरातल पर हैं. 23 वर्षीया हेयरड्रेसर अनीता स्केरी कहती है, "हमें कोई भ्रम नहीं है, कल हमारे लिए रोजगार नहीं आ जाएगा." लेकिन वे बताती हैं कि हारे हुए प्रधानमंत्री का चेहरा देखना अच्छा बदला था. वे कंजरवेटिव प्रधानमंत्री को ग्रीस की हालत के लिए जिम्मेदार मानती हैं. स्केरी को पता नहीं कि सिप्रास के शासन में हालत बेहतर होगी या नहीं, लेकिन वे कहती हैं, "और खराब क्या होगी."
वामपंथियों की जीत के साथ ग्रीस की समस्या खत्म नहीं हो गई है. नई सरकार बन गई है, लेकिन समस्याएं वहीं हैं. सिप्रास की सीरिजा पार्टी को 300 सीटों वाली संसद में सिर्फ 149 सीटें मिली हैं. बहुमत सरकार बनाने के लिए वे छोटी पार्टियों से बात कर रहे हैं ताकि पुरानी सरकार की बचत नीति को पलट सकें. लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या यूरोपीय देशों को कर्जमाफी के लिए मनाने की होगी. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के नेतृत्व में यूरोपीय संघ का एक धड़ा सरकार की संतुलित खर्च वाली नीति की वकालत करता रहा है. विकास के लिए सरकारी निवेश वाले धड़े को ग्रीस के चुनावों से हवा मिली है.
एमजे/आईबी (डीपीए)
ग्रीस का प्राचीन अजूबा: ऐंफीपोलिस
सिकंदर महान के समय का एक मकबरा ग्रीस के ऐंफीपोलिस में पाया गया. ईसा पूर्व 300 से 325 के बीच की इस मजार में एक प्राचीन ग्रीक शख्सियत के अवशेष मिलने की उम्मीद इसे बेहद खास बनाती है.
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महिलाओं की नजर
2014 में उत्तरी ग्रीस के ऐंफीपोलिस की खुदाई में दो महिलाओं की मूर्तियां मिलीं. इन्हें कैरियाटिड्स के नाम से जाना जाता है. लम्बे लबादे पहने और घुंघराले बालों वाली ये दो मूर्तियां मकबरे के दूसरे द्वार की निगरानी करती हैं.
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हाथों का इशारा
दो में से एक महिला आकृति का चेहरा साफ नहीं लेकिन धड़ा ठीक है. ग्रीस के संस्कृति मंत्रालय के एक बयान में बताया गया, "एक का बायां और दूसरी का दायां हाथ इस तरह के उठे हैं जैसे किसी को भी मकबरे के अंदर ना जाने का इशारा कर रहे हों."
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बिना सिर वाला जोड़ा
ये दो स्फिंक्स मकबरे के मुख्य द्वार की निगरानी करते हैं. पुरातत्वविदों का अनुमान है कि सिर और पंख के साथ ये 6 फीट से भी ऊंचे रहे होंगे. यहीं से एक चौड़ा रास्ता मकबरे के प्रवेश द्वार तक ले जाता है. यह ग्रीस में मिली अब तक की सबसे बड़ी कब्रगाह है.
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शाही दहाड़
संगमरमर का बना यह शेर 17 फीट से भी ऊंचा है. अनुमान है कि यह मकबरे के ऊपर रहा होगा. इसे 1912 में ग्रीक सेना ने खोज निकाला था. इसके बड़े आकार और मूर्तियों को देख कर अंदाज है कि यहां सिकंदर के जमाने की कोई बड़ी हस्ती ही दफ्न होगी. शायद उनके परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई बड़ा ओहदेदार.
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मुश्किल प्रक्रिया
ऐंफीपोलिस में खुदाई का काम 2012 में शुरु हुआ. इस ऑपरेशन की मुख्य पुरातत्वविद् कातरीना पेरिस्तरी बताती हैं, "हम सर्जनों की तरह धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं." यह मकबरा ग्रीस के मकदूनिया इलाके में स्थित है और आकार के मामले में सिकंदर के पिता की कब्र से भी बड़ा है. माना जाता है कि सिकंदर को मिस्र में कहीं दफ्न किया गया था.
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बारीकियों पर ध्यान
यह मार्बल पैनल उस जगह पर मिला जो मजार की बाहरी दालान जैसा लगता है. इस किस्म की नक्काशी देखकर अंदाजा लगता है कि इसे बनवाने वालों का धन और वैभव कैसा रहा होगा. माना जाता है कि ऐंफीपोलिस में ही सिकंदर की पत्नी और बेटे की हत्या हुई थी जब चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में मेसेडोनियन जनरल कास्सेंडर ने इस इलाके पर विजय हासिल की थी. संभव है कि यहां उन्हीं की कब्रें हों.
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संगमरमर की श्रृंखलाएं
यहां की दीवारों पर काफी दूरी तक मार्बल लगी मिली है. विशेषज्ञों ने बताया है कि इस तरह की संरचना में सिकंदर महान के मुख्य आर्किटेक्ट दाइनोक्रेट्स ऑफ रोंस की छाप मिलती है. इसी आर्किटेक्ट ने आलेक्जांड्रिया शहर का निर्माण किया था.
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जुड़ी हैं बड़ी उम्मीदें
यह ऐंफीपोलिस का हवाई नजारा है जो ग्रीस के सेरिस शहर के दक्षिण में स्थित है. ग्रीस सरकार इसे पुरातत्व और इतिहास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण खोज मान रही है. यहां किनकी कब्रें हैं यह पता करने की कोशिशें जारी हैं. मगर खुद सिकंदर की कब्र कहां है यह आज भी रहस्य है.