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ग्लोबल मीडिया फोरम में असमानताओं पर चर्चा

मथियास फॉन हाइन
८ जून २०१८

सोमवार से बॉन में 11वां ग्लोबल मीडिया फोरम शुरू हो रहा है जिसमें 2000 भागीदार असमानता पर चर्चा करेंगे. बहस का मुद्दा ये है कि असमनता पर मीडिया किस तरह रिपोर्ट करे और उसे दूर करने के लिए क्या किया जाए.

Global Media Forum GMF 2018

वैश्विकीकरण से आर्थिक विकास और असामनता के दूर होने की उम्मीद थी, लेकिन स्थानीय असमानताएं तो दूर हुई नहीं, वैश्विक असमानताएं भी सामने आ गईं. यही इस साल के सम्मेलन का मुख्य विषय भी है.

ग्लोबल मीडिया फोरम इस बीच जर्मनी के महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मीडिया सम्मेलनों में गिना जाता है जिसमें इस साल 120 देशों के 2000 लोग भाग ले रहे हैं. डॉयचे वेले के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग इसे "बहुत से देशों के पत्रकारों, मीडिया प्रतिनिधियों और मीडिया तथा प्रेस स्वतंत्रता के समर्थकों के साथ संवाद का अभूतपूर्व मंच मानते हैं." वे कहते हैं कि डॉयचे वेले विचारों के इस आदान प्रदान और संवाद से बहुत कुछ सीख सकता है.

पेटर लिम्बुर्गतस्वीर: DW/H. W. Lamberz

बदलाव का वाहक

विकासशील देशों से करीब 100 पत्रकार सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. फोरम की आयोजक वेरिचा स्पासोव्स्का का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों से खास तौर से काफी प्रविष्टियां आई हैं. वैश्विक असामनताओं के विभिन्न पहलुओं पर सम्मेलन के दौरान 60 गोष्ठियों में विचार किया जाएगा. इनमें राजनीतिक स्तर पर यूरोपीय संघ की डिजिटल कमिसार मारिया गाब्रिएल और अफगान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई जैसे राजनीतिज्ञ भाग लेंगे. सम्मेलन से पहले एक इंटरव्यू में करजई ने अफगानिस्तान की बुरी हालत के लिए पाकिस्तान और अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है.

व्यावहारिक स्तर पर पत्रकार युसूफ ओमर सम्मेलन में भाग लेंगे जो मोबाइल रिपोर्टिंग के पायनियर माने जाते हैं. वे भागीदारों को बताएंगे कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल किस तरह से असामनता को दूर करने के लिए किया जा सकता है. वे कहते हैं, "जब कलम तलवार से ज्यादा ताकतवर होती है तो मोबाइल टेलिफोन बदलाव का सबसे ताकतवर वाहक है."

डॉयचे वेले के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग का कहना है कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि जहां असंतुलन है, जहां असमानताओं को सामान्य समझा जाता है और किस तरह उसके खिलाफ कदम उठाया जा सकता है. भले ही विश्व में पूर्ण समानता संभव न हो लेकिन सब के लिए समान हक के लिए प्रयास तो होने ही चाहिए. सम्मेलन के दौरान फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड दिया जाएगा और लिम्बुर्ग प्रखर बुद्धिजीवी नावेद किरमानी के साथ यूरोप के भविष्य पर चर्चा करेंगे.

युसूफ ओमरतस्वीर: DW/H. W. Lamberz

इंटरएक्टिव सम्मेलन

इस बार गोष्ठियों का आयोजन इस तरह किया गया है कि जो लोग बॉन नहीं आ पाएंगे वे भी सम्मेलन की कार्यवाहियों में इंटरनेट के माध्यम से भाग ले पाएंगे. गोष्ठियों को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा और ट्विटर के जरिए लोग अपने सवाल और टिप्पणियां भेज सकेंगे और बहस में हिस्सा ले सकेंगे. पिछले साल करीब 40,000 लोगों ने लाइव स्ट्रीमिंग देखा था.

इस साल सम्मेलन की नई बात ये भी होगी कि तीसरा दिन मीडिया इनोवेशन दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन चर्चा का विषय मीडियाकर्मियों के लिए डिजिटलाइजेशन की चुनौतियां और और उसके मौके होंगे. यहां लोग आधे आधे घंटे पर माइंड टॉक्स के लिए आएंगे, अपने विचार रखेंगे और उस पर लोगों के साथ चर्चा करेंगे. सम्मेलन के दौरान ढेर सारे वर्कशॉपों में लोगों के लिए कुछ नया देखने और सीखने का भी मौका होगा.

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