घाना में महिलाएं चलाने लगी हैं ट्रक
९ मई २०१९घाना में अब चर्च केवल धार्मिक संस्था ही नहीं बल्कि एक व्यवसाय बन चुका है.
ईश्वर के नाम पर चल रहा है चर्च कारोबार
घाना में अब चर्च केवल धार्मिक संस्था ही नहीं बल्कि एक व्यवसाय बन चुका है. यहां स्वयं को ईश्वर का दूत कहने वाले नए नेताओं की एक जमात भी उभरी है. धन और स्वास्थ्य के वादों ने इनकी तिजोरियों को पैसों से लबालब भर दिया है.
सेलिब्रिटी प्रचारक
तस्वीर में नजर आ रहे शख्स है डेनियल ओबिनिम. जब यह महज 40 साल के थे, तब इन्होंने चर्च के लिए रास्ते बनाने शुरू किए. डेनियल कहते हैं कि जीसस ने इन्हें 20 घर, आठ रेंज रोवर, पांच एसयूवी और तीन क्रिसलर कार दी हैं. डेनियल ने घाना के तीन बड़े चर्चों को बनवाया है. खुद को जीसस का भक्त कहने वाले डेनियल को फिलहाल एक पत्रकार को टक्कर मारने और एक प्रेमी जोड़े को सजा देने के चलते गिरफ्तार किया गया है.
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
अफ्रीकी महाद्वीप में इवानजेलिक, पेंटिकोस्टल और केरिसमेटिक चर्च अधिकतर लोगों को आकर्षित करते हैं. अमेरिका के पियू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 के दौरान घाना में करीब 30 लाख इवानजेलिक थे, जिनकी संख्या साल 2015 तक 55 लाख हो गई. पेंटिकोस्टल और केरिसमेटिक की संख्या साल 2000 में 65 लाख थी, जो साल 2015 तक बढ़कर एक करोड़ हो गई.
सड़कों के किनारे
घाना की सड़कों और चौराहों पर लगे विज्ञापन चर्च का रास्ता बताते नजर आते हैं. इनमें से अधिकतर को चर्चों के रूप में ही स्थापित किया गया था लेकिन आज इनमें से कई को यही स्व-घोषित ईश्वरीय दूत ही चला रहे हैं. यही खुदा का दूत है तो यही पादरी.
टीवी पर चलते हैं शो
घाना के ये चर्च नेता काफी शक्तिशाली हैं. उनके शब्द लोगों तक पहुंचते रहते हैं. इनके टीवी और वेब चैनल भी हैं, जिनकी पहुंच काफी दूर तक है. यह तस्वीर एक लाइव कार्यक्रम के दौरान बैकस्टैज से ली गई थी.
साउंड सिस्टम है जरूरी
चाहे चर्च बढ़ा हो या छोटा, उसके पास कोई साउंड सिस्टम न हो ऐसा हो नहीं सकता. यहां तेज वॉल्यूम पर संगीत बजता है. फिर चाहे रविवार का दिन या सप्ताह का मध्य. यह शोर उनके लिए झेलना मुश्किल हो जाता है, जिन्हें इसकी आदत नहीं है और उनके लिए भी जो आसपास काम करते हैं.
युवा लोगों का जमावड़ा
युवा वर्ग इस चर्च समुदाय का मजूबत हिस्सा है. इवानजेलिक, पेंटिकोस्टल और केरिसमेटिक चर्च में काफी समानताएं हैं. यहां बाइबल है, धन पर जोर दिया जाता है, जादूई शक्तियों पर विश्वास बढ़ाया जाता है, बीमारी और परेशानी से निबटने का उपचार दिव्य शक्तियों में खोजने की शिक्षा दी जाती है.
भगवान के शब्द
रेडियो यहां के स्व-घोषित ईश्वरीय दूतों के लिए बेहद ही अहम है. आप इनके भाषण दिन भर किसी न किसी रेडियो चैनल पर सुन सकते हैं. ये स्व-घोषित ईश्वरीय दूत दावा करते हैं कि इन्हें भगवान के शब्द सुनाई देते हैं. फिर ये शब्द इन्हें राजनीति और किसी समाचार की भविष्यवाणी करने में मदद करते हैं.