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ग्रैफिटी वाला किला

८ सितम्बर २०११

स्कॉटलैंड का केलबर्न कासल वहां के अन्य सैकड़ों किलों जैसा ही है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसकी दीवारों पर ग्रैफिटी बनी हुई है. अब इसे यहां से हटाने की बात चल रही है.

Kelburn Castle, located near the seaside town of Largs in Scotland. It is the seat of the Earl of Glasgow, whose family has occupied the castle for the last 800 years. In 2007, the Earl invited four Brazilian graffiti artists to create a work of art on one of the walls as a temporary measure. The Graffiti Project used 1500 cans of spray paint to decorate the 13th-century castle. It is now among the top ten worldwide examples of street art. Copyright: carlos alba medie, Quelle: Eva Wutke, DW/Englisch
केलबर्न कासलतस्वीर: carlos alba media

इस ग्रैफिटी को लोगों ने रात के अंधेरे में पुलिस से छिप कर नहीं बनाया, बल्कि 2007 में इसे खास तौर पर यहां बनवाया गया. पिछले आठ सौ सालों से यह किला ग्लासगो के अर्ल की संपत्ति है. उन्होंने ही खास तौर से ब्राजील से चार ग्रैफिटी आर्टिस्ट्स को यहां इसे बनाने के लिए बुलाया.

13 वीं शताब्दी के इस किले की एक दीवार पर ग्रैफिटी बनाने के लिए स्प्रे पेंट की 1500 बोतलों का इस्तेमाल हुआ. इस ग्रैफिटी ने किले को इतना लोकप्रिय बना दिया कि इसका नाम दुनिया की बेहतरीन 10 स्ट्रीटआर्ट में गिना जाने लगा.

केलबर्न कासल के अर्ल पेट्रिक बॉयलतस्वीर: carlos alba media

सांस्कृतिक धरोहर का अपमान?

तब से अब तक यहां सैलानियों की बड़ी भीड़ उमड़ने लगी है. लेकिन इस ग्रैफिटी के लिए तीन साल की समय सीमा तय की गई थी. तीन साल बाद यानी पिछले साल ही इसे यहां से हटा देना था, जो अब तक नहीं हुआ है. ऐसा इसलिए कि केलबर्न कासल के अर्ल पेट्रिक बॉयल ने स्कॉटलैंड सरकार के ऐतिहासिक इमारतों की देखभाल करने वाले विभाग 'हिस्टॉरिक स्कॉटलैंड' से मांग की है कि इसे यहां से न हटाया जाए.

अर्ल की इस मांग ने यूरोप में ऐतिहासिक इमारतों की देखभाल पर सवाल खड़ा कर दिया है. जहां एक तरफ यह ग्रैफिटी लोगों का दिल जीत रही है, वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह सांस्कृतिक धरोहर का अपमान है.

दुनिया की बेहतरीन स्ट्रीटआर्ट

2007 में जब 72 वर्षीय पेट्रिक बॉयल के बच्चों ने उन्हें यह सलाह दी तो वह थोड़ा हिचकिचाए. उनके बेटे डेविड और बेटी एलिस की पहचान ब्राजील के कलाकारों से हुई और उन्होंने ही इस बारे में सोचा. शुरू में अर्ल को यह थोड़ा अटपटा लगा. वह बताते हैं, "दरअसल उस समय हम किले की दीवारों की मरम्मत के बारे में सोच रहे थे. फिर हमने सोचा कि किले की एक दीवार पर ग्रैफिटी बनवाने का यह अच्छा मौका है."

तस्वीर: carlos alba media

जब लोगों ने दिलचस्पी दिखानी शुरू की तो अर्ल को अपने फैसले से खुशी होने लगी. अब वह नहीं चाहते कि यह ग्रैफिटी यहां से हटे. वह कहते हैं, "मुझे यह ख्याल आया कि अगर यह दुनिया की बेहतरीन स्ट्रीटआर्ट में से एक है तो फिर इसे यहां से हटाना तो पागलपान होगा. इसीलिए मैंने हिस्टॉरिक स्कॉटलैंड को लिखा कि हमेशा के लिए न सही, लेकिन आने वाले कुछ समय के लिए तो इसे यहां रहने दें."

हिस्टॉरिक स्कॉटलैंड के प्रवक्ता के अनुसार मामले पर विचार चल रहा है. हालांकि कुछ अधिकारियों का भी यह मानना है कि स्कॉटलैंड के लिए इस ग्रैफिटी का यहां होना गर्व की बात है, लेकिन इसके यहां रहने की उम्मीद कम ही दिख रही है.

नए और पुराने में संतुलन

'रॉयल इनकॉरपोरेशन ऑफ आर्किटेक्ट्स इन स्कॉटलैंड' के सचिव और कोषाध्यक्ष नील बैक्स्टर का कहना है कि स्कॉटलैंड के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बेहद संजीदगी से लेते हैं. लेकिन उनका यह भी मानना है कि नए और पुराने में एक संतुलन की जरूरत है और पुरानी इमारतों को नया रूप देने से कतराना ठीक नहीं है. बैक्स्टर कहते हैं, "यदि इमारत अच्छी हालत में है तो ऐसा कुछ करने में कोई हर्ज नहीं है, आप चाहें तो दीवारों पर गुलाबी रंग कर दें."

बैक्स्टर का मानना है कि इमारतों को संग्राहलय नहीं समझना चाहिए, बल्कि उन्हें भी वक्त के साथ बदलना चाहिए. उनके शब्दों में, "इमारतों के बेजान होने का कोई फायदा नहीं है. उनमें जान फूंकने के लिए पुरानी इमारतों में नए डिजाइन लाने की जरूरत है." पर साथ ही वह यह भी मानते हैं कि हर इमारत के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता, "आपको यह बात तो माननी ही होगी कि कभी न कभी हम इन इमारतों को खो देंगे."

रिपोर्ट: लिलियान मेकडॉवल/ ईशा भाटिया

संपादन: वी कुमार

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