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ग्रीस में होगा जनमत संग्रह, यूरोजोन में नया संकट

१ नवम्बर २०११

ग्रीक प्रधानमंत्री जॉर्ज पापांद्रेऊ ने यह घोषणा कर यूरो जोन को नए संकट में डाल दिया है कि सरकार की बचत योजना व यूरोपीय संघ के नए राहत पैकेज पर जनमत संग्रह होगा. कर्ज से निपटने के लिए ब्रसेल्स मे बड़ी जद्दोजहद से डील हुई.

पापांद्रेऊ ने कहा, वोटर तय करेंगे ग्रीस का भविष्यतस्वीर: dapd

यूरो जोन के नेता ग्रीस को 130 अरब यूरो का दूसरा राहत पैकेज देने और उसके विशाल कर्ज का आधा बोझ कम करने पर सहमत हुए थे ताकि उसे दिवालिया होने से बचाया जा सके. लेकिन प्रधानमंत्री पापांद्रेऊ का कहना है कि जिन वित्तीय कदमों और ढांचागत सुधारों की मांग अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता कर रहे हैं, वह उन पर व्यापक राजनीतिक समर्थन चाहते हैं. सरकारी खर्चों में कटौती की योजनाओं को आगे बढ़ा रही पापांद्रेऊ की सत्ताधारी सोशलिस्ट पार्टी से पहले कई बड़े नेता अलग हो चुके हैं.

लंदन स्थित शेयर दलाली से जुड़ी एक कंपनी बीजीसी पार्टनर्स के वरिष्ठ रणनीतिकार हावर्ड व्हीलडन कहते हैं, "मान लीजिए कि अगर जनमत संग्रह होता है तो यह तय है कि वे बड़ी बचत की योजना को नहीं मानेंगे. यानी ताश के पत्तों को नए सिरे फेंटना होगा."

ग्रीस में वेतन, पेंशन और सरकारी सुविधाओं में कटौती का व्यापक विरोध हो रहा हैतस्वीर: dapd

जनमत संग्रह पर सवाल

जानकारों का कहना है कि यह जनमतसंग्रह अगले साल की शुरुआत में हो सकता है और यह लगभग 40 सालों में दूसरा मौका होगा जब ग्रीस में जनमतसंग्रह होगा. ताजा सर्वे बताते हैं कि ज्यादातर ग्रीक लोगों ने राहत पैकेज को नकारात्मक दृष्टि से देखा है.

इस वक्त ग्रीस दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. सरकार विशाल कर्ज को कम करने और अंतरराष्ट्रीय राहत ऋण लेने की कोशिश कर रही है. लेकिन सरकार की बचत योजना के नतीजे में बढ़ती महंगाई के बीच लोगों के वेतन, पेंशन और सरकारी सुविधाओं में कटौती हो रही है.

जनमत संग्रह कराने के फैसले पर मिलने वाली शुरुआती प्रतिक्रियाओं ने पापांद्रेऊ पर देश के भविष्य से खेलने का आरोप लगाया गया है. साथ ही सांसदों ने इसकी संवैधानिक वैधता पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अगर जनमत संग्रह का नतीजा "नहीं" हुआ तो उन्हें इस्तीफा देकर देश में नए चुनाव कराने होंगे.

ग्रीस संकट के कारण पूरे यूरो जोन की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैंतस्वीर: AP

नोबेल पुरस्कार जीत चुके अर्थशास्त्री क्रिस्टोफर पिस्सारीदेस कहते हैं, "यह कहना मुश्किल है कि अगर जनमत संग्रह में बचत योजना को खारिज कर दिया जाता है तो ग्रीस का क्या होगा. लेकिन यूरोपीय संघ और यूरो जोन के लिए यह खास तौर से शर्मिंदगी भरा होगा. जनमत संग्रह का नतीजा "नहीं" होने की सूरत में ग्रीस तुरंत खुद को दिवालिया घोषित कर देगा. मुझे नहीं लगता कि वे यूरो में रहेंगे." यूरोप के 17 देशों में साझा मुद्रा यूरो चलती है और इस पूरे क्षेत्र को यूरो जोन कहते हैं.

बाजार डावांडोल

विश्लेषक इस बात पर बंटे हुए हैं कि क्या ग्रीक मतदाता डील को स्वीकार करेंगे या नहीं, लेकिन एक बात पक्की है कि अगले महीनों में बाजार में भारी उतार चढ़ाव का दौर रहेगा. जीएफटी फॉरेक्स, न्यू जर्सी में मुद्रा शोध की निदेशक कैथी लीन का कहना है, "इससे बाजार में फिर अस्थिरता और अनिश्चितता आएगी और डील के लिए यूरोपीय संघ की तरफ से की गई तमाम कोशिशें व्यर्थ हो जाएंगी. 60 प्रतिशत लोग इस डील के विरोध में हैं तो इसे पास कराना एक चुनौती है. अगर यह पास हो जाती है तो इससे बड़ी राहत मिलेगी लेकिन जिस तरह के हालात मौजूद हैं, ऐसा होना बहुत मुश्किल दिखता है."

ग्रीक प्रधानमंत्री की घोषणा का बाजार पर बुरा असर देखने को मिला है. यूरो में डॉलर के मुकाबले फिर गिरावट देखने को मिली है. वहीं ग्रीस में विपक्षी न्यू डेमोक्रेसी पार्टी के नेता एंतोनिस सामारास मंगलवार को राष्ट्रपति कारोलोस पापौलियास से मिल कर ताजा घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे और ताजा चुनाव कराने के लिए जोर डालेंगे. पार्टी प्रवक्ता यानिस मिशेलाकिस का कहना है, "पापांद्रेऊ खतरनाक हैं. उन्होंने ग्रीस की यूरोपीय संघ की सदस्यता को सिक्के की तरह हवा में उछाल दिया है. वह सरकार नहीं चला सकते. सम्मानजनक तरीके से हटने की बजाय वह सब कुछ उड़ा रहे हैं."

बड़ी जद्दोजहद के बाद यूरोपीय नेताओं के बीच डील हुई जिस पर अब जनमत संग्रह से नया खतरा मंडराने लगा हैतस्वीर: dapd

'आप तय करें ग्रीस का भविष्य'

उधर पापांद्रेऊ ने देश के मतदाताओं से कहा है कि अब देश का भाग्य तय करना उनके हाथ में है. उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, "हम नागरिकों पर भरोसा करते हैं, हम उनके फैसले में विश्वास करते हैं. कुछ ही हफ्तों में यूरोपीय संघ के समझौते से नया लोन मिलेगा. हमें तय करना होगा कि हम इसे स्वीकार कर रहे हैं या खारिज कर रहे हैं."

बीते 40 सालों में ग्रीस के सबसे बड़े संकट से निपट रहे पापांद्रेऊ ने कहा है कि जनमत संग्रह आने वाले कुछ हफ्तों में होगा. वित्त मंत्री इवांगेलोस वेनिजेलोस ने ग्रीक टीवी को बताया कि यह संभवतः अगले साल के शुरुआत में कराया जाएगा.

रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/ए कुमार

संपादनः महेश झा

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