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घर का काम सिर्फ औरत ही क्यों करे?

१० मार्च २०१६

कहते हैं मकान को घर में तब्दील औरत ही करती है. तो क्या घर की सारी जिम्मेदारी औरत की ही है? क्या मर्दों को घर के कामों में हाथ नहीं बंटाना चाहिए?

Symbolbild Hausarbeit Haushalt Wäsche waschen Waschmaschine
तस्वीर: Fotolia/lightpoet

विज्ञापनों का अंदाज बदल रहा है. लोगों का ध्यान खींचना, ऐसी आसान सी टैगलाइन देना जो सबकी जबान पर चढ़ जाए, यह तो आज भी केंद्र में है ही. लेकिन साथ ही सामाजिक संदेश देने की भी लगातार कोशिश हो रही है. धीरे धीरे विज्ञापनों में महिलाओं की छवि बदल रही है. एक जमाना था जब महिलाएं अधिकतर साड़ी पहने खाना बनाती, बच्चों का ध्यान रखती, आदर्श मां, आदर्श पत्नी और आदर्श बहु के किरदार में ही दिखती थीं. आज उनका लिबास कुछ बदला है. साड़ी की जगह कई बार उन्हें पश्चिमी लिबास में देखा जाता है. कपड़े भले ही बदल गए हों लेकिन सोच अभी शायद बहुत ज्यादा नहीं बदल पाई है.

हाल ही में आया एरियल का विज्ञापन इसी सोच पर एक कटाक्ष है. महिला कामकाजी है, क्लाइंट को ईमेल भी लिख रही है और साथ ही घर के काम भी संभाल रही है, दफ्तर के फोन भी सुन रही है और पति की फरमाइशें भी. #ShareTheLoad की टैगलाइन दे कर कंपनी ने पुरुषों से महिलाओं के काम में हाथ बंटाने की अपील की है. यह विज्ञापन केवल भारत में ही नहीं, दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह चर्चा में तब आया जब फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग ने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर किया. सैंडबर्ग ने सभी पतियों से अपनी पत्नियों की काम में मदद करने की अपील भी की.

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